सायरा बानो की ख़्वाहिशें
दिलकश अदाकारा और दिलीप कुमार की पत्नी गई हैं सायरा बानो 71 साल की हो। कुछ पूरी ख़्वाहिशों और फ़िल्मी उतार-चढ़ाव पर एक नज़र। हाल ही में अपना 71 वां जन्मदिन मनाने वाली सायरा बानो अपनी अदाकारी की वजह से कम बल्कि अपनी ख़ूबसूरती की वजह से ज्यादा मशहूर रहीं।
इस दिलकश अदाकारा ने 60 और 70 के दशक में अपनी मजबूत मौजूदगी दर्ज कराई। 23 अगस्त 1944 जन्मी सायरा बानो का बचपन और शिक्षा लंदन में हुआ। लेकिन भारत आने के बाद वे फ़िल्म इंडस्ट्री में छा गईं।
अपने करियर में उन्होंने कई हिट फ़िल्में दीं। हर आम इन्सान की तरह ही सायरा ने बचपन में कुछ सपने संजोए थे, कुछ ख्वाहिशें पाली थीं। इनमें से कई पूरी भी हुईं। उन इच्छाओं की ही हम बात करने जा रहे हैं ......
पहली ख़्वाहिश
सायरा चाहती थीं कि वे अपनी मां यानी नसीम बानो की तरह ही खूबसूरत हो जाएं। उन्हें लोग ब्यूटी क्वीन कह कर बुलाएं। इसके लिए वे हमेशा अल्लाह से दुआ भी मांगती थीं।
उनकी दुआ क़बुल भी हुई। तभी तो फ़िल्म इंडस्ट्री में उन्हें लोग उनकी अदाकारी से ज्यादा खूबसूरती के लिए जानते हैं।
उनकी दुआ क़बुल भी हुई। तभी तो फ़िल्म इंडस्ट्री में उन्हें लोग उनकी अदाकारी से ज्यादा खूबसूरती के लिए जानते हैं।
दूसरी ख़्वाहिश
सायरा की दूसरी ख़्वाहिश थी कि वे मिसेज दिलीप कुमार बनें। कुछ उतार चढ़ाव के बाद यह सपना भी पूरा हुआ। सायरा दिलीप कुमार की बचपन से ही फैन थीं, लेकिन जब वे फ़िल्म इंडस्ट्री में आई, तो उनकी आंखें दूसरे अभिनेताओं से भी चार हुईं।
मसलन उनके इश्क़ के चर्चे जॉय मुखर्जी और राजेन्द्र कुमार से भी रहे। कहा जाता है कि जब शादीशुदा और बच्चेदार राजेन्द्र कुमार के प्यार में सायरा डूबी हुईं थी, तो सायरा की मां ने काफ़ी समझाया। मां की एक भी बात सायरा को समझ नहीं आ रही थी। तब ऐसे में नसीम बनो ने दिलीप कुमार से सायरा को समझाने की इल्तजा की।
मसलन उनके इश्क़ के चर्चे जॉय मुखर्जी और राजेन्द्र कुमार से भी रहे। कहा जाता है कि जब शादीशुदा और बच्चेदार राजेन्द्र कुमार के प्यार में सायरा डूबी हुईं थी, तो सायरा की मां ने काफ़ी समझाया। मां की एक भी बात सायरा को समझ नहीं आ रही थी। तब ऐसे में नसीम बनो ने दिलीप कुमार से सायरा को समझाने की इल्तजा की।
अब जब दिलीप समझाने आए, तो सायरा ने बेखौफ़ होकर उनके सामने ही शादी का प्रस्ताव रख दिया। पहले तो दिलीप कुमार कुछ झिझके, क्योंकि वो उम्र में सायरा से काफ़ी बड़े थे और इसी वजह से कई फ़िल्मों में साथ काम करने से मना भी कर चुके थे।
ऐसे में शादी करना उन्हें ठीक नहीं लगा। लेकिन परिवार के सदस्यों ने उन्हें समझाया, तो दिलीप कुमार ने सायरा से शादी की हामी भर दी।
वह दिन भी सायरा की ज़िदगी में आ ही गया, जब उनकी दूसरी सबसे बड़ी इच्छा पूरी हो गई। जी हां, 25 साल में सायरा 44 साल के दिलीप कुमार की दुल्हन बनीं और अभी तक दोनों का साथ बना हुआ है।
