फिल्म समीक्षा : उड़ता पंजाब
तमाम विवादों के बाद 'उड़ता पंजाब' आज रिलीज हो गई। प्रोड्यूसर-डायरेक्टर विशाल भरद्वाज को असिस्ट कर चुके अभिषेक चौबे ने फिल्म 'इश्कियां' और फिर 'डेढ़ इश्कियां' के निर्देशित किया था। इसके बाद अभिषेक 'उड़ता पंजाब' को लेकर आए हैं। बड़े बैनर और सितारों के साथ अभिषेक ने इस बार पंजाब के बैक ड्रॉप पर फिल्म बनाई है। इस फिल्म को लेकर कई तरह के विवाद हुए, कभी सेंसर, तो कभी फिल्म का लीक होना। सिने चिट्ठा लाया है विवादों से चर्चित इस फिल्म का रिव्यू...
फिल्म : उड़ता पंजाब
निर्माता : बालाजी मोशन पक्चर्स , फैंटम फिल्म्स
निर्देशक : अभिषेक चौबे
कलाकार : शाहिद कपूर, आलिया भट्ट, करीना कपूर खान, दिलजीत सिंह दोसांझ, सतीश कौशिक
संगीतकार : अमित त्रिवेदी
जॉनर : क्राइम थ्रिलर
सर्टिफिकेट : A
रेटिंग: 3 स्टार
बीते कुछ दिनों चर्चा का विषय रही फिल्म 'उड़ता पंजाब' आखिरकार काफी उतार-चढ़ाव के बाद रिलीज़ हो गई। पंजाब की पृष्ठभूमि पर आधारित फिल्म की कहानी है। कैसी बनी है ये फिल्म? आइए समीक्षा करते हैं।
कहानी
फिल्म की कहानी पंजाब में चार अलग-अलग लोगों के के इर्द-गिर्द घूमती हैं। एक तरफ रॉक स्टार टॉमी सिंह (शाहिद कपूर) है, जिसे ड्रग्स की बुरी लत है। वह मशहूर पॉप सिंगर है, जिसकी वजह से बहुत सारे युवा, उसकी ही तरह बनना चाहते हैं। वहीं बिहार से पंजाब आई लड़की (आलिया भट्ट) है, जिसका सपना कुछ और था लेकिन हालात ने उसे किसी और रास्ते पर पहुंचा दिया।
फिल्म का तीसरा अहम किरदार एक डॉक्टर प्रीत साहनी (करीना कपूर खान) का है, जो नशे के कारोबार को जड़ से खत्म करना चाहती है और चौथा किरदार पुलिस अफसर सरताज सिंह (दिलजीत दोसांझ) का है। अब क्या नशे का ये कारोबार खत्म हो पाएगा? ये आपको फिल्म देखकर ही पता चलेगा।
निर्देशन
फिल्म आपको डार्क शेड में लेकर जाती है, जहां हरेक किरदार एक ख़ास तरह की रोशनी में अपने डायलॉग बोलता दिखता है। फिल्म में सभी किरदारों का लुक काफी प्रभावी है। इसे हर किसी ने फिल्म का ट्रेलर देखते महसूस भी किया होगा।
पंजाब के रियल लोकशंस देखने में अच्छे लगते हैं, लेकिन यह फिल्म एक खास तरह की ऑडियंस ही पचा पाएगी। कुछ शॉट्स अभिषेक चौबे ने उम्दा लिए हैं, खासतौर पर वो सीन, जब पहली बार आलिया और शाहिद का आमना-सामना होता है।
अब यदि पटकथा की बात की जाए, तो यह फिल्म एक खास मुद्दे की तरफ ध्यान आकर्षित करने के लिए बनाई गयी है, जो कि 'ड्रग्स' का है। इसी के इर्द गिर्द सारे किरदारों को बुना गया है। फिल्म की कहानी सेकंड हाफ में काफी लंबी लगने लगती है, लेकिन टारगेट के हिसाब से करेक्ट जाती है।
अभिनय
अभिनय के लिहाज से पहला नाम आलिया भट्ट का आता है। आलिया का ट्रांसफॉर्मेशन कमाल का है, जबकि शाहिद कपूर ने भी अपनी अदाकारी से दिल जीता है। शाहिद कपूर ने लुक और लहजा लिया है वो कमाल का है।
शाहिद और आलिया, एक ड्रग्स एडिक्ट पॉप सिंगर और बिहार से आई माइग्रेंट लड़की के एक्ट को दिखाने में कामयाब हुए हैं। कुछ सीन में करीना कपूर खान भी प्रभावित करती हैं जबकि पंजाब पुलिस अफसर का रोल करने वाले दिलजीत ने काफी सहज एक्टिंग की है। फिल्म के बाकी कलाकारों की एक्टिंग भी सराहनीय है।
संगीत
फिल्म का एक खास म्यूजिक स्ट्रक्चर है, जिसे अमित त्रिवेदी ने बखूबी रचा है। फिल्म का म्यूजिक कहानी को निखारता भी है। फिल्म की शुरुआत में 'चिट्टा वे' गीत आते ही आपको फिल्म का मिजाज कुछ-कुछ समझ में आ जाता है,
जबकि 'इक कुड़ी' वाला गीत भी सोचने पर मजबूर कर जाता है। वैसे फिल्म का संगीत रिलीज़ से पहले ही हिट है। बैकग्राउंड स्कोर भी स्टोरी लाइन के साथ बखूब जाता है।
ख़ास बात
फिल्म का मुद्दा सही है, लेकिन शायद कमजोर दिल वालों के लिए थोड़ी मुश्किल हो सकती है क्योंकि फिल्म में गाली-गलौच के साथ खून खराब भी बहुत है। लेकिन यदि आप डार्क शेड और अहम इश्यूज पर आधारित फिल्में पसंद करते हैं, तो ही यह फिल्म मिस मत कीजिए।
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