जब नर्गिस फाख़री पार नहीं कर पाई थीं सड़क
हाल ही में रिलीज़ हुई फिल्म 'बैंजो' में क्रिस्टीना बनीं अभिनेत्री नर्गिस फाख़री का कहना है कि मुंबई उनके लिए 'कल्चरल शॉक' था। यहां तक कि उन्हें यहां का खाना स्पाइसी लगता है, जिसे वो नुकसानदायक मानती हैं। नर्गिस भारतीयों को ओवरफ्रेंडली कहती हैं और ये भी बताती हैं कि बॉलीवुड में उनका एक भी दोस्त नहीं है।घुमक्कड़ी की शौक़ीन नर्गिस मुंबई में ख़ुद को एक कमरे में बंद रखना ही पसंद करती हैं। अमेरिका से भारत आने के अपने सफरनामे पर और भी कई बातें नर्गिस साझा की।
मुंबई। 'रॉक स्टार', 'मद्रास कैफ़े' और 'मैं तेरा हीरो' सरीखी फिल्मों में अभिनय करने वाली अदाकारा नर्गिस फाख़री के बारे में बीते दिनों ख़बरें थी कि वे न्यूयॉर्क शिफ़्ट हो रही हैं।
लेकिन जब उनसे इसके बारे में पूछा गया, तो वो बोलीं कि मैं न्यूयॉर्क शिफ़्ट नहीं हो रही हूं। अमेरिका मेरा घर है। मैं वहां रहती हूं। जहां तक अफवाहों की बात है, तो अच्छा है कि मैं ख़बरों में बनी रहती हूं। अपने अचानक न्यूयॉर्क जाने के बारे में उन्होंने कहा कि मुझे गंभीर बीमारी हो गई थी, जिसको अनदेखा नहीं किया जा सकता था।
लेकिन जब उनसे इसके बारे में पूछा गया, तो वो बोलीं कि मैं न्यूयॉर्क शिफ़्ट नहीं हो रही हूं। अमेरिका मेरा घर है। मैं वहां रहती हूं। जहां तक अफवाहों की बात है, तो अच्छा है कि मैं ख़बरों में बनी रहती हूं। अपने अचानक न्यूयॉर्क जाने के बारे में उन्होंने कहा कि मुझे गंभीर बीमारी हो गई थी, जिसको अनदेखा नहीं किया जा सकता था।
पार नहीं कर पाई थीं सड़क
जब नर्गिस से भारत के उनके अनुभव के बारे में पूछा, तो वो बोलीं कि वैसे तो मुंबई में मेरा स्वागत ओवरवेल्मिंग रहा। वे आगे कहती हैं कि जब मैं पहली बार आईं, तो दो दिन तर घर से बाहर ही नहीं निकली। क्योंकि जहां भी मैं देखती थी, वहां भीड़ ही नज़र आती थी।
नर्गिस एक क़िस्सा साझा करते हुए बोलीं कि मैं जब मुंबई में पहली बार सड़क पार कर रही थी, तो काफी देर तक एक ही जगह पर खड़ा रहना पड़ा क्योंकि कोई लाइट ही नहीं थी। फिर जब एक फेमिली आई तो मैं उनके साथ सड़क पार कर पाई। यहां पॉपुलेशन बहुत ज़्यादा है। वैसे तो न्यूयॉर्क में भी पॉपुलेशन है, लेकिन वहां लोग एक सिस्टम को फॉलो करते हैं।
नर्गिस एक क़िस्सा साझा करते हुए बोलीं कि मैं जब मुंबई में पहली बार सड़क पार कर रही थी, तो काफी देर तक एक ही जगह पर खड़ा रहना पड़ा क्योंकि कोई लाइट ही नहीं थी। फिर जब एक फेमिली आई तो मैं उनके साथ सड़क पार कर पाई। यहां पॉपुलेशन बहुत ज़्यादा है। वैसे तो न्यूयॉर्क में भी पॉपुलेशन है, लेकिन वहां लोग एक सिस्टम को फॉलो करते हैं।
छोटे कपड़े पहनने पर घूरते हैं लोग
