सेंसर बोर्ड के नियम बदलने चाहिए - इरफ़ान
अभिनेता इरफ़ान खान 'उड़ता पंजाब' फिल्म पर हो रहे विवाद पर हैरानी जताते हुए बोले कि सालों से मौजूद यह मुद्दा अचानक इतना बड़ा क्यों हो गया। पूरा देश ही सेंसर बोर्ड जाता है। इरफान ने यह भी कहा कि ये सभी नियम ब्रिटिश शासनकाल में बनाए गए थे। इसलिए इसके लिए किसी एक व्यक्ति को जिम्मेदार नहीं ठहराया जाना चाहिए। साथ ही सेंसर के नियमों को बदलने की वकालत भी की।
मुंबई। अपनी फिल्म 'मदारी' के गाने 'दमा दम' के लॉन्च पर अभिनेता इरफान खान सेंसर बोर्ड के मुद्दे पर खुलकर बोले। उन्होंने उड़ता पंजाब' फिल्म विवाद पर हैरानी जताते हुए कहा कि कई वर्षो से मौजूद मुद्दे को उठाने वाली फिल्म अचानक 'बहुत बड़ा' मुद्दा बन जाती है और पूरा देश ही सेंसर बोर्ड बन जाता है।
वे आगे कहते हैं कि ऐसे कई मुद्दे हैं, जो हम तक नहीं पहुंच पाते हैं। यह बहुत ही अजीब है कि कई वर्षो से कुछ पत्रिकाएं राज्य और वहां मौजूद गंभीर समस्या के बारे में लिखती रही हैं और 10 साल जब इस मुद्दे पर कोई फिल्म बनती है, तो यह अचानक बड़ा मुद्दा बन जाता है।
बदलना चाहिए सेंसर के नियम
यहां तक इरफान ने कहा कि यह सभी नियम ब्रिटिश शासनकाल में बनाए गए थे और इनके लिए किसी एक व्यक्ति को जिम्मेदार ठहराना ग़लत होगा। इसके नियम बदलने चाहिए।
इरफ़ान ने नियुक्ति पर कहा कि यदि आप किसी को नियुक्त करते हैं तो वह नियम-क़ायदे के अनुरूप ही काम करेगा। हम सो रहे हैं और देश सो रहा है। हम कुछ भी बदलने की जरूरत नहीं समझते।
इरफ़ान ने नियुक्ति पर कहा कि यदि आप किसी को नियुक्त करते हैं तो वह नियम-क़ायदे के अनुरूप ही काम करेगा। हम सो रहे हैं और देश सो रहा है। हम कुछ भी बदलने की जरूरत नहीं समझते।
वहीं सेंंसर बोर्ड की जिम्मेदारी बताते हुए कहते हैं कि मेरी समस्या यह है कि हम यह तक नहीं जानते कि यह सेंसर बोर्ड है या प्रमाणन बोर्ड। यह एक प्रमाणन बोर्ड है, यह सेंसर बोर्ड नहीं है। जब कभी कोई मुद्दा उठाया जाता है, तो पूरा देश ही सेंसर बोर्ड बन जाता है।
बॉलीवुड आए आगे
वह कहते हैं कि हमें इस मसले को गंभीरता से लेना चाहिए। पूरे बॉलीवुड को आगे आना चाहिए। फिल्म जगत 4,000 करोड़ रुपये की कर अदायगी करती है।
इसलिए सरकार को कर अदायगी करने वाले लोगों की प्रशंसा करनी चाहिए। हमें जागने की जरूरत है और सरकार को भी इस बारे में सोचना चाहिए।
इसलिए सरकार को कर अदायगी करने वाले लोगों की प्रशंसा करनी चाहिए। हमें जागने की जरूरत है और सरकार को भी इस बारे में सोचना चाहिए।
उन्होंने कहा कि महेश भट्ट ने एक बयान में कहा था कि 40 साल पहले उन्होंने कोई फिल्म बनाई और वह अटक गई। इसका मतलब यही है कि हम वास्तव में सो रहे हैं।
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