फिल्म समीक्षा : फैन
'बैंड बाजा बारात', 'लेडीस वर्सेस रिकी बहल', और 'शुद्ध देसी रोमांस' सरीखी फिल्मों का निर्देशन कने वाले मनीष शर्मा की अगली पेशकश है फिल्म 'फैन'। हर बार अलग कॉन्सेप्ट पर फिल्में बनाने के लिए जाने जाने वाले मनीष ने इस बार अभिनेता शाहरुख खान को निर्देशित किया है। यशराज बैनर तली बनी 'फैन' से मनीष के साथ शाहरुख खान को भी काफ़ी उम्मीदें हैं। आइए, देखते हैं रोमांस किंग की 'कुछ हट कर' की गई कोशिश कितनी सफल होती है। दर्शकों के लिए कितना मनोरंजन लेकर आई यह फिल्म अइए करते हैं समीक्षा।
फिल्म का नाम: फैन
निर्माता : आदित्य चोपड़ा
निर्देशक : मनीष शर्मा
कलाकार : शाहरुख खान, वलुचा डिसूजा, दीपिका अमीन, योगेन्द्र टिकू, सयानी गुप्ता, श्रिया पिलगांवकर
संगीत : विशाल शेखर
अवधि: 2 घंटा 22 मिनट
सर्टिफिकेट: U /A
रेटिंग: 3 स्टार
जॉनर : थ्रिलर
बॉलीवुड में 'रोमांस किंग' के नाम से मशहूर शाहरुख खान ने अपने करियर के शुरुआत में कई थ्रिलर फिल्में की, लेकिन यशराज फिल्म्स ने ही उन्हें 'रोमांस' किंग बना दिया। आपको बता दें कि यश चोपड़ा की फिल्म 'दिलवाले दुल्हनिया ले जाएंगे' में 'लवर बॉय' की भूमिका करने के लिए शाहरुख को काफी मुश्किल से मनाया गया था।
उसके बाद बनी 'रोमांस किंग' की छवि से एक बार फिर आज़ाद होने के लिए यशराज फिल्म्स के बैनर तले आ गए हैं। लेकिन इस बार निर्देशक मनीष शर्मा हैं। मनीष भी लीक से हटकर फिल्में बनाते हैं। इस बार भी उन्होंने सुपरस्टार और उनके सबसे बड़े फैन की दीवानगी पर आधारित फिल्म बनाई है।
उसके बाद बनी 'रोमांस किंग' की छवि से एक बार फिर आज़ाद होने के लिए यशराज फिल्म्स के बैनर तले आ गए हैं। लेकिन इस बार निर्देशक मनीष शर्मा हैं। मनीष भी लीक से हटकर फिल्में बनाते हैं। इस बार भी उन्होंने सुपरस्टार और उनके सबसे बड़े फैन की दीवानगी पर आधारित फिल्म बनाई है।
कहानी
कहानी है दिल्ली के गौरव चंदना (शाहरुख खान) की। गौरव बचपन से ही फिल्मों के सुपर स्टार आर्यन खन्ना (शाहरुख खान) का दीवाना है। गौरव दिल्ली में एक साइबर कैफे चलाता है। मोहल्ले के लोग उसे जूनियर आर्यन खन्ना बुलाते है। इसके अलावा, वह सोसाइटी में होने वाले एक कॉम्पिटिशन में आर्यन खन्ना की एक्टिंग करता है।
ऐसे ही एक कॉम्पिटिशन में उसे प्राइज के रूप में 20 हजार रुपए मिलते हैं। जमा पैसों को लेकर वह दिल्ली से मुंबई आ जाता है और उसी होटल में ठहरता है, जहां आर्यन पहली बार मुंबई आने पर ठहरा था। गौरव, आर्यन से मिल नहीं पाता है।
ऐसे ही एक कॉम्पिटिशन में उसे प्राइज के रूप में 20 हजार रुपए मिलते हैं। जमा पैसों को लेकर वह दिल्ली से मुंबई आ जाता है और उसी होटल में ठहरता है, जहां आर्यन पहली बार मुंबई आने पर ठहरा था। गौरव, आर्यन से मिल नहीं पाता है।
