पनामा पेपर्स लीक : बिग बी ने कहा मेरे नाम का ग़लत इस्तेमाल
बॉलीवुड के महानायक अमिताभ बच्चन ने पनामा पेपर्स लीक मामले में अपना नाम आने पर बयान जारी कर सफाई दी है। नाम आने के एक दिन बाद जारी बयान में खुद पर लगे टैक्स धोखाधड़ी के आरोप को ग़लत बताया है। आपको बता दें कि दुनियाभर के रईसों के वित्तीय लेनदेन की पोल खोलने वाले एक करोड़ 15 लाख दस्तावेज़ लीक हो गए हैं, जिन्हें 'पनामा पेपर्स' कहा जा रहा है। इनमें फिल्मी सितारों और उद्योगपतियों सहित 500 भारतीयों के नाम भी शामिल हैं।
मुंबई। पनामा पेपर्स लीक मामले में अमिताभ बच्चन ने एक बयान जारी किया है। बयान में कहा है कि उनके नाम का ग़लत इस्तेमाल हो रहा है। जारी बयान में बिग बी ने कहा है कि वो ऐसी किसी कंपनी को नहीं जानते, जिसका जिक्र इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट में है।
आपको बता दें कि दुनियाभर के रईसों के वित्तीय लेनदेन की पोल खोलने वाले एक करोड़ 15 लाख दस्तावेज़ लीक हो गए हैं, जिन्हें 'पनामा पेपर्स' कहा जा रहा है। इनमें फिल्मी सितारों और उद्योगपतियों सहित 500 भारतीयों के नाम भी शामिल हैं।
अमिताभ बच्चन का बयान
बिग बी ने अपने बयान में कहा है,'इंडियन एक्सप्रेस में बताई कंपनियों - सी बल्क शिपिंग कंपनी लिमिटेड, लेडी शिपिंग लिमिटेड, ट्रेज़र शिपिंग लिमिटेड, में से किसी को नहीं जानता। मैं इन बताई गई कंपनियों में से किसी का भी कभी निदेशक नहीं रहा। यह संभव है कि मेरे नाम का दुरुपयोग किया गया।'
इस 73 वर्षीय अभिनेता ने कहा कि मैंने विदेश में खर्च किए गए पैसों सहित अपनी पूरी आमदनी पर टैक्स दिए हैं। मैंने जो पैसे विदेश भेजे वह भारतीय करों के भुगतान के बाद भेजे और वे कानून के अनुरूप में थे। इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट में किसी भी मामले में मेरी ओर से अनियमितता की बात नहीं कही गई है।
बहू 'ऐश' का भी नाम
आपको बता दें कि इस मामले में अमिताभ बच्चन की बहू ऐश्वर्या राय का भी इन दस्तावेज़ों में नाम सामने आया है। हालांकि, उन्होंने भी इन रिपोर्ट्स को फर्जी बताते हुए हुए तमाम आरोप खारिज किए हैं। पूर्व मिस वर्ल्ड और अभिनेत्री ऐश्वर्या राय के मीडिया सलाहकार ने इन दस्तावेजों को पूरी तरह से झूठ का पुलिंदा करार दिया है।
प्रमुख अंग्रेजी दैनिक इंडियन एक्सप्रेस के अनुसार ऐश्वर्या राय देश से बाहर एक कंपनी की डायरेक्टर और शेयरहोल्डर थीं। उनके परिवार के सदस्यों की भी उसमें हिस्सेदारी थी। साल 2008 में इसे खत्म कर दिया गया।
ग़ौरतलब है कि इंडियन एक्सप्रेस दुनिया के उन 100 मीडिया संगठनों में से एक है, जो दुनियाभर के रईसों के वित्तीय लेनदेन की पोल खोलने वाले मोसैक फॉन्सेका के एक करोड़ 15 लाख लीक दस्तावेज़ की जांच कर रहा है। पनामा की इस लॉ फर्म के 35 देशों में दफ्तर हैं।
