फिल्म समीक्षा: 1921

विक्रम भट्ट की हॉरर मूवी सीरीज़ ‘1920’ की चौथी फिल्म ‘1921’ इस शुक्रवार रिलीज़ हुई है। इस फिल्म से टेलीविज़न एक्टर करण कुंद्रा बॉलीवुड में डेब्यू करने जा रहे हैं और फिल्म में ज़रीन खान भी अहम भूमिका में होगी। अब क्या कुछ ख़ास किया है विक्रम भट्ट ने दर्शकों को डराने के लिए आइए करते हैं समीक्षा। 

फिल्म 1921 में जरीन खान
फिल्म :         1921 
निर्माता :       विक्रम भट्ट 
निर्देशक :     विक्रम भट्ट 
कलाकार :   करण कुंद्रा, ज़रीन खान 
संगीत :        हरीश सगाने, असद खान और प्रनीत मावाले
जॉनर :         हॉरर 
रेटिंग :         1/5

विक्रम भट्ट दर्शकों को डराकर उनका मनोरंजन करते हैं। तभी तो एक के बाद एक कई हॉरर फिल्में दर्शकों के सामने ले आए हैं। अबकी बार वो अपनी हिट सीरीज़ ‘1920’ की चौथी फिल्म ‘1921’ के रुप में ले आए हैं। 


कहानी 

फिल्म की शुरुआत होती है आयुष यानी करण कुंद्रा से। आयुष संगीत सीखने के लिए भारत से इंग्लैंड जाता है, लेकिन इंग्लैंड पहुंचने के एक महीने बाद ही उसकी जिंदगी में उथल-पुथल मच जाता है। दरअसल, आयुष अनजाने में ही एक दरवाज़ा खोल देते है, जिससे उसके पीछे बुरी आत्माएं पड़ जाती हैं। 

इसी दौरान उसकी मुलाक़ात रोज़ यानी ज़रीन खान से होती है। रोज़ में ख़ास शक्ति होती है, जिसकी वजह से वो आत्माओं को देख सकती हैं। आयुष को रोज़ उन शक्तियों से मुक्त कराने की कोशिश करती है। अब रोज़ अपनी कोशिश में कामयाब होती है या नहीं, जानने के लिए फिल्म देखिए। 

समीक्षा 

लोकेशन शानदार हैं। निर्देशन भी अच्छा है, लेकिन कहानी काफी लचर है। फिल्म प्रिडिक्टेबल है। हालांकि, क्लाइमैक्स अच्छा है। फिर भी कमजोर कहानी की वजह से फिल्म दर्शकों को बांध नहीं पाती है। 

डायरेक्शन और लोकेशन बहुत खूबसूरत है। वहीं, कहानी की बात करें तो विक्रम भट्ट की कहानी एक बार फिर कमजोर लगी है। अगले सीन को प्रिडिक्ट करना ऑडियंस के लिए काफी आसान है। हालांकि, फिल्म का क्लाइमेक्स पिछली फिल्मों से काफी बेहतर है लेकिन कहानी पर और काम करना चाहिए था।

कई टीवी सीरीयल्स और रियलिटी शोज़ कर चुके करण कुन्द्रा ने पंजाबी फिल्में भी की हैं, लेकिन अपनी बॉलीवुड डेब्यू मूवी में एक्टिंग में मात खा गए। एक्टिंग में अभी भी वो संघर्ष करते ही नज़र आए। वहीं ज़रीन ने भी कुछ ख़ास प्रभावित नहीं किया। 

संगीत में सबसे पहले बैकग्राउंड स्कोर की बात करते हैं, जो अच्छा है। लेकिन बाकी का म्यूजिक औसत ही है। 

ख़ास बात

हॉरर फिल्में पसंद हैं और सप्ताहांत के लिए कोई और विकल्प नहीं है, तो फिर इसे देखा जा सकता है। 

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