बॉलीवुड के 'मोगैंमो' को था हैट्स का शौक़
अमरीश पुरी मुंबई आये तो थे हीरो बनने, लेकिन 'विलेन' बन कर जो उन्होंने छाप छोड़ी, वो हिन्दी सिने जगत में अमर हो गए। अभिनय को लेकर गजब का जुनून रखने वाले अमरीश पुरी को एक ख़ास बात का भी शौक़ था और वह था तरह-तरह के हैट्स कलेक्शन का। उनके कलेक्शन में 500 से ज्यादा देसी-विदेशी हैट्स थे।
मुंबई। अभिनेता अमरीश पुरी, जिन्होंने यूं तो कई किरदारों को रुपहले पर्दे पर ज़िंदा किया, लेकिन पर्दे पर जब भी वो खलनायक के अवतार में दिखे, दर्शक डरे भी और मुरीद भी हो गए।
अपने उम्र के सत्तरवें पड़ाव पर भी उनकी उम्र का सही-सही अनुमान नहीं लगाया जा सकता था, क्योंकि उनके सिर पर एक भी सफेद बाल नजर नहीं आते थे। अब बाल हों, तब तो नज़र आएं। यहां तो बीते दो-तीन दशक से अमरीश पुरी के सिर पर किसी ने बाल ही नहीं देखे थे। अलबत्ता हैट्स ज़रूर नज़र आती थीं।
ऐसी ही एक पार्टी के दौरान जब उनसे पूछा गया कि आखिर हैट्स उनको इतनी पसंद क्यों है। मज़ाकिया अंदाज़ में उन्होंने कहा कि ये हैट्स मेरे गंजे सिर को ढंक लेते हैं और साथ ही मेरी पर्सनालिटी पर भी खूब फबते हैं।
जाहिर है अपने सिर को ढंकने के लिहाज से शुरू हुआ अमरीश पुरी का हैट्स के प्रति लगाव, कुछ समय बाद शौक में तब्दील हो गया था। देस-विदेश में जहां भी जाते थे, वहां से हैट्स बटोर लाया करते थे। बताया जाता है कि पुरी ने तकरीबन 500 हैट्स का अपना कलेक्शन तैयार किया था।
रशिया से लेकर इंग्लैंड, अमेरिका से लेकर अफ्रीका, जर्मनी से लेकर इटली सब जगह से उन्होंने हैट्स ख़रीदे थे। इसके पीछे भी एक दिलचस्प क़िस्सा है। दरअसल, अमरीश पुरी का कहना है कि भारत में बने हैट्स उनको फिट नहीं आते थे, लिहाजा उनको विदेश से हैट्स खरीदना पड़ता था। ऐसे में जब भी किसी फिल्म की शूटिंग होती थी, तो वो वहां से हैट्स की खरीदारी कर लेते थे।
यहां तक कि उन्होंने कई फिल्मों में भी अपनी हैट्स को ही पहना है। इस बारे में उन्होंने कहा था कि किसी फिल्म के लिए यदि मुझे हैट पहनाया जाता था, तो सबसे पहले मैं उसकी क्वालिटी को परखता था, फिर देखता था कि मैं उसको पहन कर कंफर्टेबल हूं कि नहीं। यदि उसे पहनने के बाद मैं सहज महसूस नहीं करता था, तो फिर मैं अपने हैट कलेक्शन से हैट निकाल कर पहन लेता था।
अपने हैट्स के रंगों के बारे में उन्होंने कहा था कि मेरे हैट्स ब्राउन और ब्लैक है, क्योंकि मैं इन्हीं कलर्स को पसंद करता हूं।
12 जनवरी साल 2005 में ब्रेन हेमरेज के चलते वो फानी दुनिया को अलविदा कह गए। यदि आज वो होते तो अपना 85वां जन्मदिन मना रहे होते। बता दें 22 जून 1935 में लाहौर में उनका जन्म हुआ था।
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