‘बैटल ऑफ सारागढ़ी’ के बूटा सिंह बनेंगे विक्रमजीत विर्क
राजकुमार संतोषी की पीरियड ड्रामा फिल्म ‘बैटल ऑफ सारागढ़ी’ की शूटिंग सितंबर से शुरू होने जा रही है। इस फिल्म में हवलदार ईश्वर सिंह की भूमिका में अभिनेता रणदीप हुड्डा होंगे, तो वहीं सिपाही बूटा सिंह के किरदार को अभिनेता विक्रमजीत विर्क निभाएंगे। बूटा सिंह को 21 सिपाहियों में सबसे ज़्यादा शक्तिशाली कहा गया है। विक्रम ने हाल ही में अपनी पहली इंडो-चाइनीज़ फिल्म ‘बड्डीज़ इन इंडिया’ की है, जो बीते महीने चीन में रिलीज़ हुई है।
मुंबई। ‘बैटल ऑफ सारागढ़ी’ पर इन दिनों बॉलीवुड में तीन फिल्में बन रही हैं। तीनों में से दो ने तो इस विषय पर मोहर लगा दी है, लेकिन तीसरे ने विषय के बारे में विस्तार से बताने की मनाही कर दी है।
बता दें कि अजय देवगन और राजकुमार संतोषी दोनों ही इस विषय पर फिल्म बना रहे हैं। वहीं कुछ दिनों पहले ही करण जौहर ने सलमान खान के साथ साझेदारी में अक्षय कुमार की मुख्य भूमिका वाली फिल्म बनाने की घोषणा की थी। कहा जा रहा है कि अक्षय कुमार की फिल्म भी ‘बैटल ऑफ सारागढ़ी’ पर ही आधारित होगी।
ख़ैर, जहां अजय देवगन अपनी फिल्म में मुख्य भूमिका निभा रहे हैं। वहीं राजकुमार संतोषी की फिल्म में रणदीप हुड्डा हवलदार ईश्वर सिंह की भूमिका में हैं और इसके अलावा एक और किरदार को लेकर काफी चर्चा है, वो है सिपाही बूटा सिंह।
सिपाही बूटा सिंह के किरदार में विक्रमजीत विर्क हैं। यूं तो बूटा सिंह भी उन इक्कीस सिपाहियों में से ही थे, लेकिन वो बाकी बीस से काफी अलग थे। बूटा सिंह सभी सिपाहियों से लंबे और बलवान थे। उनको भीष्म पितामह कहा जाता था।
बूटा सिंह न सिर्फ शरीर से शक्तिशाली थे, बल्कि दिमाग़ से भी काफी तेज़ थे। इतने निडर थे कि बाकी के बीस सिपाही एक तरफ और वो एक तरफ। बूटा सिंह सभी सिपाहियों में सीनियर थे और सबका ख़याल रखते थे। कभी-कभी रात में वो सोते भी नहीं थे।
ग़ौरतलब है कि ‘सारागढ़ी की जंग’ 12 सितंबर 1897 में ब्रिटिश इंडियन आर्मी और अफगान औरकज़ई कबायलियों के बीच हुआ था।
इस दिन नार्थ वेस्ट फ़्रंटियर में 4 सिख रेजिमेंट के 22 जवानों ने हज़ारों अफ़रीदी और औरकज़ई कबायलियों का मरते दम तक सामना किया, लेकिन अपने हथियार नहीं डाले।
सुबग 9 बजे से शुरू हुई ये लड़ाई शाम 4 बजे तक चलती रही। इस जंग में शामिल सभी 22 सैनिकों को ‘आईयूएम’, जो उस समय ब्रिटेन का सबसे बड़ा वीरता पुरस्कार था, उससे नवाज़ा गया। ये पुरस्कार आजकर के परमवीर चक्र के बराबर है। इस जंग की गिनती वीरतापूर्वक लड़ी गई विश्व की सर्वकालिक 8 जंगों में होती है।
वहीं फिल्म में बूटा सिंह बने विक्रमजीत विर्क हिंदी के साथ तेलुगु, मलयालम औक पंजाबी फिल्में भी कर चुके हैं। वहीं बड़े पर्दे के साथ छोटे पर्दे पर भी विक्रम अपना जौहर दिखा चुके हैं।
छोटे पर्दे पर वो ‘शोभा सोमनाथ की’, ‘देवों के देव...महादेव’, ‘महारक्षक आर्यन’ और ‘सूर्यपुत्र कर्ण’ में भी अहम भूमिका निभा चुके हैं।