शाहरुख़ नहीं करना चाहते थे डीडीएलजे !
आप भी चौंक गए न! अब बात ही एेसी है। दरअसल, यह चौंकाने वाली बात का खुलासा हुआ एक डॉक्यूमेंट्री में। फ़िल्म 'दिलवाले दुल्हनिया ले जाएंगे' के बीस साल पूरे होने की ख़ुशी में यशराज प्रोडक्शन ने एक डॉक्यूमेंट्री बनाई है और इसे यूट्यूब पर जारी किया गया है। इस डॉक्यूमेंट्री में और भी कई खुलासे हुए हैं ... फ़िल्म की कास्टिंग से लेकर शूटिंग तक ..
मुंबई। शाहरुख़ ख़ान और काजोल ने डीडीएलजे बीस साल पूरे होने पर कुछ इस तरह से उसे याद किया। बीस साल पहले यूं कंधे पर उठाया था राज ने सिमरन को और बीस साल बाद एक बार फिर से शाहरुख ने काजोल को कंधे पर उठाया है।
मुंबई। बॉलीवुड में शाहरुख़ ख़ान की छवि लवर बॉय की है, लेकिन कम ही लोग जानते होंगे कि ये लवर बॉय कभी बनना ही नहीं चाहते थे। तभी यशराज बैनर की एक फ़िल्म का इन्हें प्रस्ताव मिला, जो मशहूर निर्देशक यश चोपड़ा ने दिया था। शाहरुख़ को स्क्रिप्ट तो अच्छी लगी, लेकिन वे ख़ुद को इसमें मिसफ़िट मान रहे थे।
यश जी के काफ़ी समझाने के बाद शाहरुख ने कहा कि मैं 26 साल का हूं और 'राज' के किरदार के लिए सही नहीं हूं। और मैं ख़ुद भी एक्शन-थ्रिलर टाइप की फ़िल्में करना चाहता हूं। ग़ौरतलब हो कि जब 'डीडीएलजे' आई, उस से पहले शाहरुख़ 'डर', 'बाजीगर' और 'अंजाम' जैसी फ़िल्में कर रहे थे।
खै़र, काफ़ी मान-मनौव्वल के बाद शाहरुख़ इस फ़िल्म में जुडे़ और नतीज़ा सबके सामने है। यह सभी बातें यशराज प्रोडक्शन की नई डॉक्यूमेंट्री 'मेकिंग ऑफ डीडीएलजे' में बताई गई है। फ़िल्म के बीस साल पूरे होने पर दो हिस्सों में इस डॉक्यूमेंट्री बनाई गई है।
इस डॉक्यूमेंट्री में फ़िल्म की न देखी गई फुटेज और फ़िल्म में काम करने वालों के साक्षात्कार हैं.आदित्य चोपड़ा के निर्देशन में बनी इस फ़िल्म में काजोल, मंदिरा बेदी, अनुपम खेर, अमरीश पुरी और फरीदा जलाल अहम भूमिका में थे।
इस डॉक्यूमेंट्री को देखने के लिए यहाँ क्लिक करें।
शाहरुख़ थे दुखी
इसी डॉक्यूमेंट्री में शाहरुख ने यह बात बताई कि जब फ़िल्म की शूटिंग चल रही थी, तभी उन्हें उनकी बहन के बीमार होने का पता चला था। उस वक़्त मोबाइल की सेवाएं तो थी नहीं, तो बार बार टेलीफोन कर बहन के हालचाल लिया करता था। दिमाग़ में उसी का ख़याल रहा करता था। अब्बू-अम्मी पहले ही गुज़र गए थे, इसके बाद बहन की इस हालत से मैं काफ़ी डिप्रेस्ड था।
शरारती काजोल
काजोल की वजह से पूरा सेट परेशान था। वो बहुत शरारती थीं। उनके सभी ने अलग-अलग नाम रख दिए थे। यश चोपड़ा, काजोल को 'पगली' कहा करते थे। वहीं आदित्य उन्हें आफत कहा करते थे। फरीदा जलाल कहती थी कि मैं तुझे मार दूंगी।
एक दिलचस्प किस्सा तो यह है कि काजोल लोकप्रिय गाने 'मेरे ख्वाबों में जो आए' की शूटिंग नहीं करना चाहती थीं क्योंकि इसके लिए उन्हें तौलिया पहनकर शूट में भाग लेना था। बाद उन्हें इसके लिए मना ही लिया गया। वहीं शाहरुख़ ने क्लाइमेक्स में एक एक्शन दृश्य जुड़वाने पर जोर दिया। इसे फ़िल्माने के दौरान यश चोपड़ा सेट से चले गए थे, क्योंकि उन्हें मारधाड़ पसंद नहीं था।
मेहमान जूही
इसमें अभिनेत्री जूही चावला का वीडियो भी दिखाया गया है। इस फ़िल्म में वे मेहमान भूमिका में थीं। लेकिन फ़िल्म बड़ी होने की वजह से इस सीन को काट दिया गया। शाहरुख़ ख़ान, काजेल को विश्वस्तर पर सितारा बनाने वाले इस फ़िलम में निर्देशक करण जौहर, कोरियोग्राफर फराह ख़ान, फैशन डिज़ाइनर मनीष मल्होत्रा को भी मंच मिला।
यह फ़िल्म अभी भी मुंबई के मराठा मंदिर थिएटर में लगी हुई है और दीवाने अभी भी देखने आते हैं।
राज-सिमरन का जादू
इस फ़िल्म के प्रदर्शित होने के दो दशक के बाद शाहरुख़ ने अपनी को-स्टार काजोल को कंधे पर उठाकर उस आइकॉनिक दृश्य को जीवंत किया। फिलहाल दोनों कलाकार रोहित शेट्टी की फ़िल्म 'दिलवाले' में काम कर रहे हैं। शाहरुख़ और काजोल ने डीडीएलजी के मशहूर दृश्य को इसी फ़िल्म के सेट पर जीवंत किया।
उन्होंने ट्विटर पर ट्वीट किया है, 'अंतिम क्षणों में ऐसा करने के लिए रोहित शेट्टी, रेड चिल्लीज को धन्यवाद। काजोल को फिर से उठाने पर सभी खुश दिख रहे थे। ' शाहरुख ने अपने प्रशंसकों को यह भी बताया है कि 2013 में आई हिट फ़िल्म 'चेन्नई एक्सप्रेस' में भी डीडीएलजी का लोकप्रिय ट्रेन दृश्य फ़िल्माया गया था।
आगे लिखते हैं, 'दिलवाले टीम के साथ आज रात में इसे बनाया। लेकिन शूटिंग के बीच रोहित ने आपके के लिए डीडीएलजी का एक वीडियो बनाया है। वाईआरएफ भी जल्दी ही इसे अपलोड करेगा। '
ग़ौरतलब हो कि पिछले साल 12 दिसंबर मुंबई के को एक सिनेमा घर में इस फ़िल्म में 1,000 सप्ताह पूरा कर लिया है और यह फ़िल्म अभी भी चल रही है।
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