‘एक्ट्रेस’ से पहले 'वेटरेस' थीं श्रद्धा कपूर
इन दिनों अपनी आगामी फिल्म ‘हसीना’ को लेकर सुर्खियां बटोर रही श्रद्धा कपूर एक्ट्रेस बनने से पहले वेटरेस हुआ करती थीं। बॉस्टन में पढ़ाई के दौरान श्रद्धा कॉफी शॉप में पॉकेट मनी के लिए बतौर वेटरेस काम करती थीं।
मुंबई। अदाकारा श्रद्धा कपूर यूं तो स्टार किड हैं, जिन्हें फिल्मों में आने से पहले शक्ति कपूर की बेटी के तौर पर जाना जाता था।
उन्होंने साल 2010 में आई फिल्म ‘तीन पत्ती’ से अपने सिने करियर की शुरुआत की थी, लेकिन फिल्मों में आने से पहले भी वो एक जॉब कर चुकी थीं।
जी हां, बॉस्टन में एक कॉफी शॉप पर बतौर वेटरेस वो काम करती थी। दरअसल, उन्होंने यह काम अपनी एक्स्ट्रा पॉकेट मनी के अलावा जॉब के एक्सपीरियंस लेने के लिए किया था।
एक अंग्रेजी वेबसाइट में छपी खबर के मुताबिक, बॉस्टन में पढ़ाई के दौरान वह वहां की एक पॉपुलर कॉफी चेन में काम किया करती थीं।
इससे उनको अतिरिक्त आमदनी हो जाया करती थी, जिससे वो आर्थिक रुप से स्वतंत्रता महसूस कर पाती थीं। साथ ही नौकरी करने का अनुभव भी उनको मिल पा रहा था।
बता दें कि वैसे तो श्रद्धा की पहली फिल्म ‘तीन पत्ती’ थी, लेकिन उनको असली पहचान फिल्म ‘आशिकी 2’ से मिली।
‘आशिकी 2’ के बाद श्रद्धा ने कभी पीछे मुड़कर नहीं देखा। जल्दी ही वो अपूर्व लाखिया के निर्देशन में बनी फिल्म ‘हसीना’ में नज़र आने वाली हैं। यह फिल्म अंडरवर्ल्ड डॉन दाऊद इब्राहिम की बहन हसीना पार्कर आधारित है। हसीना मुंबई में दाऊद के साम्राज्य को संभाला करती थी।
दिलचस्प बात यह है कि फिल्म ‘हसीना’ में दाऊद के किरदार को श्रद्धा के भाई यानी सिद्धांत कपूर ही निभा रहे हैं। अपूर्व लाखिया के निर्देशन में बनी यह फिल्म 18 अगस्त को रिलीज़ होने वाली है।
इस फिल्म से पहले सिद्धांत ‘शूट आउट एट वडाला’, ‘अग्ली’ और ‘जज्बा’ में नज़र आ चुके हैं। इसके अलावा साल 1997 में आई फिल्म ‘जुड़वा’ में वो बतौर बाल कलाकार दिखे थे और वहीं ‘भागम भाग’, ‘चुप चुप के’, ‘भूल भलैया’, ‘ढोल’ में असिस्टेंट डायरेक्टर के रूप में काम किया था।