गुरमीत चौधरी-देबीना बनर्जी भी बने पैरेंट

जी हां, अभिनेता गुरमीत चौधरी और देबीन बनर्जी भी पैरेंट बन गए हैं। इस कपल ने दो लड़कियों को हाल ही गोद लिया है। फिलहाल कागजी कार्यवाही पूरी हुई है। बच्चियों को ये कपल अगले साल मुंबई लाएंगे। 

गुरमीत चौधरी और देबीना बनर्जी ने दो बच्चियों को गोद लिया
मुंबई। निर्माता-निर्देशक करण जौहर के पिता बनने की ख़बरों के बीच एक और सेलेब कपल के अभिभावक बनने की ख़बरें आ रही हैं। 

अभिनेता गुरमीत चौधरी और उनकी पत्नी अभिनेत्री देबीना ने दो लड़कियों को गोद लिया है। यह दोनों ही गुरमीत के होमटाउन बिहार की हैं। दोनों ने शादी के छह साल बाद बच्चियों को गोद लेने का फैसला लिया है। 

बिहार के जयरामपुर की रहने वाली दोनों लड़कियों का नाम पूजा और लता है। फिलहाल पूजा और लता गुरमीत-देबीना के साथ मुंबई में नहीं, बल्कि वो दोनों गुरमीत के भाई और भाभी के साथ पटना में रहेंगी। साल भर के बाद दोनों को मुंबई लाया जाएगा। 

दरअसल, कपल का मानना है कि अचानक से मुंबई जैसे भागदौड़ वाले शहर में वो एडजस्ट नहीं कर पाएंगी, तो ऐसे में उन्हें थोड़ा सा खुला माहौल मिलने के बाद मुंबई ले आया जाएगा। इस एक साल में पूजा-लता से मिलने गुरमीत-देबीन 2-3 बार पटनी जाएंगे। 

दोनों बच्चियों से गुरमीत और देबीना की मुलाक़ात साल 2014 में एक पारिवारिक समारोह में हुई थी। तब गुरमीत के माता-पिता ने उनको पूजा के बारे में बताया था। गुरमीत की मां अनमोल सरकारी शिक्षक हैं और पिता रिटायर आर्मी ऑफिसर हैं। 

पूजा अनाथ होने के बाद लता (जो पूजा की कज़िन है) के घर रहने लगी थी, लेकिन फिर कुछ दिनों के बाद लता के पिता की भी मृत्यु हो गई। इसके बाद दोनों को अपने एक रिश्तोदार के यहां रहना पड़ता था। जहां गुज़ारा करने के लिए लोगों के घरों में काम करना पड़ता था। 

इसके बाद गुरमीत ने बच्चियों को गोद लेने का फैसला किया। हालांकि, शुरू में गुरमीत ने दोनों बच्चियों को आर्थिक सहायता देने का फैसला लिया था, लेकिन बाद में देबीना के साथ बात करने के बाद अपने घर में लाना, उनको शिक्षा देना और साथ ही अपना नाम देने का फैसला लिया। 

गुरमीत ने बताया कि मेरे इस फैसले की वजह मेरे बचपन की यादें हैं। दरअसल, जरमपुर में मेरा बचपन बीता, जहां महीनों बिजली नहीं आती है। वहां ज़िंदगी जीने के लिए मूलभूत जरूरी सामान भी मिलना दूभर हो जाता है। इस वजह से मैंने इन दोनों को गोद लेने का फैसला किया। 

गुरमीत अपने इस फैसले से काफी उत्साहित हैं। उन्होंने बताया कि सारा कागजी काम पूरा हो चुका है। हम होली के बाद फाइनल सिग्नेचर के लिए जयरामपुर जाएंगे। यह दो दिन की प्रक्रिया है। 

उन्होंने आगे कहा कि मेरे माता-पिता के अलावा रिश्तेदार भी पूछते थे कि हम बच्चे की प्लानिंग कब कर रहे हैं। अब यह आधिकारिक है। मैं अपने घर दो बेटियों को ला रहा हूं और मैं इससे ज़्यादा एक्साइटेट नहीं हो सकता।

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