फिल्म समीक्षा: आईस ऐज कोलाइजन कोर्स
मैनी, एली, पीचेज, डिएगो, सिड और जूलियन के साथ बक का किरदार भी इस बार 'आईस ऐज' के पांचवें संस्करण में आया है। ब्लू स्काय स्टूडियोज़ की इस फ्रेंचाइजी ने अपने स्टूडियो के लिए अपना काम पूरी तरह से किया है। बीते पंद्रह सालों में इस फ्रेंचाइजी ने स्टूडियो को 2.8 बिलियन डॉलर का बिजनेस करके दिया है। कहा जा रहा है कि 'आईस ऐज : कोलाइजन कोर्स' इस फ्रेंजाइज़ी की आख़िरी फिल्म होगी।
निर्देशक : माइक थरमेयर
निर्माता : ब्लू स्काई स्टूडियोज, 20 सेंचुरी फॉक्स एनीमेशन
लेखक : ऑब्री सोलोमन
संगीत : जॉन डेब्ने
आवाजें : रे रोमानो, जॉन लेग्युजामो, डेनिस लैरी, क्वीन लतिफा, साइमन पेग, जेनिफर लोपेज, जेस टेलर फरग्युसन, जेस्सी जे., कीकी पाल्मर, एडम डिविनि
रेटिंग : 3 स्टार
विलुप्त हो चुके जानवरों पर बुनी गई कहानी पर साल 2002 में ‘आईस ऐज’ नाम की फिल्म आई थी, फिर शुरू हुआ इसके सीरिज़ का सिलसिला और साल 2016 में ‘आईस ऐज’ फ्रेंचाइज़ी का पांचवा संस्करण भी रिलीज़ हो गया। हालांकि, पांचवीं फिल्म 'आईस ऐज : कोलाइजन कोर्स' को इस फ्रेंचाइज़ी की आख़िरी फिल्म कहा जा रहा है।
कहानी
फिल्म 'आईस ऐज ' में स्क्रैट नाम की एक जुनूनी गिलहरी है, जो अपने एकॉर्न के लिए न जाने कितना कुछ कर चुकी है। इस बार तो वो एक एलियन शिप के जरिये अंतरिक्ष में जा पहुंची है। अब उसे शिप चलाना तो उसे आता नहीं है, तो वो मारे घबराहट के कई बटन दबा देती है, जिससे उसने बहुत बड़ी परेशानी खड़ी कर दी है। कई ग्रह आपस में टकराने लगे है, जिससे पृथ्वी संकट में पड़ गई है, लेकिन इन तमाम बातों के बेख़बर स्क्रैट अब भी एकॉर्न के पीछे ही पड़ी है।
इस फिल्म के सीरिज़ के दीवानों के लिए स्क्रैट एक चिर-परिचित किरदार है। इस फिल्म के किरदारों के लिए मुसीबतें उसी की खड़ी की हुई होती हैं। फिल्म की पांचवी किस्त में इन जानवरों की दुनिया काफ़ी बदल चुकी है। बड़े-बड़े दांतों और फर से ढके प्राचीन हाथी यानी मैमथ 'मैनी' अपनी बेटी 'पीचेज' और उसके प्रेमी 'जूलियान' को लेकर चिंतित है। मैनी को लगता है कि पीचेज ने अपने लिए ग़लत साथी चुना है, लेकिन उसकी पत्नी 'एली' उसे बार-बार समझाती है कि उसे पीचेज को अपने फैसले खुद करने की छूट देनी चाहिए। तो उधर, सैबर टूथ टाइगर 'डिएगो' और उसकी पत्नी 'शिरा' को अब लगने लगा है कि उनकी भी औलाद होनी चाहिए।
वहीं आलसी स्लॉथ 'सिड' जरा भी नहीं बदला है। सब ठीक ही चल रहा होता है कि एक दिन नेवला 'बक' के आने से सब बदल जाता है। वह सब जानवरों को बताता है कि अंतरिक्ष से एक ऐस्ट्रॉइड यानी क्षुद्रग्रह पृथ्वी की ओर आने वाला है, जिससे सब तबाह हो जाएगा।
