करिश्मा कपूर के 'स्टारडम' के लिए ख़ुद को रिस्पॉन्सिबल मानती हैं जूही चावला
हिन्दी फिल्म इंडस्ट्री पर 90 के दशक में राज करने वाली अभिनेत्रियों में जूही चावला का नाम शुमार है। अपने करियर में उन्होंने कई सफल फिल्में दी हैं, लेकिन कुछ फिल्में ऐसी भी हैं, जिनको उन्होंने अपने 'ईगो' के चलते छोड़ा और वो सुपरहिट हो गईं। आज उन फिल्मों को छोड़ने का जूही को मलाल है।
जूही चावला, नाम लेते ही एक ऐसा चेहरा सामने उभर आता है, जिस पर भरपूर हंसी बिखरी होती है। जूही ने एक समय पर फिल्म इंडस्ट्री पर राज किया था। हर बड़े अभिनेता के साथ वो स्क्रीन पर नज़र आई, लेकिन करियर को लेकर उन्होंने कुछ ऐसे फैसले लिए, जिनके लिए आज पछताना पड़ रहा है।
साल 1984 में जूही ने 'मिस इंडिया' का ख़िताब अपने नाम किया था और साल 1986 में बॉलीवुड फिल्म 'सल्तनत' से उन्होंने अपनी एक्टिंग डेब्यू किया था। इस फिल्म में सनी देओल भी थे। हालांकि फिल्म बॉक्स ऑफिस पर औंधे मुंह गिरी थी। वहीं जूही की पिछली फिल्म साल 2019 में रिलीज़ हुई 'एक लड़की को देखा तो ऐसा लगा' रही। फिल्म में सोनम कपूर, अनिल कपूर और राजकुमार राव सरीखे कलाकार थे।
हाल ही में फिल्म क्रिटिक राजीव मसंद ने जूही चावला का इंटरव्यू लिया, जिसमें जूही के फिल्मी सफर के बारे में सवाल किया।
'ईगो' की वजह से छोड़ी फिल्में
जूही चावला ने खुलासा किया कि उन्होंने कई हिट फिल्मों को रिजेक्ट किया। फिल्मों को रिजेक्ट करने के बारे में कहती हैं कि उन्हें अपने मन का काम करना पसंद था। चैलेंज एक्सेप्ट नहीं किए और कई बार 'ईगो' के चलते फिल्में छोड़ दीं।
वो कहती हैं, 'मेरा दिमाग़ ख़राब हो गया था। मुझे लगने लगा था कि जैसे मैं काम नहीं करूंगी, तो फिल्म इंडस्ट्री बंद हो जाएगी। मुझे कई शानदार फिल्मों के ऑफर मिले, लेकिन मेरा 'ईगो' आड़े आने लगा। कुछ फिल्में तो सिर्फ इसलिए छोड़ दी, क्योंकि मुझे आसान काम करना था। कंफर्ट ज़ोन में रह कर उन लोगों के साथ काम करना चाहती थी, जिनके साथ मैं सहज हूं।'
करिश्मा के 'स्टारडम' के लिए रिस्पॉन्सिबल हूं
करिश्मा कपूर के करियर की दो फिल्में, जिन्होंने उनके करियर को एक नए मुक़ाम पर पहुंचाया था, वो थी 'राज हिन्दुस्तानी' और 'दिल तो पागल है'। दोनों फिल्में बैक-टू-बैक आई थीं और ब्लॉकबस्टर थीं। यहां तक कि फिल्म 'दिल तो पागल है' के लिए करिश्मा को नेशनल अवॉर्ड तक मिला था।
हालांकि, कम लोगों को पता होगा कि यह दोनों फिल्में पहले जूहा चावला को ऑफर हुई थीं, लेकिन जूही ने दोनों फिल्मों में काम करने से मना कर दिया था। अपने इस फैसले पर अफसोस करते हुए जूही कहती हैं, 'मेरी वजह से दूसरे लोग स्टार बन पाए। करिश्मा कपूर के स्टारडम में लिए मैं जिम्मेदार हूं। उन्हें मुझे थैंक्स कहना चाहिए।'
जूही और करिश्मा दो फिल्मों में साथ में काम कर चुकी हैं। साल 1994 में आई फिल्म 'अंदाज़' और साल 2001 में आई 'एक रिश्ता'। जहां फिल्म 'अंदाज़' में जूही और करिश्मा के अलावा अनिल कपूर मुख्य भूमिका में थे। वहीं 'एक रिश्ता' में अक्षय कुमार और करिश्मा कपूर लीड कैरेक्टर थे और जूही, अक्षय कुमार की बहन बनी थीं। फिल्म में अमिताभ बच्चन भी थे।
'बोल्ड सीन' से जूही का परहेज
जूही ने इस इंटरव्यू में खुलासा किया कि उनको फिल्मों में 'बोल्ड सीन' से परहेज था। ऐसे सीन में वो खुद को असहज महसूस करती थीं। 'बोल्ड सीन' से जुड़ा एक क़िस्सा उन्होंने शेयर किया। साल 1993 में आई फिल्म 'लुटेरे' में सनी देओल जूही के अपोज़िट थे और फिल्म को धर्मेश दर्शन निर्देशित कर रहे थे।
