33 करोड़ में बिकी अक्षय की 'एयरलिफ्ट'
अक्षय कुमार उन अभिनेताओं में से हैं, जो ज़्यादा से ज़्यादा काम करने में यक़ीन करते हैं। बीते साल पांच फ़िल्मों की सौगात देने के बाद अगले साल की पहले महीने में एक और फ़िल्म की सौगात के साथ तैयार हैं। उनकी अगली फ़िल्म खाड़ी युद्ध के दौरान कुवैत से भारत मूल के लोगों को सुरक्षित बाहर निकालने की कहानी पर आधारित है। लेकिन सबसे चौंकाने वाली बात यह है कि खिलाड़ी कुमार अपनी फ़िल्मों की लागत के साथ मुनाफ़ा कमा लाते हैं। इस बार भी 'एयरलिफ़्ट' के साथ ऐसा ही हुआ। 22 जनवरी को रिलीज़ होने वाली फ़िल्म का सौदा 33 करोड़ में हो गया है .... खिलाड़ी कुमार ने साबित किया कि वे सौदा फायदे का ही करते हैं ...
मुंबई। बीते साल 'बेबी', 'हे ब्रो', 'गब्बर इज़ बेक', 'ब्रदर्स' और 'सिंह इज़ ब्लिंग' सरीखी फ़िल्मों में अपने फैन्स का मनोरंजन करने वाले अक्षय कुमार ने साल की शुरुआत भी धमाकेदार करने की योजना बना रखी है।
जहां इन दिनों कई अभिनेता साल में एक या दो फ़िल्में करने में यक़ीन करते हैं, वही खिलाड़ी कुमार यानी अक्षय छोटी बजट की कई फ़िल्में करने में भरोसा रखते हैं। वे अपनी सोच को सही करार देते हैं और कहते हैं कि 120 करोड़ लगाकर 150 करोड़ की कमाई करने से बेहतर है 80-80 लाख की पांच फ़िल्में करके 7 करोड़ कमाना।
खै़र, अपने बिजनेस फंडे का वो बखूबी इस्तेमाल भी करते हैं। आपको बता दें कि अक्षय की अगली फ़िल्म 'एकयरलिफ्ट' का सौदा उन्होंने 33 करोड़ में पहले ही कर लिया है। खाड़ी युद्ध पर आधारित इस फ़िल्म के भारत में वितरण प्रतीक बिल्डर्स ने करने का करार किया है।
फ़िल्म में 70 फ़ीसदी हिस्सा रखने वाले अक्षय के खाते में इससे करीब 17 करोड़ रुपए सुरक्षित गए हैं हो। ये सौदा वायाकॉम 18 मोशन पिक्चर्स, कुमार मंगत और एसटीवी फिल्म कंपनी के साथ भी हो सकता था, जिनसे संयुक्त बात बीते एक माह से चल रही थी।
अक्षय भारतीय वितरण अधिकार 36 करोड़ में बेचना चाहते थे, लेकिन ये तीनों 31 करोड़ ही देने को राजी थे। इस कीमत पर बात चल रही थी कि एकता कपूर ने घोषणा कर दी कि अपनी एडल्ट कॉमेडी 'क्या कूल हैं हम' की तीसरी फ़िल्म 22 जनवरी को ही रिलीज कर रही हैं, अक्षय की फ़िल्म के सामने।
इस घोषणा के बाद तीनों खरीदार कीमत घटाकर 27 करोड़ पर ले गए, तो सौदा नहीं हुआ और अक्षय ने 33 करोड़ में फ़िल्म दिल्ली के वितरक को बेच दी। फ़िल्म के टीवी प्रसारण अधिकार 18 करोड़ में बिके हैं। संगीत अधिकार से 4 करोड़ की राशि सुरक्षित हुई और 7 करोड़ में ओवरसीज बाजार के लिए फ़िल्म बेची गई है। यानि फ़िल्म से कुल 62 करोड़ मिले।
इसमें से 38 करोड़ निर्माण व प्रमोशन खर्च के निकाल दें, तो 24 करोड़ बचते हैं। अक्षय का 70 फ़ीसदी हिस्सा इसमें करीब 17 करोड़ बनता है। शेष राशि अन्य निर्माता भूषण कुमार और विक्रम मल्होत्रा को मिली। अक्षय ने फ़िल्म बेच खुद को काफी हद तक सेफ तो कर लिया, लेकिन भारतीय बाजार से नेट 66 करोड़ की कमाई होने पर ही वितरक को 33 करोड़ मिल पाएंगे।
अक्षय के साथ बुरा पक्ष ये है कि उनकी फ़िल्में 100 करोड़ का आंकड़ा भी नहीं छू पा रहीं। केवल 'हॉलिडे' ने भारत में 108 करोड़ का बिज़नेस किया था। इसके बाद 'बेबी' 75 करोड़, 'गब्बर इज बैक' 80 करोड़ और 'सिंह इस ब्लिंग' 71 करोड़ पर ही थम गई।
'बेबी' की निर्माता टी-सीरीज के मालिक भूषण कुमार को घाटा होने पर अक्षय ने उनके साथ कुवैत युद्ध वाली फ़िल्म करनी तय की। उन्होंने फीस नहीं ली और लागत निकलने के बाद आने वाली राशि का 70 फ़ीसदी हिस्सा लेने का फॉर्मूला बनाया।
इसे कहते हैं आम के आम और गुठलियों दाम। वाकई में खिलाड़ी कुमार खिलाड़ी हैं।
आगे 'वजीर' की कहानी दिल को छू लेगी-फरहान