बक के पास इस समस्या का समाधान भी है। वो कहता है कि इससे बचने के लिए सभी जानवरों को जंगल से दूर जाना पड़ेगा। सब उसकी बात मान भी लेते हैं। रास्ते में उन्हें जिओटोपिया नाम की जगह मिलती है, जहां उन्हें अपनी तरह के कुछ जानवर मिलते हैं, जिनके पास कभी न बूढ़े होने की शक्ति है। ये सभी जानवर अपने मिशन पर काम कर रहे होते हैं कि एक उड़ने वाला ड्रॉमासॉर अपने दो बच्चों संग इन सभी का प्लान फेल करने में जुट जाता है।
हमारी राय-शुमारी
बीती चारों किस्तों के मुकाबले इस बार कहानी कुछ कमज़ोर लगी। फिल्म में इमोशंस की कमी खलती है। हालिया, रिलीज ‘द जंगल बुक’ के बाद तो इस अहसास को और करीब से समझा जा सकता है।
साफ-साफ कहा जाए तो इस कहानी का भाव कुछ ऐसा है कि बच्चों को एलियन शिप के जरिये न केवल अंतरिक्ष की सैर कवराई गई है, बल्कि ग्रहों और भौतिकि के नियमों पर आधारित सृष्टि की संरचना और समय के साथ हुई उथल-पुथल समझाने की कोशिश की गई है। हालांकि, थोड़ी देर के लिए यह बातें कुछ रोचक लगती हैं, लेकिन फिर क्लासरूम की सी फीलिंग आने लगती है।
वैसे, बक के किरदार के साथ जब फिल्म आगे बढ़ती है, तो मजा आने लगता है। हिन्दी वर्जन में बक के किरदार को अभिनेता अर्जुन कपूर ने अपनी आवाज दी है, इसलिए भी ये किरदार काफी मजेदार लगता है। लेकिन बक की प्रस्तुतिकरण में इतनी तेजी है कि कई बातें बच्चों की समझ ही नहीं आती, बच्चे बीच फिल्म में सवाल दागने लगते हैं। दरअसल, एनिमेशन इतना बढ़िया और रंगीला है कि आप देखने और सुनने के बीच तालमेल नहीं बैठा पाएंगे।
संवाद भी पिछली फिल्मों की भांति बहुत सरल तो नहीं है। फिल्म देखते हुए लगता है जैसे पुराने टॉम एंड जैरी के कॉर्टून देख रहे हैं। किसी तरह का कोई उत्साह नहीं दिखता। एनिमेशन भी बहुत उम्दा तो नहीं है। कहीं न कहीं कुछ कमी सी लगती है। नए-नए जानवरों को देखना बच्चों को आकर्षित कर सकता है।
फिल्म में एडवेंचर और फन भी गायब सा लगता है। फिल्म में कई किरदार हैं जो अपना ध्यान आपकी ओर आकर्षित करते हुए लगते हैं। मैनी, एल्ली, पीचेस, जूलियन के किरदार प्रमुख है। रे रोमेनो, क्वीन लतिफाह, केके पाल्मर, एडम डिवाइन की आवाज़े बेहतरीन लगती हैं।
कहानी को मौजूदा पीढ़ी से जोड़ने के लिए पीचेज और जूलियान की प्रेम कहानी के अलावा सोशल मीडिया को भी दिखाया गया है, जिससे यह इस फिल्म की कहानी जंगल की कम और शहरी ज्यादा लगती है। अपने स्पेशल इफेक्ट्स, 3डी, एनिमेशन और बक जैसे किरदारों की वजह से यह किस्त निराश तो नहीं करती, लेकिन कोई आशाजनक प्रभाव भी छोड़ती। जिन्होंने इस सीरिज के पहले दो-तीन भाग देखें हैं, उन्हें ये फिल्म थोड़ी कम पसंद आएगी।
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