इस फिल्म के गाने 'मैं तेरी रानी, तू मेरा राजा' को शूट किया जा रहा था। इस गाने में समुद्र के किनारे मुझे सिर्फ एक शर्ट पहनकर गाना पूरा करना था। फिल्म के निर्देशक के साथ बाकी सबका भी यही मानना था कि इस गाने की खूबसूरती इसी तरह फिल्माने में है।
वो आगे कहती हैं, 'मैं सिर्फ एक शर्ट पहनने में नर्वस हो रही थी। बाद में पता चला कि सरोज खान इस गाने को कॉरियोग्राफ करेंगी। तब जाकर राहत की सांस ली, क्योंकि सरोज खान ने इससे पहले श्रीदेवी और माधुरी दीक्षित को कॉरियोग्राफ किया था। वो बॉलीवुड की बेहतरीन कॉरियोग्राफर हैं।
जूही की शादी का 'सीक्रेट'
जूही चावला ने साल 1995 में कारोबारी जय मेहता से शादी कर ली। तब जूही का करियर पूरे शबाब पर था। हालांकि, जूही और जय की शादी सीक्रेट रही। शादी को सीक्रेट रखने के बारे में जूही कहती हैं, 'तब सब ऐसा ही करते थे। उस दौर में लोगों के पास कैमरे वाले मोबइल और इंटरनेट जैसी चीजें नहीं थी। इसलिए यह पॉसिबल था। अपनी शादी को सीक्रेट इसलिए रखा, क्योंकि उस वक्त मैं फिल्म इंडस्ट्री में स्थापित ही हुई थी। मैंने जो कुछ पाया था, उसे खोने का डर था।'
जय मेहता से मुलाकात के बारे में जूही ने बताया कि फिल्मों से आने से पहले ही जय से मिल चुकी थी। हम दोनों अपने-अपने फ्रेंड्स ग्रुप के साथ थे। कुछ समय हम दोनों ने बातें कीं, लेकिन फिल्मों में बिजी हो गई और जय से कॉन्टेक्ट टूट गया। कुछ साल बाद जय से फिर से मुलाकात हुई।
जूही की मां के निधन के बाद जय ने उनको काफी संभाला। जूही कहती हैं, 'वो काफी मुश्किल वक्त था, क्योंकि मुझे लगने लगा था कि हर वो चीज़ खो दूंगी, जिसे मैं प्यार करती हूं। लेकिन उस दौरान जय हमेशा मेरे साथ रहे। जिधर मेरी नज़र जाए, जय फूल और गिफ्ट्स के साथ मुस्कुराते नज़र आते थे। हर रोज़, मेरे बर्थ-डे वाले दिन एक ट्रक भर कर लाल गुलाब मेरे घर भिजवा दिए। मैं ख़ुद से पूछ रही थी कि इतने सारे गुलाबों का मैं करूंगा क्या? जय के वश में जितना था, उतना उन्होंने किया।'
शाहरुख खान से पहली मुलाक़ात
जूही और शाहरुख खान काफी अच्छी बॉन्डिंग शेयर करते हैं। दोनों न सिर्फ अच्छे दोस्त हैं, बल्कि बिजनेस पार्टनर्स भी हैं। जूही कहती हैं कि जब उनकी मां की डेथ हुई थी, तब वो 'डुप्लीकेट' की शूटिंग कर रही थी। मां की मौत के दुख से उबारने के लिए शाहरुख काफी कुछ किया करते थे। सेट पर हंसी-मज़ाक का माहौल बना कर रखते थे। कभी दूसरों को तो कभी खुद का मज़ाक बनाते थे।
शाहरुख खान से पहली मुलाक़ात का क़िस्सा जूही ने इस इंटरव्यू में खोला। जूही ने बताया, 'मुझे 'राजू बन गया जेंटलमैन' ऑफर हुई थी, तब मेकर्स ने कहा था कि आपके अपोज़िट एक नया लड़का है, जो आमिर खान की तरह दिखता है।आमिर तब स्टार थे। हालांकि, शाहरुख भी फिल्म इंडस्ट्री में आ चुके थे, लेकिन मैं उनको नहीं जानती थी। मैंने तब मेकर्स से कहा- ठीक है। आमिर खान जैसा, मतलब छोटे-छोटे बाल, भूरी सी आंखों वाला गोरा लड़का, लेकिन जब शाहरुख को पहली बार देखा, तो मैं हैरान रह गई। एक सांवला, मोटी-सी नाक वाला पतला सा लड़का, जिसके बाल माथे पर रहते हैं। मैंने मेकर्स से पूछा कि ये कहां से आमिर खान जैसा लग रहा है?...लेकिन शाहरुख के साथ काम करना काफी मज़ेदार था। अगले कुछ सालों में हम अच्छे दोस्त बन गए।'
शाहरुख के साथ जूही ने फिल्म 'डर', 'रामजाने', 'यस बॉस', 'डुप्लीकेट' और 'फिर भी दिल है हिन्दुस्तानी' सरीखी सफल फिल्में की हैं।
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