किशोर कुमार : बॉलीवुड को 'डूडलिंग' सिखाने वाले
हिंदी सिने जगत को खुशनुमा तरानों की सौगात देने वाले किशोर कुमार को गुज़रे 28 वर्ष बीत गए हैं। लेकिन आज भी अपनी आवाज़ के ज़रिए चाहने वालों के दिलों पर राज कर रहे हैं। वो गायक भी थे और अभिनेता भी .... आइए उनके जीवन के कुछ पन्नों को पलटते हैं।
मुंबई। भारतीय फ़िल्म इंडस्ट्री में वो किसी ताज़े हवा की झौके की तरह ही आया। संजीदगी से चल रहे इस सिने जगत को खुशनुमा और जीवंत तरानों से जोड़ा उसने। जी हां, हम बात कर रहे हैं किशोर कुमार की।
13 अक्टूबर 1987 को वो 58 साल की ही उम्र में इस फानी दुनिया को अलविदा कह गए। उन्हें पहला दिल का दौरा वर्ष 1986 में पड़ा था और वे इससे ठीक हो गए थे। लेकिन दूसरे दौरे पर वो ज़िंदगी की जंग हार गए।
मोहम्मद रफ़ी, मुकेश और लता जैसे गायकों के बीच हिन्दी सिनेमा का 'डूडलिंग' से परिचय कराने वाले किशोर कुमार बॉलीवुड के लगभग हर नायक की आवाज़ बने।
उनका जन्म खंडवा में एक वकील के घर 4 अगस्त 1929 को हुआ था। यह मशहूर अभिनेता अशोक कुमार के छोटे भाई थे। किशोर का असली नाम आभास कुमार गांगुली था।
गायिकी का सफ़र
इनकी गायिकी का सफ़र कॉलेज की कैंटीन से शुरू होकर नायकों की आवाज़ तक चला। इन्हें पहला मौक़ा मिला देवानंद की फ़िल्म 'जिद्दी' में।इसके बाद किशोर कुमार ने कई फ़िल्मों में पार्श्वगायन किया, लेकिन सफलता इनसे दूर ही रही। तभी वर्ष 1957 में आई फ़िल्म 'फटूश' में 'दुखी मन मेरे' गीत गाने का अवसर मिला, जिसने किशोर कुमार को स्थापित कर दिया। इसके बाद तो किशोर की गायिकी की गाड़ी पटरी पर सरपट दौड़ पड़ी।
इनके भाग्य का सितारा वर्ष 1969 में आई 'आराधना' से चमका। इसका गाना 'रूप तेरा मस्ताना' ने उन्हें पहला फ़िल्म फेयर अवॉर्ड दिलाया। इसके बाद फ़िल्म फेयर पुरसकार आठ बार किशोर की झोली में गिरे।
बहूमुखी प्रतिभा के धनी किशोर ने कई फ़िल्मों में अदाकारी के जलवे भी दिखाए हैं। साथ ही उन्होंने फ़िल्मों का निर्माण, निर्देशन तथा संगीत निर्देशन भी किया।
किशोर कुमार अपने सनक व्यवहार के लिए भी प्रसिद्ध रहे। अक्सर निर्माता- निर्देशकों तथा पत्रकारों को उनके सनकीपन का शिकार होना पड़ता था।
कुछ पर्सनल-सा
किशोर दा की पर्सनल लाइफ की बात करें तो वे चार भाई बहनों (अशोक कुमार, सती देवी, अनूप कुमार और किशोर कुमार) में सबसे छोटे थे।किशोर कुमार ने अपने जीवनकाल में चार शादियां रचाई और उनसे उन्हें दो बेटे हुए। उनकी पहली पत्नी रुमा गुहा ठाकुरता उर्फ रूमा घोष (1951-1958), दूसरी पत्नी एक्ट्रेस मधुबाला (1960-1969), तीसरी पत्नी एक्ट्रेस योगिता बाली (1976-1978) और चौथी और आखिरी पत्नी का नाम एक्ट्रेस लीना चंद्रावरकर (1980-1987 किशोर के निधन तक) था। उनके दो बेटे गायक अमित कुमार (पहली पत्नी रूमा गुहा से) और सुमित कुमार (अंतिम पत्नी लीना चंद्रावरकर से) हैं
गूगल की किशोर को श्रद्धान्जलि
कुमार के 85 वे जन्मदिन पर गूगल ने उनका डूडल बना कर इस हरदिल अजीज गायक अभिनेता को याद किया था किशोर।संबंधित खबरें
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