जांच टीम में हैं आरबीआई गर्वनर
दूसरी ओर, आरबीआई गवर्नर ने कहा है कि वे भी जांच टीम में शामिल हैं। आरबीआई गवर्नर राघुराम राजन ने मंगलवार को कहा- अभी नहीं कह सकते कि पैसा गैरकानूनी है कि नहीं। इस मामले में जो जांच की जा रही है हम उसका हिस्सा हैं। जांच के बाद ही मामला साफ हो पाएगा।
दूसरी लिस्ट जारी
अंग्रेजी अखबार इंडियन एक्सप्रेस ने टैक्स हैवन देशों में कंपनियां खरीदने वालों की दूसरी लिस्ट जारी की है।
अश्विनी कुमार मेहरा
इसमें मेहरा सन्स ज्वैलर्स के मालिक अश्विनी कुमार मेहरा का नाम है। इनके दो बेटे भी पार्टनर के तौर पर काम करते हैं। इनके नाम विदेशों में सात कंपनियां रजिस्टर्ड पाई गई हैं। ये कंपनियां ब्रिटिश वर्जिन आइलैंड और बहामास में हैं।
अनुराग केजरीवाल
अनुराग केजरीवाल लोक सत्ता पार्टी के दिल्ली के प्रेसिडेंट थे। साल 2014 के लोकसभा चुनाव के दौरान एक स्टिंग सामने आने के बाद उन्हें पार्टी से निकाल दिया गया था। लीक डॉक्यूमेंट्स में उनके नाम तीन कंपनियां और दो फाउंडेशन पाए गए हैं। इनकी लोकेशन ब्रिटिश वर्जिन आइलैंड और पनामा है।
गौतम और करण थापर
यह क्रॉम्पटन ग्रीव्ज के मालिक ब्रजमोहन थापर के बेटे हैं। साल 1999 में इन्होंने ग्रुप की कमान संभाली। करण साल 2000 से ग्रुप के डायरेक्टर हैं। चार्लवुड फाउंडेशन और निकोम इंटरनेशनल फाउंडेशन के नाम से इनकी पनामा में दो कंपनियां रजिस्टर्ड हैं। गौतम अपने अंकल ललित मोहन थापर के साथ बलारपुर इंडस्ट्रीज लिमिटेड से जुड़े हैं।
सतीश गोविंग समतानी, विश्लव बहादुर और हरीश समतानी
यह फैमिली रेडीमेड गारमेंट्स के कारोबार से जुड़ी है। बहादुर रहने वाले तो लखनऊ के हैं, लेकिन फिलहाल बेंगलुरु में उनका घर है। ब्रिटिश वर्जिन आइलैंड में उनके नाम से दो कंपनियां रजिस्टर्ड हैं।
गौतम सिंघल
इन्वेस्ट मैनेजमेंट और आईटी कंसल्टेंट हैं। इसके अलावा भी उनकी कंपनियां हैं, जो कई सेक्टर्स में काम करती हैं। इनके नाम से ब्रिटिश वर्जिन आइलैंड में जेफ मोर्गन कैपिटल लिमिटेड रजिस्टर्ड है।
प्रभाष संकलेचा
ये मध्य प्रदेश में सरकारी नौकरी करते थे। पत्नी की मौत के बाद फिलहाल इंदौर में रहते हैं। इनके नाम से लोटस होराइजन एसए नाम की कंपनी रजिस्टर्ड है। यह कंपनी पनामा से ऑपरेट करती है।
विनोद रामचंद्र जाधव
ये सावा हेल्थकेयर नाम की कंपनी चलाते हैं। इसकी यूनिट अहमदनगर और बेंगलुरु में हैं। इनके नाम से कई कंपनियां रजिस्टर्ड हैं, जो ब्रिटिश वर्जिन आइलैंड में हैं।
अशोक मल्होत्रा