ऐसे में शादी करना उन्हें ठीक नहीं लगा। लेकिन परिवार के सदस्यों ने उन्हें समझाया, तो दिलीप कुमार ने सायरा से शादी की हामी भर दी।
वह दिन भी सायरा की ज़िदगी में आ ही गया, जब उनकी दूसरी सबसे बड़ी इच्छा पूरी हो गई। जी हां, 25 साल में सायरा 44 साल के दिलीप कुमार की दुल्हन बनीं और अभी तक दोनों का साथ बना हुआ है।
फ़िल्मी सफ़र
सायरा बानो का जन्म 23 अगस्त 1944 को हुआ था। वे तीस और चालीस के दशक की मशहूर अदाकारा नसीम बानो की पुत्री थीं। नसीम का ब्यूटी क्वीन कहा जाता था।
ख़ैर, सत्रह साल की उम्र में यानी वर्ष 1960 में सायरा भारत आ गईं। यहां आने के बाद उनकी मुलाक़ात निर्माता-निर्देशक शशिधर मुखर्जी से हुई, जिन्होंने उनकी प्रतिभा को देखते हुए अपने भाई सुबोध मुखर्जी सं मिलने की सलाह दी।
उस समय सुबोध अपनी नई फ़िल्म जंगली 'के लिए अभिनेत्री तलाश रहे थे। सायरा से मिलते ही, उन्होंने अपनी फ़िल्म में काम करने का प्रस्ताव दिया। जिसे सायरा ने झट से स्वीकार कर लिया।
वर्ष 1961 में प्रदर्शित इस फ़िल्म में शम्मी कपूर के साथ वे मुख्य भूमिका में थीं और इस फ़िल्म ने सफ़लता भी हासिल की। इसके संगीत आज भी लोगों के ज़ुबान पर तारी हैं और इसी फ़िल्म ने शम्मी का स्टार बना दिया था और सायरा का अदाकारा।
ख़ैर, सत्रह साल की उम्र में यानी वर्ष 1960 में सायरा भारत आ गईं। यहां आने के बाद उनकी मुलाक़ात निर्माता-निर्देशक शशिधर मुखर्जी से हुई, जिन्होंने उनकी प्रतिभा को देखते हुए अपने भाई सुबोध मुखर्जी सं मिलने की सलाह दी।
उस समय सुबोध अपनी नई फ़िल्म जंगली 'के लिए अभिनेत्री तलाश रहे थे। सायरा से मिलते ही, उन्होंने अपनी फ़िल्म में काम करने का प्रस्ताव दिया। जिसे सायरा ने झट से स्वीकार कर लिया।
वर्ष 1961 में प्रदर्शित इस फ़िल्म में शम्मी कपूर के साथ वे मुख्य भूमिका में थीं और इस फ़िल्म ने सफ़लता भी हासिल की। इसके संगीत आज भी लोगों के ज़ुबान पर तारी हैं और इसी फ़िल्म ने शम्मी का स्टार बना दिया था और सायरा का अदाकारा।
इसके बाद वर्ष 1963 में सायरा को मनमोहन देसाई की फ़िल्म 'ब्लफ मास्टर' में काम करने का मौका मिला और इसमें भी उनके नायक शम्मी कपूर ही थे। वर्ष 1964 में आई फ़िल्म 'आई मिलन की बेला' सुपरहिट साबित हुई और वे बतौर अभिनेत्री बॉलीवुड में स्थापित हो गईं।
इसके बाद वर्ष 1966 में उन्होंने दिग्गज अभिनेता दिलीप कुमार से अचानक शादी कर ली। हालांकि, शादी के बाद भी उन्होंने फ़िल्मों काम करना जारी रखा। वर्ष 1967 सायरा के करियर का अहम वर्ष साबित हुआ।
इस वर्ष जहां उन्हें अभिनेता राजकपूर के साथ पहली बार फिल्म 'दिवाना' में काम करने का अवसर मिला, वहीं उनकी फ़िल्म 'शार्गिद' टिकट खिड़की पर सुपरहिट साबित हुई।
इसके बाद वर्ष 1966 में उन्होंने दिग्गज अभिनेता दिलीप कुमार से अचानक शादी कर ली। हालांकि, शादी के बाद भी उन्होंने फ़िल्मों काम करना जारी रखा। वर्ष 1967 सायरा के करियर का अहम वर्ष साबित हुआ।
