कोंकणा निभाएंगी नुपुर तलवार का किरदार
आरुषी हत्याकांड पर बनी फ़िल्म तलवार का ट्रेलर लॉन्च किया गया। हत्याकांड की उलझी गुत्थियां सुलझाने की कोशिश दिखाई गई है।
दिल्ली की बहुचर्चित 'आरुषी हत्याकांड' पर आधारित फ़िल्म का ट्रेलर लॉन्च किया गया। इसमें मुख्य भूमिकाओं में इरफ़ान ख़ान और कोंकणा सेन शर्मा नज़र आ रहे हैं।
जहां इरफ़ान इंवेंस्टगंटिव ऑफ़िसर की भूमिका में हैं। वहीं कोंकणा आरुषी की मां नुपुर तलवार की भूमिका में नज़र आएंगी। 'तलवार' नाम की इस फ़िल्म को फ़िल्मकार विशाल भारद्वाज ने लिखा और मेघना गुलज़ार ने इसका निर्देशन किया है।
यह फ़िल्म उत्तर प्रदेश के नोएडा में 14 साल की आरुषि और उसके घरेलू सहायक हेमराज के दोहरे हत्याकांड से प्रेरित है।
कोंकणा ने फ़िल्म 'तलवार' का ट्रेलर जारी किए जाने के मौक़े पर कहा, 'ऐसा फिर नहीं होना चाहिए .... एक छोटी लडकी के साथ अपराध हुआ, जहां हमें पता नहीं कि सबूत के साथ समझौता किया गया या नहीं और ना ही यह पता है कि इंसाफ होगा भी या नहीं। यह (न्याय के साथ) मजाक रहा है। '
उन्होंने कहा, 'अगर 13 साल की किसी लडकी की मौत होती है, आपको पता होना चाहिए कि क्या हो रहा है और दोषी को सजा मिलनी चाहिए। ऐसा कभी नहीं होना चाहिए और उम्मीद है कि हमें ऐसी कोई फ़िल्म कभी ना बनानी पडे़। '
ट्रेलर कहानी के बारे में काफी कुछ कह जाता है। मर्डर केस की जांच कर रहे पुलिसवाले जब एक चिट्ठी पढ़ते हैं तो उसमें लिखा होता है 'डैडी गलती हो गई आगे से नहीं करूंगी', पुलिसवाले आपस में सवाल करते हैं कि आखिर कौन सी गलती हो गई थी? इरफान ने ट्विटर पर फ़िल्म का एक डायलॉग लिखते हुए 'तलवार' का ट्रेलर साझा किया। इरफान अपने ट्वीट में लिखते हैं कि जिस दिन समय ने आंखें खोलीं .. इंसाफ इंसाफ इंसाफ .. होगा।
दो मिनट 40 सेकेंड के ट्रेलर में नीरज कबीर और कोंकणा आरूषि के माता-पिता की भूमिका में हैं। जबकि इरफान एक जांच अधिकारी के तौर पर दिख रहे हैं।
फिल्मकार विशाल भारद्वाज ने फिल्म लिखी है, जबकि प्रसिद्ध गीतकार-कवि और मेघना के पिता गुलजार ने इसके गीत लिखे हैं।
फिल्म में सोहम शाह, अतुल कुमार ने भी काम किया है जबकि तब्बू एक खास किरदार में हैं। 'तलवार' सितंबर में होने वाले टोरंटो अंतरराष्ट्रीय फिल्म महोत्सव में भी दिखाई जाएगी। उसके बाद दो अक्टूबर को यह फ़िल्म रिलीज़ होगी।
बॉलीवुड के अच्छे दिन
यह बात और कोई नहीं बल्कि अभिनेता इरफ़ान ख़ान का कहना है। वे बॉलीवुड के मौजूदा दौर का आनंद ले रहे हैं क्योंकि वह मानते हैं कि यह दौर कलाकारों को कुछ अनोखा करने का अवसर दे रहा है। 48 वर्षीय 'पीकू' स्टार ने 1990 के दशक को फ़िल्मों के लिए बुरा समय बताया और कहा कि बॉलीवुड में रचनात्मकता के लिए स्थिति में सुधार हुआ है।
इरफान ने कहा, 'इससे पहले एक समय था जब 50, 60, और 70 के दशक की फ़िल्मों की कहानी हमारे दिमाग़ में बस जाती थी। लेकिन सिनेमा का वह दौर चला गया था क्योंकि दुर्भाग्य से 90 का दशक फ़िल्मों के लिए बुरा समय था। वह समय भी बीत गया। अब बॉलीवुड हमें कुछ नया करने का अवसर दे रहा है। '
इरफान ने कहा, 'कुछ लोग ऐसे हैं जो घिसी पिटी चीजों को देखना पसंद करते हैं। लेकिन कुछ ऐसे लोग भी हैं जो कि कुछ अलग देखना चाहते हैं।
'लाइफ इन ए मेट्रो', 'दिल कबड्डी', 'पान सिंह तोमर' और 'लंच बॉक्स' जैसी फ़िल्मों में अपने अभिनय की छटा बिखेरने वाले इरफान अपनी हर फिल्म में कुछ न कुछ नया करना चाहते हैं।
पसंदीदा भूमिकाओं के बारे में पूछने पर उनका जवाब था 'अंत कतई नहीं है। एक अभिनेता अपने पूरे करियर में कभी संतुष्ट नहीं होता क्योंकि अभिनय के कई पहलू हैं। यह तो केवल एक शुरुआत है।
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