फिल्म समीक्षा : रुस्तम
अभिनेता अक्षय कुमार साल में चार से पांच फिल्में करते हैं और इस साल की शुरुआत उन्होंने 'एयरलिफ्ट' से की थी, जिसे दर्शकों और क्रटिक्स के द्वारा काफी सराहा भी था। उसके बाद 'हॉउसफुल 3' और अब उनकी फिल्म 'रुस्तम' रिलीज़ हुई है। नीरज पांडेय के प्रोडक्शन में बनी इस फिल्म को टीनू सुरेश देसाई ने निर्देशित किया है। हालांकि, अक्षय फिल्म से बतौर प्रोड्यूस जुड़े हैं। कैसी है यह फिल्म, आइए करते हैं समीक्षा...
फिल्म : रुस्तम
निर्माता : नीरज पांडे, जी स्टूडियो, क्रियार्ज एंटरटेनमेंट, केप ऑफ गुड फिल्म्स, प्लान सी स्टूडियो
निर्देशक : टीनू सुरेश देसाई
कलाकार : अक्षय कुमार, इलियाना डिक्रूज, ईशा गुप्ता, अर्जन बाजवा, कुमुद मिश्रा और पवन मल्होत्रा
संगीतकार : आर्को प्रावो मुख़र्जी, जीत गांगुली, अंकित तिवारी, राघव सच्चर
जॉनर : मिस्ट्री थ्रिलर
रेटिंग : 3/5
अक्षय कुमार के प्रशंसकों को इस फिल्म का बेसब्री से इंतज़ार था। 'रुस्तम' एक सच्ची घटना पर आधारित फिल्म बताई जो रही है, जिसमें अक्षय एक नेवी ऑफिसर का रोल निभा रहे हैं। इस साल अक्षय की ‘एयरलिफ्ट’ और ‘हाउसफुल 3’ दोनें ही फिल्में बॉक्स ऑफिस पर सफल रही हैं।
कहानी
फिल्म की कहानी इंडियन नेवी के ऑफिसर रुस्तम पावरी (अक्षय कुमार) और उसकी पत्नी सिंथिया पावरी (इलियाना डिक्रूज) की है। दोनों की खुशहाल जिंदगी पर उस वक्त भूचाल आता है,
जब रुस्तम को पता चलता है कि उसकी वाइफ का अफेयर उसके खास दोस्त विक्रम मखीजा (अर्जन बाजवा) से चल रहा है। यह जानने के बाद रुस्तम विक्रम पर तीन गोलियां दागता है।
केस कोर्ट में जाता है, जिसका ट्रायल भी होता है। कहानी दिल्ली और लंदन के गलियारों में भी घूमती है। इस बीच फिल्म में कई ट्विस्ट आते हैं, जिन्हें जानने के लिए आपको फिल्म देखनी होगी।
जब रुस्तम को पता चलता है कि उसकी वाइफ का अफेयर उसके खास दोस्त विक्रम मखीजा (अर्जन बाजवा) से चल रहा है। यह जानने के बाद रुस्तम विक्रम पर तीन गोलियां दागता है।
केस कोर्ट में जाता है, जिसका ट्रायल भी होता है। कहानी दिल्ली और लंदन के गलियारों में भी घूमती है। इस बीच फिल्म में कई ट्विस्ट आते हैं, जिन्हें जानने के लिए आपको फिल्म देखनी होगी।
निर्देशन
फिल्म का निर्देशन अच्छा है और 50 के दशक को बखूबी उतारा गया है। स्क्रीनप्ले, डायलॉग, कपड़े और आसपास के माहौल पर काफी ध्यान दिया गया है, लेकिन कुछ 'सिलि मिस्टेक' रह गए। मसलन, मच्छर से छुटकारा पाने की क्रीम और प्रिंटिंग मशीन का प्रयोग समय से पहले ही दिखया गया है।
हालांकि, शूटिंग के दौरान 1950 के बैकड्रॉप का भी बेहद ख़याल रखा गया है। सिनेमेटोग्राफी और डायलॉग्स भी उम्दा हैं। फिल्म कुछ लंबी है, यदि एडिटिंग पर थोड़ा सा काम और किया जाता तो यह और भी दिलचस्प हो सकती थी।
हालांकि, शूटिंग के दौरान 1950 के बैकड्रॉप का भी बेहद ख़याल रखा गया है। सिनेमेटोग्राफी और डायलॉग्स भी उम्दा हैं। फिल्म कुछ लंबी है, यदि एडिटिंग पर थोड़ा सा काम और किया जाता तो यह और भी दिलचस्प हो सकती थी।
अभिनय
अक्षय कुमार ने पहली बार नेवी ऑफिसर का किरदार निभाया है और उन्होंने उम्दा अभिनय किया है। ईशा गुप्ता कई जगहों पर लाउड लगीं। इलियाना डिक्रूज, अर्जन बाजवा, पवन मल्होत्रा, कुमुद मिश्रा, अनंग देसाई और अन्य कलाकारों ने भी ठीक काम किया है।संगीत
फिल्म का संगीत ठीक है। 'तेरे संग यारा', 'तय है' के साथ थीम सांग भी कमाल का है।ख़ास बात
यदि मिस्ट्री वाली फिल्में अच्छी लगती हैं औरअक्षय कुमार की फिल्में भाती हैं, तो 'रुस्तम' देख सकते हैं।फिल्म समीक्षा: आईस ऐज कोलाइजन कोर्स