इस वर्ष जहां उन्हें अभिनेता राजकपूर के साथ पहली बार फिल्म 'दिवाना' में काम करने का अवसर मिला, वहीं उनकी फ़िल्म 'शार्गिद' टिकट खिड़की पर सुपरहिट साबित हुई।
वर्ष 1968 में प्रदर्शित फिल्म 'पड़ोसन' सायरा बानो के सिने करियर की सुपरहिट फिल्मों में शुमार की जाती है।
वर्ष 1970 में सायरा बानो ने मनोज कुमार के निर्माण और निर्देशन में बनी सुपरहिट फिल्म 'पूरब और पश्चिम' में काम किया।
इसमें उनका किरदार कुछ ग्रे शेड का था, इसके बाद भी उनहोंने दर्शकों का दिल जीता। वर्ष 1970 में प्रदर्शित फ़िल्म 'गोपी' में सायरा बानो ने अपने सिने करियर में पहली बार अभिनेता दिलीप कुमार के साथ काम किया।
इसके बाद दिलीप और सायरा बानो की जोड़ी ने 'सगीना', 'बैराग' और 'दुनिया' जैसी फ़िल्मों में एक साथ काम किया।
इसमें उनका किरदार कुछ ग्रे शेड का था, इसके बाद भी उनहोंने दर्शकों का दिल जीता। वर्ष 1970 में प्रदर्शित फ़िल्म 'गोपी' में सायरा बानो ने अपने सिने करियर में पहली बार अभिनेता दिलीप कुमार के साथ काम किया।
इसके बाद दिलीप और सायरा बानो की जोड़ी ने 'सगीना', 'बैराग' और 'दुनिया' जैसी फ़िल्मों में एक साथ काम किया।
वर्ष 1975 में सायरा को ऋषिकेष मुखर्जी के निर्देशन में बनी फ़िल्म 'चैताली' में काम करने का अवसर मिला। इस फ़िल्म ने बॉक्स आफिस पर कोई कमाल तो नहीं किया, लेकिन बतौर अदाकारा फ़िल्म समीझकों की वाह-वाही ज़रूर मिली।
वर्ष 1976 में प्रदर्शित फिल्म 'हेराफेरी' सायरा बानो के सिने करियर की अंतिम हिट फ़िल्म रही। इसमें उनके नायक अमिताभ बच्चन ने निभाई थी। वर्ष 1988 में प्रदर्शित फिल्म 'फैसला' के बाद सायरा ने बॉलीवुड से सन्यास ले लिया।
वर्ष 2006 में सायरा ने भोजपुरी फिल्म इंडस्ट्री में कदम रख दिया और 'अब तो बन जा सजनवा हमार' का निर्माण किया। नगमा और रवि किशन की मुख्य भूमिका वाली यह फिल्म टिकट खिड़की पर सुपरहिट साबित हुई।
तीन दशक के लंबे करियर में सायरा ने तक़रीबन पचास फ़िल्मों में काम किया।
वर्ष 2006 में सायरा ने भोजपुरी फिल्म इंडस्ट्री में कदम रख दिया और 'अब तो बन जा सजनवा हमार' का निर्माण किया। नगमा और रवि किशन की मुख्य भूमिका वाली यह फिल्म टिकट खिड़की पर सुपरहिट साबित हुई।
तीन दशक के लंबे करियर में सायरा ने तक़रीबन पचास फ़िल्मों में काम किया।
शहंशाह ने दी बधाई
अमिताभ ने ट्विटर पर सायरा बानो की तस्वीर शेयर कर जन्मदिन की बधाई दी। मशहूर अदाकारा सायरा बानो के 71 वें जन्मदिन बिग बी ने माइक्रो-ब्लॉगिंग प्लेटफार्म ट्विटर पर लिखा, 'सायरा बानो जी जन्मदिन की बहुत-बहुत शुभकामनाएं, हमेशा खुश रहें। मेरे साथ कई फिल्मों में मुख्य भूमिका में रहीं।
उन्होंने सायरा के साथ फिल्म 'जमीर' (1975) और 'हेरा फेरी' (1976) जैसी फिल्में की हैं। उन्होंने ट्विटर पर उनके साथ अतीत की कुछ तस्वीरें भी साझा की।