किशोर कुमार ने इस गाने में गा दिया था ‘गाने का बजट’
एक संगीतकार ने फिल्मकार को बिना बताए बजट से दोगुने ख़र्च पर गाना बना दिया। फिर क्या फिल्मकार बिफर गए और संगीतकार पर बरस पड़े। बेचारा संगीतकार मुंह बनाए बैठा था कि सीन में एंट्री हुई जीनियस किशोर कुमार की। किशोर ने उस संगीतकार से जब सारा मामला जाना, तो उसे धैर्य बंधाने के बाद बोला कि चिंता मत करो सब ठीक हो जाएगा। फिर क्या किशोर ने उस ‘ओवर बजट’ गाने का दुखड़ा असल गाने के साथ गा दिया। फिर....बाकी का क़िस्सा आगे....
मुंबई। मेहनताना न मिलने पर गला ख़राब होने या फिर तबियत बिगड़ने का बहाना बनाने वाले किशोर कुमार कई बार कुछ ऐसा कर जाते थे कि सामान्य के सोच से परे होता था।
आज 4 अगस्त है यानी खिलंदड़, ज़िंदादिल, बहुमुखी प्रतिभा के धनी किशोर का जन्मदिन। किशोर सिर्फ़ गायक नहीं संगीतकार, निर्माता, निर्देशक, अभिनेता और लेखक भी थे। इस ख़ास मौक़े पर उनका एक क़िस्सा आपको बताते हैं, जिसे सुना तो आपने भी होगा, लेकिन शायद ग़ौर नहीं किया होगा। इस क़िस्से को जानने के बाद अब जब भी वो गाना सुनेंगे, हंसे बिना रह नहीं पाएंगे।
...तो बात साल 1974 की है। संजीव कुमार, राजेश खन्ना और मुमताज़ अभिनीत फिल्म ‘आप की कसम’ से जे ओम प्रकाश मेहरा अपने निर्देशन करियर की शुरुआत करने जा रहे थे। मेहरा इस फिल्म के निर्माता भी थे।
अब बात करते हैं संगीत की। मेहरा ने अपनी फिल्म को संगीत से सजाने का जिम्मा आर डी बर्मन को सौंपा। आर डी ने फिल्म का संगीत अच्छी तरह से तैयार कर लिया, लेकिन मुश्क़िल एक गाने को लेकर हो गई। दरअसल, वो गाना ओवर बजट हो गया था। इस गाने को लता मंगेशकर और किशोर कुमार ने गाया था।
अब गाना ओवर बजट हुआ, तो जे ओम प्रकाश मेहरा, आर डी बर्मन पर बुरी तरह बिगड़ गए। मेहरा के नाराज़ होने के बाद आर डी भी उदास हो गए।
दरअसल, मेहरा ने उस गाने का बजट 25 हज़ार तय किया था, लेकिन आर डी ने गाने को बेहतर बनाने कि नियत से गाने में अतिरिक्त म्यूजिशियन और कोरस बुला लिया था। आर डी के ऐसा करने से गाने का बजट 25 हज़ार से बढ़ कर 50 हज़ार पहुंच गया यानी दोगुना हो गया।
अब इस बात की जानकारी मेहरा को दी गई, तो वो नाराज़ हो गए और आर डी से कहा कि पैसा पानी की तरह बहाने के लिए नहीं है और वो स्टूडियो से नाराज़ होकर तमतमाते हुए बाहर चले गए। इसी बीच किशोर स्टूडियो में रिकॉर्डिंग के लिए आए। आर डी का उतरा मुंह देख कर उन्होंने मामला पूछा, तो आर डी ने कहा, ‘एक्स्ट्रा म्यूज़िशियन और कोरस करने की वजह से गाने का बजट बढ़ गया, जिससे मेहरा नाराज़ हो गया।’
खिलंदड़ किशोर ने कहा कि जाने दो, सब ठीक हो जाएगा। मैं हूं न। आओ काम पर ध्यान दो। फिर शुरू हुई रिकॉर्डिंग, लेकिन किशोर के दिमाग़ में कुछ खुराफ़ात चलना शुरू हो गई थी।
किशोर ने गाने में अपने मन से ही एक लाइन जोड़ दी और वो थी, ‘बजाओ रे बजाओ, ईमानदारी से बजाओ, पचास हज़ार ख़र्चा कर दिए।’ जी हां, यह लाइन आपको फिल्म ‘आप की कसम’ के गाने ‘जय जय शिव शंकर’ के आख़िर में सुनाई देगा।
कट’ के इंतज़ार में पहुंचे पनवेल
सिंगिंग किशोर कुमार का पहला प्यार और एक्टिंग मजबूरी थी। बड़े भाई के दबाव में आकर उन्होंने अभिनय करना शुरू किया था। हालांकि इसके बारे में वो बिल्कुल गंभीर नहीं थे। फिल्म में एक्टिंग न करनी पड़े, उसके लिए वे सीन को अपने हिसाब से करते थे। निर्देशक कुछ और समझाता था और किशोर कुछ और करते थे। वह ऐसा इसलिए करते थे ताकि डायरेक्टर उनसे परेशान होकर उन्हें फिल्म से निकाल दे।
एक बार उन्हें एक सीन के लिए कुछ दूरी तक गाड़ी चलानी थी, जिसके लिए निर्देशक ने खासतौर से उनसे कहा था कि जैसे ही में ‘कट’ बोलूं तुम गाड़ी रोक देना, लेकिन किशोर का खुराफाती दिमाग़ यहां भी चल पड़ा। उन्होंने यहां अपना खेल शुरू करते हुए गाड़ी चलाई और रुके ही नहीं, सीधे चले गए। कुछ देर बाद पूरी यूनिट परेशान हो गई के आखिर किशोर कहां चले गए। किशोर की चिंता में सबका बुरा हाल था और वो मंबई से निकलकर पनवेल पहुंच गए थे। वहां पहुंचकर उन्होंने निर्देशक को फोन लगाया और पूछा कि कट बोल रहे हो या कार और आगे तक ले जाना है।
मज़ेदार बात यह है कि यह लाईन गाने में लिखा ही नहीं गया था, लेकिन इसके बावजूद इसे गाने में जस का तस रहने दिया गया। अबकी बार सुनिएगा, तो ग़ौर कीजिएगा, किशोर कुमार की इस अदा पर भी आप मुस्कुराए बिना नहीं रह पाएंगे।
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