बढ़ गए हैं दीपिका पादुकोण के ‘भाव’
इन दिनों दीपिका पादुकोण, रणवीर सिंह से शादी को लेकर ही चर्चा बटोर रही हैं। कभी वो ज्वेलरी शॉपिंग, तो कभी फ्लैट ऑनर की ख़बरें ही बाहर आ रही हैं। वर्क फ्रंट पर फिल्मों की चर्चा तो है, लेकिन शूटिंग किसी की नहीं हो रही है। ख़बरें हैं कि ‘पद्मावत’ के बाद दीपिका ने अपने ‘भाव’ बढ़ा दिए हैं, जिससे फिल्ममेकर उनके पास जाने से कतरा रहे हैं।
मुंबई। दीपिका पादुकोण की इस साल फिल्म ‘पद्मावत’ ही रिलीज़ हुई है, जिसके बाद सिर्फ उनकी फिल्मों की चर्चा भर हुई है। हालांकि, फिलहाल किसी फिल्म की शूटिंग नहीं कर रही हैं। अलबत्ता रणवीर सिंह से शादी को लेकर सुर्ख़ियां बटोर रही हैं।
ख़ैर, फिल्म ‘पद्मावत’ ने शूटिंग से लेकर रिलीज़ तक खूब सुर्ख़ियां पाई हैं, लेकिन रिलीज़ होने के बाद दीपिका पादुकोण के अभिनय की काफी तारीफ़ें हुई हैं, लेकिन उन तारफ़ों से दीपिका के सातवें आसमान पर जा पहुंची हैं।
बॉलीवुड गलियारों में ख़बरें हैं कि दीपिका इन दिनों नए निर्देशकों को ‘घास डालने’ के लिए तैयार नहीं हैं। एक अंग्रज़ी डेली में छपी रिपोर्ट की माने, तो दीपिका ने फिल्म ‘पद्मावत’ के बाद न सिर्फ अपनी फीस में इजाफा कर दिया है, बल्कि अब वो नए निर्देशकों को समय भी नहीं दे रही हैं।
अपनी टीम को उन्होंने सख्त हिदायत दे रखी है कि वो सिर्फ नामचीन निर्देशकों से ही मुलाक़ात करेंगी और उनके प्रोजक्ट्स पर विचार करेंगी। साथ ही वो उन प्रोजेक्ट्स पर विचार करेंगी, जिनमें उनकी भूमिका महत्वपूर्ण हो।
एक नए निर्देशक ने उस अंग्रेजी डेली से कहा है कि संजय लीला भंसाली की गलती है। ‘पद्मावत’ के रिलीज़ के बाद से दीपिका को लगने लगा है कि वो इंडस्ट्री की नंबर एक अभिनेत्री हैं। इसी वजह से सिर्फ स्थापित निर्देशकों के साथ वो काम करना चाहती हैं। इसके अलावा वो फिल्म के स्क्रिप्ट पर भी क्रिएटिव कंट्रोल करना चाहती हैं, ताकि वो स्क्रिप्ट को मन-मुताबिक बदलवा सकें।
वहीं इंडस्ट्री से जुड़े लोगों का मानना है कि दीपिका का यह एटीड्यूड उनके करियर के लिए ही घातक सिद्ध होगा। अपने करियर के इस मोड़ पर वो इतनी शर्तें लगाएंगी, तो फिर उनको आगे इसका खामियाज़ा भुगतना पड़ेगा।
खैर, इन सबके अलावा इस बात पर भी गौर करना चाहिए कि यदि दीपिका ने अपनी फीस बढ़ाई भी है, तो इसमें हैरत नहीं होनी चाहिए। किसी कलाकार का अपने मेहनताने के बारे में सोचना ग़लत नहीं है। हां, सफलता का आनंद उठा कर अगले पड़ाव की ओर चलना चाहिए और सिर पर उस नशे को नहीं सवार होने देना चाहिए।
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