'विदेशी लड़की' से शादी करने वाले 'कपूर खानदान' से पहले शख़्स थे शशि कपूर

आज शशि कपूर का जन्मदिन है। 18 मार्च 1938 में जन्में शशि कपूर ने महज छह साल की उम्र में ही थिएटर के स्टेज पर डेब्यू कर लिया था। अपने बड़े भाई राज कपूर के बचपन की भूमिका करने लगे थे। स्वभाव से शर्मिले शशि कपूर ने खुद से पांच साल बड़ी 'विदेशी लड़की' जेनिफ़र से शादी की। शशि कपूर उन चंद लोगों में शुमार हैं, जिन्हें कुछ नया करने की सनक रही है। आज उनकी सालगिरह पर आइए जानते हैं, उनकी ज़िंदगी के कुछ दिलचस्प क़िस्से....

Intreting stories about Shashi Kapoor
फिल्म इंडस्ट्री के 'पापा जी' यानि पृथ्वीराज कपूर के सबसे छोटे बेटे शशि कपूर 18 मार्च, 1938 को जन्मे थे, लेकिन जन्म के समय उनका नाम बलबीर राज कपूर रखा गया था। हालांकि, उनकी मां को यह नाम पसंद नहीं था और उन्होंने बाद में बलबीर राज कपूर का नाम बदल कर शशि कपूर रख दिया। 

सिर्फ छह साल की उम्र में यानी साल 1944 में उन्होंने अपना सिने करियर शुरू कर लिया था। उनके पहले नाटक का नाम 'शकुंतला' था। इसके बाद राज कपूर की पहली फिल्म 'आग' और तीसरी फिल्म 'आवारा' में उनके बचपन की भूमिकाएं निभाई। यश चोपड़ा के निर्देशन में बनी फिल्म 'धर्मपुत्र' से बॉलीवुड डेब्यू किया। 

साल 1953 में शशि कपूर थिएटर से जुड़ गए थे और उन्हें पहली सैलरी के रूप में 75 रूपये मिले थे, जो तब काफी हुआ करते थे।

चांद से मिला नाम 'शशि'

बचपन में बलबीर राज कपूर अपने माटुंगा वाले घर की बालकनी में जाकर अक्सर चांद देखा करते थे। उनकी इस हरकत को मां ने गौर किया और फिर बलबीर का नाम बदल कर शशि कपूर रख दिया। शशि को उनकी मां शैस कहा करती थीं। 

राज कपूर से डर, शम्मी थे सैंटा क्लॉज़

शशि कपूर अपने बड़े भाई राज कपूर से काफी डरते थे। दरअसल, शशि से राज कपूर 14 साल बड़े थे। लेकिन शम्मी कपूर से काफी नज़दीक़ थे। शम्मी को शशि अपना सैंटा क्लॉज़ कहते थे। बचपन में जब शशि बोर्डिंग स्कूल में थे, तब वहां से शशि कपूर ने शम्मी को चिट्ठी लिखी कि वह बोर्डिंग में नहीं रह पाएंगे। शम्मी उन्हें वहां से जाकर ले आये। 

यही नहीं, बल्कि जेनिफर केंडिल से शादी करवाने में भी शम्मी कपूर ने ही उनका साथ दिया था। एक इंटरव्यू में शशि कपूर ने कहा था- 'जब मैं और जेनिफर एक दूसरे के काफी करीब थे, उस समय भी शम्मी ने हमारा काफी सपोर्ट किया था। एक बार तो शम्मी ने मुझे एयर टिकट भी लेकर दिया था, जब जेनिफर कलकत्ता छोड़ने वाली थी और मुझे उससे मिलने जाना था। मैं शम्मी को सैंटा क्लॉज की तरह मानता था। किराने की दुकान से जो कुछ भी लेना होता था ले आता था। बाद में महीना पूरा होने पर बिल शम्मी चुकाया करते थे।'

फर्स्ट इंटरनैशनल स्टार शशि कपूर

आजकल लोग हॉलीवुड के नाम की माला जपते हैं, लेकिन शशि कपूर पहले इंटरनैशनल स्टार थे। साल 1963 से लेकर 1998 के बीच शशि कपूर ने दस से भी ज्यादा हॉलीवुड फिल्में कीं। उनकी हॉलीवुड फिल्म 'हीट एंड डस्ट', तो कान्स फिल्म फेस्टिवल के लिए भी नॉमिनेट की गई थी। 

शशि कपूर के करियर में एक ऐसा दौर था, जब वो दिन में 3-4 फिल्में किया करते थे। सत्तर के दशक में उनके पास 150 फिल्मों का कॉन्ट्रेक्ट था। इस वजह से अपने भाई राज कपूर की फिल्म 'सत्यम शिवम सुंदरम' को पर्याप्त समय नहीं दे पा रहे थे। तभी गुस्से में राज कपूर उनको 'टैक्सी' कपूर कहने लगे थे। 


बुर्का पहन कर सेट पर आए शशि 

शशि कपूर से अपनी पहली मुलाकात के बारे में आशा पारेख ने एक इंटरव्यू में बताया था कि मैं शम्मी जी (शशि के बड़े भाई, शम्मी कपूर) के साथ एक फिल्म कर रही थी। शशि सेट पर बुर्क़ा पहनकर आए। मुझे बताया गया कि मुझ से मिलने मेरी एक फैन आई है। मैंने बुर्क़े का ध्यान नहीं दिया। वे मेरे साथ-साथ मेरे ग्रीन रूम तक आ गए। तब मुझे लगा कि कुछ तो गड़बड़ है। मैंने उन्हें उनके जूतों के कारण पकड़ा। पकड़े जाने पर हम दोनों खूब हंसे। वे सेट पर एक शरारती कलाकार थे, लेकिन वो उतने ही केयरिंग भी थे। 

अमिताभ से कहा था, 'छोटे काम मत करो'

अमिताभ बच्चन ने एक इंटरव्यू में शशि कपूर से जुड़े एक क़िस्से का जिक्र किया था। उन्होंने कहा, 'मैंने एक फिल्म में एक्स्ट्रा का काम ले लिया, क्योंकि मैं भूखा था और मेरे पास खाने के लिए पैसे नहीं थे। हम लोग बांद्रा बैंडस्टैंड के पास एक पत्थर पर शशि के किरदार की अंत्येष्टि क्रिया की शूटिंग कर रहे थे। शशि उस दिन शूट पर नहीं आने वाले थे, लेकिन वे आ गए और उन्होंने मुझे पहचान लिया। इसके बाद मुझे भीड़ में से धकेलते हुए एक ओर ले आए और चिल्लाते हुए कहा, 'तुम पागल हो? तुम्हारी नियति में बड़े काम करने लिखे हैं। यह काम मत करो।'