इंडियन क्रिकेट टीम का हिस्सा रह चुके हैं और फिलहाल कोलकाता में क्रिकेट एकेडमी चलाते हैं। इनके नाम से ई एंड पी ऑनलुक लिमिटेड नाम की कंपनी ब्रिटिश वर्जिन आइलैंड में रजिस्टर्ड है। अशोक कुछ वक्त तक बंगाल और टीम इंडिया के कोच भी रह चुके हैं। मल्होत्रा भारत की तरफ से 7 टेस्ट और 20 वनडे मैच खेल चुके हैं। उन्होंने 1982 में डेब्यू किया था।
क्या हुआ खुलासा
लीक हुए टैक्स डॉक्यूमेंट्स बताते हैं कि कैसे दुनियाभर के 140 नेताओं और सैकड़ों सेलिब्रिटीज ने टैक्स हैवन कंट्रीज में पैसा इन्वेस्ट किया। शैडो कंपनियां, ट्रस्ट और कॉरपोरेशन बनाए गए। इनके जरिए टैक्स बचाया गया। लीक हुए डॉक्यूमेंट्स खासतौर पर पनामा, ब्रिटिश वर्जिन आइलैंड और बहामास में हुए इन्वेस्टमेंट के बारे में बताते हैं। सवालों के घेरे में आए लोगों ने इन देशों में इन्वेस्टमेंट इसलिए किया, क्योंकि यहां टैक्स रूल्स काफी आसान हैं और क्लाइंट की आइडेंडिटी का खुलासा नहीं किया जाता। पनामा में ऐसी 3.50 लाख से ज्यादा सीक्रेट इंटरनेशनल बिजनेस कंपनियां हैं।
क्या है मोसेक
मोसेक फोंसेक एक लीगल फर्म है और इसी के डॉक्यूमेंट्स लीक हुए हैं। इस फर्म के 35 देशों में ऑफिसेस हैं। इन डॉक्यूमेंट्स में 2 लाख 14 हजार अकाउंट्स का जिक्र है। ये करीब 40 साल से पनामा के बैंकों में हैं। साल 1977 में बनी मोसेक फोंसेक का हेडक्वॉर्टर पनामा में है। यह दुनियाभर की कंपनियों या लोगों से मोटी फीस लेकर उन्हें फाइनेंशियल मैटर्स पर एडवाइस देती है। इंडियन एक्सप्रेस के मुताबिक, एडवाइस की आड़ में यह लीगल फर्म ऑफशोर कंपनियां बना देती हैं। यानी आप लीगल फर्म को फीस दीजिए और सीक्रेट और आसान टैक्स सिस्टम वाले देशों में कंपनियां बना लीजिए। यह लीगल फर्म लोगों की ऑफशोर कंपनियां बनाती हैं, जो संबंधित देशों के टैक्स नियमों से तो चलती हैं, लेकिन रियल ओनरशिप को छुपा देती हैं।
ऐसे मिले डॉक्यूमेंट्स
जर्मन अखबार सुडेउन्शे ज़ेंटूंग (Sueddeutsche Zeitung) ने अपने एक सोर्स के जरिए ये डॉक्यूमेंट्स हासिल किए। पूरा डॉक्यूमेंटस डाटा 2.6 टेराबाइट है। यह विकीलीक्स के जूलियन असांजे और सीआईए के एक्स एजेंट एडवर्ड स्नोडेन के जारी किए गए डाटा से कई गुना ज्यादा है।
किसने की रिसर्च
जर्मन डेली को मिले 1.5 करोड़ टैक्स डॉक्यूमेंट्स पर इंटरनेशनल कन्सॉर्टियम ऑफ इन्वेस्टिगेटिव जर्नलिस्ट्स (आईसीआईजे) ने रिसर्च की। ये डॉक्यूमेंट्स साल 1975 से 2015 तक के हैं। इस कन्सॉर्टियम में दुनियाभर के 100 से ज्यादा मीडिया हाउसेस के 370 जर्नलिस्ट हैं। इनमें कुछ भारतीय जर्नलिस्ट्स भी हैं।
बड़े बड़े नाम
इस लिस्ट में 12 मौजूदा या एक्स वर्ल्ड लीडर्स शामिल हैं। इनमें रशियन प्रेसिडेंट व्लादिमीर पुतिन, पाकिस्तान के पीएम नवाज शरीफ, चीन के प्रेसिडेंट शी जिनपिंग जैसे 140 नेता शामिल हैं। पाकिस्तान की पूर्व पीएम बेनजीर भुट्टो का नाम भी आया है। आपको बता दें कि भुट्टो की एक आतंकी हमले में मौत हो चुकी है। स्पोर्ट्स फील्ड से बड़ा नाम लियोनोल मैसी शामिल है। वे अर्जेंटीना के फुटबॉलर हैं।