नर्गिस का कहना है कि यहां पर आपके कपड़ों को लेकर लोग जिस तरह से देखते हैं, वो बहुत अजीब है। ज़रा सा छोटा कपड़ा पहन लो तो लोग आपको घूरने लगते हैं। जहां अमेरिका में घर से बाहर निकलने से पहले क्या पहना है या क्या पहनना ये सोचना नहीं पड़ता था।
वहीं मुंबई में ज़रा से छोटे कपड़े पहनो, तो लोग घूरने लगते हैं। वहीं भारतीय खाने के बारे में वो कहती हैं कि यहां का खाना काफी स्पाइसी होता है, जिसे एक बार टेस्ट तो किया जा सकता है, लेकिन यह खाना पेट के लिए काफ़ी नुकसादेह होता है।
वहीं मुंबई में ज़रा से छोटे कपड़े पहनो, तो लोग घूरने लगते हैं। वहीं भारतीय खाने के बारे में वो कहती हैं कि यहां का खाना काफी स्पाइसी होता है, जिसे एक बार टेस्ट तो किया जा सकता है, लेकिन यह खाना पेट के लिए काफ़ी नुकसादेह होता है।
कोई नहीं है दोस्त
वैसे तो नर्गिस के अफेयर की ख़बरें काफी उड़ी थीं। ख़बरियों का कहना थी कि उदय चोपड़ा के साथ नर्गिस का अफेयर काफी सीरियस है। वो दोनों अपने रिश्ते को लेकर काफी संजीदा हैं। तभी एक दिन यह ख़बर आई कि उदय-नर्गिस का ब्रेकअप हो गया है। अब जब इस बारे में पूछा गया, तो नर्गिस बात को टाल गईं और दोस्ती पर राय देने लगीं।
नर्गिस ने कहा कि भारत के लोग काफी ओवरफ्रेंडली हैं। वो आगे कहती हैं कि यहां लोगों का रवैया काफी दोस्ताना है, लेकिन मेरे यहां दोस्त नहीं हैं। सभी मेरे को-स्टार हैं। बाद में धीरे से कहती हैं कि बस एक को छोड़ कर। यहां सिर्फ एक लड़की हैं, जो बॉलीवुड में असिस्टेंड डायरेक्टर है, वही मेरे करीब है और मेरी दोस्त भी है।
नर्गिस ने कहा कि भारत के लोग काफी ओवरफ्रेंडली हैं। वो आगे कहती हैं कि यहां लोगों का रवैया काफी दोस्ताना है, लेकिन मेरे यहां दोस्त नहीं हैं। सभी मेरे को-स्टार हैं। बाद में धीरे से कहती हैं कि बस एक को छोड़ कर। यहां सिर्फ एक लड़की हैं, जो बॉलीवुड में असिस्टेंड डायरेक्टर है, वही मेरे करीब है और मेरी दोस्त भी है।
भाषा नहीं है जरूरी
काम तो नर्गिस को भारतीय सिने जगत में ही करना है, लेकिन उनको हिन्दी सीखनी नहीं है। वो कहती हैं कि मैं हिंदी समझ लेती हूं, लेकिन मैं चाहती नहीं हूं कि हिंदी समझूं। कुछ लोगों में कुछ न कुछ कमी होती है। मेरे भीतर ये कमी है कि मैं हिंदी सीख नहीं पाई। जहां तक फिल्म की बात की जाए, तो डॉयलॉग रट लेती हूं। मुझे सिर्फ एक्टिंग ही करनी हैं, भाषा नहीं सीखनी है।
वहीं घूमने की शौक़ीन नर्गिस से भारत भ्रमण के बारे में पूछा गया, तो वो बोलीं कि भारत आने के बाद सिर्फ काम और घर ही देखना पसंद है। वैसे. यदि कोई साथी मिले तो उसके साथ घूमने जा सकती हूं।
वहीं घूमने की शौक़ीन नर्गिस से भारत भ्रमण के बारे में पूछा गया, तो वो बोलीं कि भारत आने के बाद सिर्फ काम और घर ही देखना पसंद है। वैसे. यदि कोई साथी मिले तो उसके साथ घूमने जा सकती हूं।