असहिष्णुता: काजोल और करण को कंगना का करारा जवाब
अपनी मुखर राय के लिए जानी जाने वाली अदाकारा कंगना रानौत ने अभिव्यक्ति की आज़ादी और असहिष्णुता का सही मायने बताते हुए ईशारों ही ईशारों में काजोल और करण को करारा जवाद दे ही दिया। बीते कुछ दिनों से फिर से असहिष्णुता का मुद्दा गरमाने लगा है। जयपुर लटिरेचर फेस्टिवल में निर्माता निर्देशक करण जौहर ने भारत में फैली असहिष्णुता के बारे में चिंता जताई और कहा कि यहां अभिव्यक्ति की आज़ादी भी नहीं है। वहीं कुछ दिनों पहले गई काजोल ने भी भारत में अभिव्यक्ति को आजादी पर सवाल उठाया था।
मुंबई। राष्ट्रीय पुरस्कार से सम्मानित बॉलीवुड अभिनेत्री कंगना रनौत का कहना है कि अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता का मतलब किसी की भावनाओं को आहत करना नहीं है।
भारत अनेक भाषाओं और अनेक धर्मो वाला एक विशाल देश है। हाल में ही करण जौहर ने असहिष्णुता पर बहस को यह कहते हुए हवा दे दी थी कि भारत एक 'कठिन देश' है, जहां अपने व्यक्तिगत जीवन के बारे में बात करना भी आपको जेल भिजवा सकता है।
कंगना स्पोर्ट्स ड्रामा फिल्म 'साला खडूस' के प्रीमियर के मौक़े पर संवादाताओं के सवालों का जवाब देते हुए कहती हैं, "अभिव्यक्ति का स्वतंत्रता का आशय यह नहीं है कि किसी की भावनाएं आहत हों।
हमें विचार करना चाहिए कि हम ऐसे देश में रहते हैं, जहां अनेक भाषाएं और अनेक धर्म हैं। किसी सार्वजनिक मंच से बोलना एक बड़ी बात है। मैं मानती हूं कि जब आप अपने घर पर या कार्यस्थल पर बात करते है, तब आपको इस बात के लिए सचेत रहना चाहिए कि आप क्या बोल रहे हैं। "
उन्होंने आगे कहा, "सभी को शब्दों की ताकत समझना चाहिए। यदि किसी बात को अन्य तरीकों से कहा जा सकता है, तो कृपया उन अन्य तरीकों को महत्व दें और स्वयं को व्यक्त करने के लिए सबसे अच्छा और सटीक तरीका अपनाएं। "
क्या कहा काजोल ने
बॉलीवुड एक्ट्रेस काजोल कहती हैं कि इंडस्ट्री में कोई असहिष्णुता नहीं है। उनका ऐसा कहना है कि समाज में जो कुछ भी चल रहा है बॉलीवुड की फिल्में हमेशा उन्हीं मुद्दों को दिखाती हैं।
ऐसे में कहना गलत नहीं होगा कि बॉलीवुड में न ही जाति या नस्ल को लेकर कोई भेदभाव है और न ही असहिष्णुता है। काजोल ने बताया कि लोग असंवेदनशील से होते दिखाई दे रहे हैं।
ऐसे में बतौर सार्वजनिक हस्ती सभी का ये कर्तव्य है कि हमेशा उचित और सही बोलें। वहीं काजोल एक अन्य सवाल के जवाब में देश के कानून को लेकर बोलीं कि कानून जब तक कोठरी में हैं, तब तक अच्छा है।
उनके अनुसार उनके देश में कानून ऐसे हैं कि अगर वह उस कोठरी से बाहर आ गए तो 377 बार उन्हें टॉर्चर किया जाएगा। गौरतलब है कि भारत में असहिष्णुता में बढ़ोतरी वाले बयान के लिए शाहरुख खान व आमिर खान को जबरदस्त आलोचना झेलनी पड़ी थी। अभिनेता अनुपम खेर ने भी इस पर बयान दिए थे।
यह सब काजोल ने जयपुर साहित्य उत्सव के तीसरे दिन कहा। गौरतलब है कि 21 जनवरी से शुरू हुए इस पांच दिवसीय साहित्य मेले में फिल्म निर्माता-निर्देशक करण जौहर ने भी असहिष्णुता के मुद्दे पर बात की। इस क्रम में उन्होंने अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता को दुनिया के सबसे बड़े मजाक की संज्ञा से संबोधित किया।
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