कहानी में ट्विट्स तब आता है जब गौरव, आर्यन के लिए एक न्यू कमर एक्टर सिड कपूर को पीट देता है और फिर उससे आर्यन को 'सॉरी' बुलवाता हुआ, वीडियो बनाता है। इस वीडियो को सोशल नेटवर्किंग साइट पर शेयर कर देता है। अब सबको लगता है कि यह सब अार्यन खन्ना ने किया है।
वीडियो को लेकर कई तरह की खबरें बनने लगती हैं और आर्यन की इमेज भी खराब होती है। इस बात जानकारी जब आर्यन को होती है, तो वह गौरव को गिरफ़्तार करवा देता है। बस फिर क्या यहीं से शुरू हो जाती है एक सुपरस्टार और उसके सबसे बड़े फैन के बीच जंग। इस जंग में किसकी हार और किसकी जीत होती है। यह जानने के लिए आपको फिल्म देखनी होगी।
वीडियो को लेकर कई तरह की खबरें बनने लगती हैं और आर्यन की इमेज भी खराब होती है। इस बात जानकारी जब आर्यन को होती है, तो वह गौरव को गिरफ़्तार करवा देता है। बस फिर क्या यहीं से शुरू हो जाती है एक सुपरस्टार और उसके सबसे बड़े फैन के बीच जंग। इस जंग में किसकी हार और किसकी जीत होती है। यह जानने के लिए आपको फिल्म देखनी होगी।
अभिनय
शाहरुख खान का अभिनय कमाल का है। आर्यन खन्ना हो या गौरव, दोनों ही किरदारों में शाहरुख ने जान फूंकी है। लुक से लेकर लहजे तक बेहतरीन अंदाज में शाहरुख ने काम किया है। वहीं गौरव के पिता का रोल योगेन्द्र टिकू ने अच्छा निभाया है। हालांकि, बाकी कलाकरों के लिए कुछ खास स्कोप था ही नहीं, लिहाजा वो नोटिस भी नहीं हुए।
पटकथा और निर्देशन
फिल्म का फर्स्ट हाफ काफी उम्दा है, लेकिन इंटरवल के बाद फिल्म थोड़ी बड़ी लगने लगती है, लम्बे-लम्बे चेस सीक्वेंस और कई सारी काल्पनिक घटनाएं घटने लगती है, हालांकि बेहतरीन लोकशन्स, लाजवाब सिनेमेटोग्राफी कमाल की है। बेहतरीन सिनेमेटोग्राफी के लिए जिसके लिए मनु आनंद बधाई के पात्र हैं। वहीं स्क्रिप्ट भी अच्छी है, पूरी फिल्म को बांधे रखती है। कहानी का अंत थोड़ा बेहतर हो सकता था।
संगीत
फिल्म का इकलौता गाना सॉन्ग 'जबरा फैन' शुरुआत से ही दर्शकों की जुबां पर चढ़ा हुआ है। हालांकि, यह सॉन्ग फिल्म में दिखाया नहीं गया है। यह शाहरुख की सॉन्गलैस फिल्म है। इसका बैकग्राउंड स्कोर भी ठीक-ठाक है।
ख़ास बात
आप यदि शाहरुख के 'फैन' है, तो यह फिल्म आपके लिए ट्रीट है। हालांकि, फिल्म की कहानी रियलिटी से काफी दूर नजर आती है। सेकंड हाफ थोड़ा बड़ा है, जिसमें कहानी लंदन से होकर मुंबई और दिल्ली तक पहुंचती है। कई ऐसी घटनाएं घटती हैं, जिससे कनेक्ट कर पान काफी मुश्किल होता है। लम्बे चेसिंग सीक्वेंस बोर करने लगते हैं। इसे और बेहतर तरह का अंजाम दिया जा सकता था।
संबंधित ख़बरें
द जंगल बुक फिल्म की समीक्षा
द जंगल बुक फिल्म की समीक्षा