फिल्म समीक्षा: जब हैरी मेट सेजल
अनुष्का शर्मा और शाहरुख खान की जोड़ी की हैट्रिक फिल्म ‘जब हैरी मेट सेजल’ रिलीज़ हो गई है। काफी दिनों से सुर्खियां बटोर रही इस फिल्म से दर्शकों ने काफी उम्मीद लगा रखी है। उम्मीद की एक वजह इम्तियाज़ अली भी हैं। ‘हटकर’ फिल्में बनाने के लिए जाने जाने वाले इम्तियाज़ की यह फिल्म कैसी बनी है, आइए करते हैं समीक्षा...
फिल्म : जब हैरी मेट सेजल
निर्माता : गौरी खान
निर्देशक : इम्तियाज़ अली
कलाकार : शाहरुख खान, अनुष्का शर्मा, सयानी गुप्ता, चंदन रॉय, एवलिन शर्मा
संगीत : प्रीतम, डिप्लो, हितेश सोनिक
जॉनर : रोमांटिक कॉमेडी
रेटिंग : 3
निर्देशक इम्तियाज़ अली इस बार ‘टूरिस्ट गाइड हैरी और गुजराती लड़की सेजल’ की लव-स्टोरी लेकर आए हैं। इम्तियाज ने रोमांस के बादशाह शाहरुख के साथ अनुष्का शर्मा की जोड़ी को लेकर ‘जब हैरी मेट सेजल’ नाम से फिल्म बनाई है। डिफरेंट टाइप की फिल्म बनाने वाले इम्तियाज़ ने इस बार कितना कुछ अलग दिखाया है, वो तो समीक्षा पढ़ कर ही समझना होगा।
कहानी
यह कहानी है टूरिस्ट गाइड हरिंदर सिंह यानी हैरी (शाहरुख खान) और गुजराती लड़की सेजल (अनुष्का शर्मा) की। कहानी शुरू होती है यूके से, जहां सेजल सगाई करती है। दरअसल, सेजल यूरोप टूर पर निकली है और सगाई के बाद उसे भारत वापस लौटना होता है, लेकिन इसी बीच उसकी सगाई की अंगूठी खो जाती है।
अब सगाई की अंगूठी खोने की सूरत में सेजल वहीं रूक जाती है और फिर अपनी अंगूठी की तलाश शुरू करती है। यूरोप टूर में ही सेजल की मुलाक़ात हैरी से होती है। अब सेजल, हैरी की मदद से अंगूठी की तलाश शुरू करती है।
अंगूठी की तलाश करते-करते हैरी और सेजल प्यार में पड़ जाते हैं, लेकिन सेजल बार-बार कहती है कि अंगूठी मिलने के बाद वो भारत चली जाएगी। ऐसे में क्या सेजल को अंगूठी मिलती है? फिर वो हैरी के साथ यूके में ही रूक जाती है? इन सवालों के जवाब के लिए फिल्म देखनी होगी।
निर्देशन/पटकथा
फिल्म का निर्देशन ठीक-ठाक है। कैमरा वर्क और सिनेमैटोग्राफी अच्छी है। फिल्म काफी लंबी तो नहीं है, लेकिन फिर भी काफी झिलाऊ लगती है। यदि फिल्म में नयापन की तलाश में जाएंगे, तो निराशा हाथ लगेगी। हालांकि, शाहरुख और अनुष्का की जोड़ी को पर्दे पर देखना एक ट्रीट की तरह है। यदि स्क्रीनप्ले की बात करें, तो कई जगह बेवजह की गाने ठूंसे से लगते हैं। इससे फिल्म लंबी और बोझिल लगती है।
अभिनय
यदि फिल्म में अभिनय की बात की जाए, तो शाहरुख खान और अनुष्का शर्मा अच्छे रहे हैं। कहानी इन दोनों के इर्द-गिर्द बुनी गई है, तो जाहिर है पूरा फोकस इन पर ही रहा है। गुजराती लड़की के किरदार को अनुष्का ने अच्छी तरह पकड़ा है, वहीं पंजाबी शाहरुख भी जंचे हैं।
संगीत
संगीत ठीक-ठाक ही रहा है। वहीं बैकग्राउंड स्कोर उम्दा रहा है।
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ख़ास बात
शाहरुख खान और अनुष्का शर्मा के फैन हैं, तो फिल्म ज़रूर देखने जाएं। लेकिन इम्तियाज़ से कुछ नयापन की उम्मीद है, तो मनोरंजन का कोई दूसरा साधन खोजें।
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