फिल्म समीक्षा : एम एस धोनी: द अनटोल्ड स्टोरी
इंडियन क्रिकेट टीम के कैप्टन कूल महेंद्र सिंह धोनी पर बनी बायोपिक 'एमएस धोनी: द अनटोल्ड स्टोरी' रिलीज़ गई हो गई है। नीरज पांडेय ने फिल्म में धोनी के जीवन के उन पन्नों को पलटने की कोशिश की है, अमूमन जिनसे लोग अब तक अनजान थे। ये फिल्म दर्शकों को कितना खींच पाती है, इसकी ताकीद बॉलीवुड रिपोर्ट ही बताएगी। फिलहाल पढ़िए फिल्म समीक्षा ...
फिल्म: एम एस धोनी: द अनटोल्ड स्टोरी
प्रोड्यूसर: अरुण पांडेय, फॉक्स स्टार स्टूडियोज़
डायरेक्टर: नीरज पांडे
कलाकार: सुशांत सिंह राजपूत, अनुपम खेर, कियारा आडवाणी, दिशा पटानी,
राजेश शर्मा, भूमिका चावला
राजेश शर्मा, भूमिका चावला
संगीतकार: अमाल मलिक, रोचक कोहली
रेटिंग: 4/5
जॉनर: स्पोर्ट्स बायोपिक
'बेबी', 'स्पेशल छब्बीस', 'अ वेडनेसडे' जैसी सराहनीय फिल्में देने वाले डायरेक्टर नीरज पांडेय अबकी बार भारतीय क्रिकेट टीम के कप्तान महेंद्र सिंह धोनी की जिंदगी पर आधारित फिल्म लेकर आए हैं। इस बार उनकी टीम नें सुशांत एस राजपूत हैं।
कहानी
कहानी शुरू होती है रांची से, जहां माही उर्फ महेंद्र सिंह धोनी (सुशांत सिंह राजपूत) का जन्म हुआ। स्कूल के दिनों में माही को फुटबॉल खेलना पसंद रहता है, लेकिन इसी बीच उसे स्कूल की टीम से विकेट कीपिंग करने का मौका मिलता है। यहीं से उसे क्रिकेट जुनून चढ़ता है।
माही की ख्वाहिश क्रिकेटर बनने की हैं, लेकिन उनके पिता (अनुपम खेर) चाहते हैं कि वो सरकारी नौकरी करे। छठवें नंबर पर बैटिंग करने वाले माही को कैसे ओपनिंग बैट्समैन बनने का मौक़ा मिलता है? ... कैसे सिलेक्शन होने के बावजूद उनके हाथ से दिलीप ट्रॉफी टूर्नामेंट निकल जाता है? ... कैसे टीसी की नौकरी करते-करते वे डिप्रेशन में जाने लगता है ... और कैसे महेंद्र सिंह धोनी भारत को क्रिकेट वर्ल्डकप जीताने में कामयाब होता है? ... इन सबके साथ माही के निजी जीवन में क्या कुछ घटता रहता है, यह सब इस फिल्म में देखने को मिलेगा।
माही की ख्वाहिश क्रिकेटर बनने की हैं, लेकिन उनके पिता (अनुपम खेर) चाहते हैं कि वो सरकारी नौकरी करे। छठवें नंबर पर बैटिंग करने वाले माही को कैसे ओपनिंग बैट्समैन बनने का मौक़ा मिलता है? ... कैसे सिलेक्शन होने के बावजूद उनके हाथ से दिलीप ट्रॉफी टूर्नामेंट निकल जाता है? ... कैसे टीसी की नौकरी करते-करते वे डिप्रेशन में जाने लगता है ... और कैसे महेंद्र सिंह धोनी भारत को क्रिकेट वर्ल्डकप जीताने में कामयाब होता है? ... इन सबके साथ माही के निजी जीवन में क्या कुछ घटता रहता है, यह सब इस फिल्म में देखने को मिलेगा।
निर्देशन-पटकथा
नीरज पांडेय 'अ वेडनेस डे', 'स्पेशल 26' और 'बेबी' जैसी फिल्मों को निर्देशित कर चुके हैं और तीनों फिल्मों के लिए उनकी सराहना भी मिली है। वहीं 'एम एस धोनी: द अनटोल्ड' में भी उन्होंने अच्छा काम किया है। लेकिन कुछ सीन्स फिल्म में बेजा लगते हैं। वहीं कई डायलॉग्स कई बार दोहराए गए हैं। माही का बचपन को बेहतरीन तरीक़े से दिखाया गया है, लेकिन जैसे-जैसे कहानी आगे बढ़ती है, वैसे-वैसे उसमें बनावटीपन नज़र आने लगता है।
अभिनय
अभिनय के मामले में इस फिल्म ने जबरदस्त अंक पाए हैं। सभी कलाकारों ने अपने हिस्से के रोल को बखूबी निभाया है। खासकर सुशांत ने धोनी के किरदार को परदे पर ज़िंदा कर दिया है। वहीं धोनी के पिता के रोल में अनुपम खेर और पत्नी साक्षी के रोल में कियारा आडवाणी का काम भी तारीफ काबिल है के। दिशा पाटनी का ज्यादा रोल नहीं है, लेकिन जितना है, उसे उन्होंने खूबसूरती के साथ निभाया है।
संगीत
फिल्म के गाने और बैकग्राउंड स्कोर अच्छा है। अमाल मलिक और रोचक कोहली के गाने पहले से ही पसंद किए जा रहे हैं। फिल्म का बैकग्राउंड स्कोर बेहतरीन है।
ख़ास बात
यदि आप सुशांत सिंह राजपूत कके अभिनय के कायल हैं और महेंद्र सिंह धोनी की ज़िंदगी को करीब से देखना चाहते हैं, तो यह फिल्म 'मस्ट वॉच' की कैटगरी में आती है।
फिल्म समीक्षा : पिंक