फिल्म समीक्षा: बद्रीनाथ की दुल्हनिया

शशांक खेतान के निर्देशन में बनी फिल्म ‘बद्रीनाथ की दुल्हनिया’ पूरी तरह एक मसाला फिल्म है। घिसी-पिटी कहानी को मज़ेदार तरीक़े से शशांक ने कहने की कोशिश की है। ‘हम्प्टी शर्मा की दुल्हनिया’ के बाद शशांक ‘दुल्हनिया’ फ्रेंचाइज़ी की दूसरी पेशकश लाए हैं। आइए करते हैं समीक्षा... 

Alia Bhatt, Varun Dhawan in Movie Badrinath ki Dulhaniya
निर्माता :       करण जौहर, हीरू जौहर 
निर्देशक :     शशांक खेतान 
कलाकार :   वरुण धवन, आलिया भट्ट, आकांक्षा सिंह, गौहर खान, श्वेता बासु प्रसाद और यश सिन्हा
संगीतकार : अमाल मलिक, तनिष्क बागची, अखिल सचदेव
जॉनर :         रोमांटिक कॉमेडी ड्रामा
रेटिंग :         4/5

शशांक खेतान ‘दुल्हनिया’ फ्रेंचाइज़ी की दूसरी किश्त ‘बद्रीनाथ की दुल्हनिया’ के रूप में लेकर आए हैं। जोड़ी ‘हम्प्टी शर्मा की दुल्हनिया’ वाली ही है। जहां पिछली कहानी में दिल्ली और अंबाला का तड़का था, वहीं इस बार झांसी की झांकी है। यह पूरी तरह से मसाला फिल्म है।

कहानी

यह कहानी है बद्रीनाथ (वरूण धवन) की, जो अपने परिवार के साथ झांसी में रहता है। बद्री के बड़े भाई की शादी परिवार वाले अपनी मर्ज़ी से करवा देते हैं, लेकिन बद्री को अपनी पसंद की लड़की से शादी करनी है। इसी दौरान अपने दोस्त की शादी में राजस्थान के कोटा जा पहुंचता है। कोटा में उसकी नज़र वैदेही (आलिया भट्ट) पर पड़ती है। 

बद्री को वैदेही से इश्क हो जाता है और अब वो उससे शादी करना चाहती है, लेकिन वैदेही, बद्री से शादी नहीं करना चाहती। दरअसल, वैदेही ने अपने लिए कुछ लक्ष्य निर्धारित कर रखे हैं, जिसकी वजह से वो शादी नहीं करना चाहती है। तभी कुछ ऐसा घटता है कि वैदेही घर से भाग खड़ी होती है। अब ऐसे में बद्री को उसकी दुल्हनिया इस बार मिलती है या नहीं, किसी वजह से वैदेही घर छोड़कर भागती है। यह सब सुलझाने के लिए आपको फिल्म देखना पड़ेगा।

निर्देशन

शशांक खेतान का निर्देशन काबिल-ए-तारीफ है। छोटे शहर की कहानी के हिसाब से उन्होंने हर चीज का बारीकी से ध्यान रखा है। वैसे तो कहानी वहीं घिसी-पिटी है, लेकिन स्टोरी टेलिंग यानी कहानी को परोसने का तरीक़ा जबरदस्त है। बहुत ही बारीक़ी से वो गर्ल्स एजुकेशन और जेंडर इक्वलिटी के मुद्दे की छूते हैं। फिल्म की रफ्तार सेकेंड हॉफ में कुछ धीमी हो गई, जिसे बढ़ाया जा सकता था। थोड़ी रोचकता के साथ फ्लो लाया जा सकता था।

अभिनय

वरूण धवन और आलिया भट्ट की कैमेस्ट्री जबरदस्त है। वरूण पूरी तरह उत्तर प्रदेश के रंग में रंगे दिखे, वहीं आलिया ने भी अपने किरदार को पर्दे पर बखूबी निभाया। बाकी के भी कलाकार अच्छे रहे।

संगीत

फिल्म का संगीत लोगों को काफी पसंद आ रही है। कई गाने तो पहले से ही लोगों की ज़बान पर चढ़े हुए हैं, लेकिन कुछ गानों की छटाई कर के फिल्म की लंबाई को कम किया जा सकता था। 

ख़ास बात

यह पूरी तरह से पारिवारिक मनोरंजक कहानी है। वीकेंड में परिवार के साथ देखी जा सकती है। वैसे तो कहानी में संदेश है, लेकिन जिन्हें रिएलिस्टिक सिनेमा को पसंद करने वालों के लिए यह फिल्म नहीं है। बाकी फिल्म पैसा वसूल है।

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