बॉलीवुड करण जौहर के ‘बाप का स्टूडियो’ नहीं है : कंगना रनौत
अभिनेत्री कंगना रनौत और निर्माता-निर्देशक करण जौहर की तल्खियां बढ़ती ही जा रही हैं। करण के ‘विक्टिम कार्ड’ आरोप के बाद कंगना ने एक अंग्रेजी डेली को दिए इंटरव्यू में कहा है कि बॉलीवुड करण के पिता की दी हुई जागीर नहीं है। यहां काम करने का अधिकार सबके पास है, वो इस इंडस्ट्री के छोटे से कण मात्र हैं।
मुंबई। बेबाक-बिंदास अदाकारा कंगना रनौत ने करण जौहर पर जवाबी हमला कर दिया। कुछ दिनों पहले ‘कॉफी विद करण’ में शुरू हुई तकरार अब जंग में बदल चुकी है।
करण ने हाल ही एक कार्यक्रम में कहा था कि मैं कंगना के ‘विक्टम कार्ड’ और ‘वुमन कार्ड’ से परेशान हो गया हूं। साथ ही करण ने यह भी कहा था कि यदि कंगना को हिंदी फिल्म इंडस्ट्री इतनी आतंकित करती है, तो वो इसे छोड़ दें।
कंगना ने मुंबई मिरर को दिए अपने इंटरव्यू में करण को जवाब देते हुए कहा कि करण ‘भाई-भतीजावाद’ का क्या मतलब समझते हैं, यह उन्हें नहीं पता। यदि वो यह समझते हैं कि ‘भाई-भतीजावाद’ सिर्फ बेटा-बेटी, कजिन या रिश्तेदारों तक सीमित है, तो मैं उनकी समझ के लिए कुछ नहीं कह सकती।
यहीं नहीं रूकी, वो आगे कहती हैं कि जहां तक वो मुझे अपने शो पर बोलने का मौक़ा देने की बात कर रहे थे, तो मैं बता दूं कि उनसे पहले कई बड़े मंच पर इंटरव्यू दे चुकी हूं। उनकी टीम ने मेरी टीम से कई बार शो में बुलाने के लिए संपर्क किया था।
वहीं करण के इंडस्ट्री छोड़ने की बात का जवाब देते हुए कंगना ने कहा कि बॉलीवुड उनके पिता के द्वारा उन्हें दिया गया कोई स्टूडियो नहीं है। यह इंडस्ट्री है और इस पर हर काम करने वाले का हक़ है। मैं यहां अपनी मर्ज़ी से आई थी और अपनी र्ज़ी से ही जाऊंगी। जहां तक करण की बात है, तो वो इस इंडस्ट्री के छोटे से कण हैं।
करण अपनी बेटी को दें ‘कार्ड्स’
कंगना ने करण से सवाल पूछते हुए कहा कि वो एक महिला को महिला होने पर शर्मिंदा क्यों कर रहे हैं? ‘वुमन कार्ड’ और ‘विक्टिम कार्ड’ का क्या मतलब है?
इन सवालों के बाद वो शिक़ायती अंदाज़ में कहती हैं कि ऐसा कहकर करण ने उस हर महिला का अपमान किया है, जिन्हें वास्तव में इन ‘कार्ड्स’ की जरूरत होती है।
ये ‘वुमन कार्ड्स’ किसी ओलंपिक विजेता या किसी राष्ट्रीय पुरस्कार विजेता के काम भले न आए, लेकिन एक गर्भवती महिला को भीड़ भरी बस में ‘लेडीज़ सीट’ दिलाने के काम ज़रूर आता है। एक महिला को ख़तरा महसूस होने पर रोने के रूप में इस्तेमाल करने के काम आता है।
इसी तरह ‘विक्टिम कार्ड’ मेरी बहन रंगोली जैसी लड़कियों के काम आता है, जो एसिड अटैक विक्टिम हैं, ताकि उन्हें न्याय मिल सके। हमारी जंग किसी व्यक्ति विशेष से नहीं है, बल्कि एक सोच के खिलाफ है। मैं करण जौहर से नहीं, बल्कि मर्दवादी सोच से लड़ रही हूं।
करण को हिदायत देते हुए कंगना ने कहा कि अब करण जौहर एक छोटी सी बेटी के पिता है, ऐसे में उन्हें अपनी बेटी को यह सारे ‘कार्ड्स’ देने चाहिए, जैसे ‘वुमन कार्ड’, ‘विक्टिम कार्ड’ और ‘सेल्फ-मेड-इंडिपेंडेंट वुमेन कार्ड’ या शायद ‘बैडऐस (बदमाश/अड़ियल) कार्ड’, जो मैंने उनके शो पर इस्तेमाल किया था।
करण हैं 'पेड होस्ट'
कंगना ने कहा कि यदि करण को मेरी बात इतनी ही बुरी लगी थी, तो करण ने अपने शो से वो हिस्सा एडिट क्यों नहीं करवाया। यदि मेरे साथ ऐसा होता, तो मैं तो चैनल को ही ब्लैकलिस्टेड कर देती।
कंगना समझाते हुए कहती हैं कि चैनल को टीआरपी चाहिए और करण जौहर इस शो के ‘पेड होस्ट’ हैं यानी वो शो होस्ट करने के पैसे लेते हैं।
अब देखने वाली बात यह होगी कि करण अपनी भड़ास किस प्लेटफॉर्म पर जाकर निकालते हैं, या फिर दुबक कर कहीं आंसू बहाते हैं।
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