‘चटनी’ के बाद ‘छुरी’ की धार दिखा रही हैं टिस्का चोपड़ा
कई बार सालों लगा कर और 100-200 करोड़ खपाने के बाद भी बनी फिल्म वो मज़ा नहीं दे पाती, जो छोटे अंतराल में कम बजट में तैयार शॉर्ट फिल्म दे जाती हैं। ऐसी ही एक फिल्म रिलीज़ हुई है। 12 मिनट की इस फिल्म में टिस्का चोपड़ा और सुरवीन चावला के साथ अनुराग कश्यप भी नज़र आ रहे हैं।
मुंबई। टिस्का चोपड़ा और मानसी जैन ने एक बार फिर कमाल कर दिखाया है। इन दोनों की जोड़ी वाली पहली शॉर्ट फिल्म ‘चटनी’ स्वाद अभी तक दर्शकों की ज़बान पर बना ही हुआ है, लेकिन अब ये दोनों एक और शॉर्ट फिल्म की सौगात लेकर आ चुकी हैं। इस बार वो पैनी और स्मार्ट शॉर्ट फिल्म ‘छुरी’ लेकर आई हैं।
‘छुरी’ में टिस्का चोपड़ा और सुरवीन चावला के अलावा निर्देशक अनुराग कश्यप भी अभिनय का गुर दिखाते नज़र आ रहे हैं। महज 12 मिनट की इस फिल्म को यू-ट्यूब पर जारी किया गया है और दर्शकों का अच्छा खासा रिस्पांस भी मिल रहा है। एक पत्नी का एक्सट्रा मरैटियल अफेयर में गिरफ्तार पति को सबक सीखाने की कहानी है।
‘छुरी’ की कहानी
मुंबई के एक आम परिवार की कहानी है, जिसमें पति-पत्नी के अलावा दो बच्चे हैं। रविवार का दिन है। जहां पत्नी पूरे परिवार के लिए नाश्ता बनाने में व्यस्त है, तो वहीं पति का ध्यान सिर्फ फोन पर लगा हुआ है। पत्नी को इस बात की पूरी जानकारी है कि पति का किसी और से अफेयर शुरू हो चुका है। वहीं बच्चे भी इस बात से अनजान नहीं हैं।
अब पत्नी चुपचाप इस बात को सहन कर रही है, लेकिन बेटी को मां का यह रवैया रास नहीं आता। वो मां से इस समस्या को लेकर अपनाए जा रहे रवैये के लिए जिरह करती है। फिर वो पत्नी इस समस्या से निजाद पाने का एक अनूठा रास्ता एख्तियार करती है।
इस तरीक़े में कोई मारपीट या लड़ाई-झगड़ा नहीं होता। सिर्फ़ उस दूसरी औरत से एक सौदा करने जाती है। बातचीत के इस दौर में उस दूसरी औरत के मुंह से एक और राज़ खुल जाता है। फिर पत्नी मुस्कुराते हुए दूसरी औरत के घर से चली जाती है।
महज 12 मिनट की इस फिल्म में कई बातें बड़ी सहजता से निकल आती हैं। अंत तक यह फिल्म आपको बांधे रखती है। मानसी जैन ने जबरदस्त निर्देशन किया है।
अब यूं तो कहानी एक ‘बेचारी’ औरत की है, लेकिन वो ‘बेचारगी’ से निकल कर हालात को बेहतर बनाने की तरफ कदम उठाती है। मानसी की शॉर्ट फिल्म ‘चटनी’ भी ‘एक्स्ट्रा मरैटियल अफेयर’ पर ही आधारित थी, लेकिन दोनों ही फिल्मों का ट्रीटमेंट अलग है। कुल मिलाकर ‘छुरी’ पैनी है, लेकिन गज़ब की पकड़ लिए हुए है।
अब एक्टिंग की बात करें, तो ‘बेचारी पत्नी’ बनी टिस्का अपने किरदार में पूरी तरह उतरी हैं। वहीं ‘दूसरी औरत’ बनीं सुरवीन चावला के चेहरे पर सकपकाहट, झुंझलाहट और घबराहट के भाव पूरी तरह से उभरे हैं। हालांकि, ‘पति’ की भूमिका में नज़र आए, अनुराग कश्यप ने काफी कोशिश की, लेकिन वो उतने असरदार नहीं नज़र आए। अनुराग, निर्देशक ही अच्छे हैं।
वहीं यदि फिल्म की एडिटिंग डिपार्टमेंट की बात करें, तो वो भी कमाल रहा है। कोई भी सीन ठूंसा हुआ सा नहीं लगा। जितनी ज़रूरत थी, उतने सीन ही सलीक़े से जमाए गए थे।
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