कपूर खानदान ने मनाया रणधीर का 69 वां जन्मदिन
बॉलीवुड अभिनेता रणधीर कपूर ने अपना 69वां जन्मदिन मनाया। इस मौक़े पर पूरा कपूर खानदान इकट्ठा हुआ, सिवाय रणबीर के। रणबीर के न आने की कोई गंभीर वजह नहीं है, बल्कि रणबीर इन दिनों अपनी फिल्म 'जग्गा जासूस' की शूटिंग में व्यस्त होने के कारण इस ख़ास मौके़ पर आ न सके।
मुंबई। बॉलीवुड में कपूर खानदान के तीसरी पीढ़ी के सबसे बड़े बेटे रणधीर कपूर ने 15 फरवरी को अपना 69वां जन्मदिन मनाया। इस ख़ास मौक़े पर कपूर खानदान के सभी लोग मौजूद थे। पत्नी बबीता से लेकर बेटियां करिश्मा और करीना के साथ दामाद सैफ अली खान, भाई ऋषि कपूर से लेकर भावज नीतू कपूर। यहां तक कि मां कृष्णा राज कपूर भी इस सेलीब्रेशन में मौजूद थीं।
इस सेलीब्रेशन की तस्वीर रणधीर कपूर की बेटी और अदाकारा करिश्मा कपूर ने इंस्टाग्राम पर शेयर की। करिश्मा ने अपने पोस्ट में लिखा, 'फैमिली लव # हैप्पी बर्थ डे पापा '। कपूर खानदान की इस खुशनुमा तस्वीर को करिश्मा की चाची और अभिनेत्री नीतू कपूर ने भी अपने सोशल नेटवर्किंग साइट पर शेयर की।
तस्वीर में रीमा जैन से लेकर अरमान जैन तक नज़र आ रहे हैं, लेकिन कपूर खानदान के आंखों के तारे रणबीर कपूर इस तस्वीर में नहीं हैं। दरअसल, रणबीर अपनी फिल्म 'जग्गा जासूस' की शूटिंग में व्यस्त हैं।
रणधीर कपूर का फिल्मी करियर
रणधीर कपूर का जन्म 15 फरवरी 1947 को मुंबई में हुआ था और फिल्मी दुनिया उन्हें विरासत में ही मिली। पिता राजकपूर और दादा जी पृथ्वीराज कपूर हिंदी सिने जगत में जाने माने नाम थे। अभिनय की विरासत को रणधीर ने आगे बढ़ाने की काेशिश भी की और वे सफल भी रहे।
रणधीर कपूर ने अपने सिने करियर की शुरुआत बतौर बाल कलाकार फिल्म 'श्री 420' से की। अभिनय के साथ निर्देशन में भी हाथ आजमाते रहे। साल 1968 में आई फिल्म 'झुक गया आसमान' में वे सहायक निर्देशक थे।
साल 1971 में आई फिल्म 'कल आज और कल' से अभिनेता और स्वतंत्र निर्देशक के तौर अपना कदम बढ़ाया। इस फिल्म में कपूर परिवार की तीन पीढि़यां पृथ्वीराज कपूर, राज कपूर और रणधीर कपूर एक साथ नज़र आई।
फिल्म में बबीता ने मुख्य भूमिका निभाई थी, जो बाद में रणधीर की जीवन संगिनी बन गईं। रणधीर और बबीता के दो बच्चे हैं करिश्मा और करीना। सभी जानते हैं कि बॉलीवुड में करिश्मा और करीना कपूर की एक अलग पहचान है।
फिलहाल कपूर खानदान की विरासत करीना और रणबीर के हाथों में है और वे इसे बखूबी संभाल रहे हैं, जबकि करिश्मा अपने बच्चों की परवरिश में व्यस्त हैं।
रणधीर कपूर ने अभिनय के साथ साथ फिल्म निर्माण और निर्देशन की कला से भी लोगों को अपना दीवाना बनाया है।
साल 1972 में रणधीर की 'जवानी दीवानी' और 'रामपुर का लक्ष्मण' जैसी सुपरहिट फिल्में प्रदर्शित हुई। साल 1974 में प्रदर्शित सुपरहिट फिल्म 'हाथ की सफाई' में रणधीर की जोड़ी विनोद खन्ना के साथ काफी सराही गई। फिल्म में दोनों कलाकारों का टकराव देखने लायक था।
साल 1975 में प्रदर्शित फिल्म 'धरम करम' में एक बार फिर से रणधीर ने निर्देशन करने के साथ हीं अभिनय भी किया, लेकिन दुर्भाग्य से यह फिल्म टिकट खिड़की पर सफल नही रही। इसके बाद साल 1977 में आई फिल्म 'चाचा-भतीजा', जिसमें रणधीर के साथ धर्मेंद्र भी थे। यह रणधीर के करियर की एक और सुपरहिट फिल्म साबित हुई।
साल 1978 में आई फिल्म 'कसमें वादे' को भी लोगों की काफी सराहना मिली। इस फिल्म में अमिताभ बच्चन मुख्य भूमिका में थे और राखी नायिका के रूप में थीं। अस्सी के दशक में रणधीर की फिल्मों को बॉक्स ऑफिस पर अपेक्षित सफलता नहीं मिली।
नब्बे की शुरुआत में वे एक बार फिर कमर कस कर निर्देशन के लिए तैयार हुए और साल 1991 में 'हिना' बनाई, जो टिकट खिड़की पर कामयाब साबित हुई। यह बतौर निर्देशक रणधीर की आखिरी फिल्म है। 'हिना' का निर्देशन पहले राजकपूर करने वाले थे, लेकिन उनकी असमायिक निधन की वजह से रणधीर ने यह जिम्मा खुद संभाला।
ख़ैर इसके बाद आर.के.फिल्मस के बैनर तले रणधीर ने 'प्रेम ग्रंथ' और 'आ अब लौट चले' जैसी फिल्मों का निर्माण किया, लेकिन इन फिल्मों को टिकट खिड़की पर अपेक्षित सफलता नहीं मिली। रणधीर इन दिनों बतौर चरित्र अभिनेता फिल्म इंडस्ट्री में सक्रिय हैं।
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