अभिषेक के जन्म पर टूटा था ‘हॉस्पिटल प्रोटोकॉल’
अभिनेता अभिषेक बच्चन 41वें अमिताभ बच्चन ने अपने बेटे के जन्म की कुछ यादें अपने ब्लॉग पर साझा की। इस लेख में महानायक ने अपने बेटे के जन्म के दिन का वाकया शेयर किया है। इसके साथ ही अभिषेक के साथ अपनी कुछ तस्वीरें भी शेयर कीं। अभिषेक को ‘सेलेब्रेटी’ के दर्द से गुज़रने की बात भी अमिताभ लिखते हैं।
मुंबई। अभिनेता अभिषेक बच्चन के जन्मदिन के अवसर पर सदी के महानायक अमिताभ बच्चन ने ब्लॉग लिखा है। अपने ब्लॉग पर अमिताभ ने अभिषेक के जन्म के दिन का वाकया बताया है। इसके साथ ही उन्होंने अभिषेक के साथ अपनी कुछ पुरानी तस्वीरें भी शेयर की हैं।
जया-अमिताभ बच्चन की दूसरी संतान अभिषेक बच्चन अपने 41वें बसंत में पहुंच गए हैं। एबी के बेबी का जन्म मुंबई के ब्रीच कैंडी अस्पताल में हुआ था और खुशी के जश्न में अस्पताल का प्रोटोकॉल भी टूट गया था।
अमिताभ अपने ब्लॉग पर लिखते हैं कि साल 1976 का वो दिन जब अभिषेक पैदा होने वाला था और मैं ब्रीच कैंडी अस्पताल पहुंचा था। उसके बाद वह बड़ा होता गया और ऐसा दिखने लगा जैसा अपनी शुरुआती तस्वीरों में नजर आ रहा है।
वो आगे लिखते हैं कि मैं, बच्चन जी के (कवि हरिवंशराय बच्चन के) बेटे के रूप में पैदा हुआ था, जो कि एक भी अक्षर बोलना सीखने से पहले ही एक ‘सेलेब्रिट’ बन गया था। अभिषेक, अमिताभ बच्चन के बेटे के रूप में पैदा हुआ था और ‘सेलेब्रिटी’ का अर्थ समझने से पहले ही ‘सेलेब्रिटी’ बन गया था।
अमिताभ कहते हैं कि उनके पिता एक मशहूर और सम्मानित व्यक्ति थे और इसके कारण उनके लिए इस उपनाम के साथ जुड़े कुछ सामाजिक, नैतिक और सांस्कृतिक कायदे निभाने जरूरी थे। वो आगे कहते हैं कि अभिषेक को भी इस सब से ही गुज़रना पड़ा और अब भी पड़ता है।
इसके बाद अमिताभ, अभिषेक जन्म वाले दिन पाठक को लेकर जाते हैं। वो कहते हैं कि ब्रीच कैंडी में बिताए उस समय को कैसे भूल सकता हूं।
ऑपरेशन थिएटर का दरवाजा खुला और हमारे फैमिली डॉक्टर शाह ने पूछा, ‘तुम्हें क्या चाहिए था?’.... अमिताभ ने लिखते हैं कि उनकी मुस्कान से साफ जाहिर हो गया कि मेरा बेटा पैदा हो चुका है।
शैंपेन की बोतल खोली गई और उस समय ड्यूटी पर तैनात नर्स और सिस्टर्स को पिलाया गया, जो उनकी मर्जी और हॉस्पिटल के प्रोटोकॉल के खिलाफ़ था। लेकिन परिवार में एक नए सदस्य की जुड़ने की खुशी ही ऐसी थी।
ऑपरेशन थिएटर का दरवाजा खुला और हमारे फैमिली डॉक्टर शाह ने पूछा, ‘तुम्हें क्या चाहिए था?’.... अमिताभ ने लिखते हैं कि उनकी मुस्कान से साफ जाहिर हो गया कि मेरा बेटा पैदा हो चुका है।
शैंपेन की बोतल खोली गई और उस समय ड्यूटी पर तैनात नर्स और सिस्टर्स को पिलाया गया, जो उनकी मर्जी और हॉस्पिटल के प्रोटोकॉल के खिलाफ़ था। लेकिन परिवार में एक नए सदस्य की जुड़ने की खुशी ही ऐसी थी।
अमिताभ लिखते हैं कि उसके बाद नवजात अभिषेक को हम जेवीपीडी के घर ‘मंगल’ में लेकर आए, जहां अभिषेक की बहन श्वेता उसका इंतज़ार कर रही थी। श्वेता बमुश्किल दो साल की रही होगी। वो मारे खुशी के उछल रही थी, उसे दुलार दे रही थी और अपनी बाहों का सहारा देकर सुरक्षित महसूस करवा रही थी। वो जो बॉन्ड बना तब बना था, आज भी बरकरार है।
आज भी जब घड़ी ने बारह बजाए, तब बर्फी केक के साथ गाते हुए श्वेता आई...अभिषेक, ऐश्वर्या, श्वेता और मैंने ये दिन सेलेब्रिट किया। जया पार्लियामेंट की वजह से दिल्ली में है। फिर हम सबने अभिषेक को उपहार दिए। इसके बाद सब सोने चले गए और मैं ब्लॉग लिखने।