यह कहा फर्म ने
लीक हुए डॉक्यूमेंट्स के बाद मोसाक फोंसेका ने कहा कि यह क्राइम है और इसे हम अपने देश पनामा पर हमला मानते हैं। कंपनी के मुताबिक, कुछ देशों को हमारी कामयाबी पसंद नहीं आ रही है। वहीं, पनामा सरकार ने कहा है कि वह संदिग्ध डील्स को लेकर जीरो टॉलरेन्स की पॉलिसी पर चलती है और यदि कोई देश कानूनी तौर पर जांच करेगा तो वह उसकी मदद करेगी।
पुतिन पर आरोप
जांच करने वाली संस्था की मानें तो पुतिन का नाम सीधे तौर पर इस लिस्ट में नहीं है, लेकिन उनके बेहद करीबियों ने फर्जी कंपनियों के जरिए करीब 2 बिलियन डॉलर का टैक्स बचाया। पुतिन के एक कारोबारी दोस्त का नाम इस लिस्ट में है। पुतिन की बेटी के गॉडफादर कहे जाने वाले एक शख्स का नाम भी लिस्ट में है।
नवाज भी घिरे
नवाज शरीफ के बेटों हुसैन और हसन के अलावा बेटी मरियम नवाज ने टैक्स हैवन माने जाने वाले ब्रिटिश वर्जिन आइलैंड में कम से कम चार कंपनियां शुरू की। इन कंपनियों से इन्होंने लंदन में छह बड़ी प्रॉपर्टीज खरीदी। शरीफ फैमिली ने इन प्रॉपर्टीज को गिरवी रखकर डॉएचे बैंक से करीब 70 करोड़ रुपए का लोन लिया।इसके अलावा, दूसरे दो अपार्टमेंट खरीदने में बैंक ऑफ स्कॉटलैंड ने मदद की। यूक्रेन के प्रेसिडेंट और सऊदी अरब के किंग का नाम भी इस लिस्ट में है। हॉलीवुड स्टार जैकी चैन भी इस लिस्ट का हिस्सा हैं।
आया शी जिनपिंग का भी नाम
रिपोर्ट के मुताबिक, चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग और उनकी फैमिली का भी पनामा के बैंक से कुछ लिंक है। कहा जा रहा है कि फाइनेंशियल क्राइसिस के दौरान आइसलैंड के पीएम ने करोड़ों रुपए के बैंक बॉन्ड्स खरीदे थे। शी जिनपिंग ने चीन में रिश्वतखोरी के खिलाफ मुहिम चलाई थी, लेकिन कम्युनिस्ट पार्टी के काडर्स के पास बेहिसाब दौलत बताई जाती है। मिस्र के पूर्व तानाशाह होस्नी मुबारक, लीबिया के पूर्व तानाशाह मुअम्मर गद्दाफी और सीरिया के राष्ट्रपति बशर अल असद की फैमिली का जिक्र भी इन डाक्युमेंट्स में है।
फीफा मेंबर भी घिरे
पिछले दिनों करप्शन को लेकर सबसे बड़ी फुटबॉल बॉडी फीफा सुर्खियों में थी। इस लीक में फीफा के मेंबर जुआन पेड्रो डेमियानी का नाम भी है। कहा गया है कि उनके तीन ऐसे लोगों से बिजनेस रिलेशन हैं, जिनका नाम लीक हुई लिस्ट में है। फीफा के ही मिशेल प्लातिनी भी इस लिस्ट में हैं। स्टार फुटबॉलर लियोनल मैसी और उनके पिता का नाम भी संदिग्धों की सूची में है। हालांकि, स्पेनिश एजेंसियों की जांच में इसका खुलासा अब तक नहीं हुआ है।
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