रामानंद सागर ने 'जामवंत' को जड़ दिया था ज़ोरदार थप्पड़

रामानंद सागर ने 'रामायण' के 'जामवंत' राजशेखर उपाध्याय को एक 'गंदी' आदत के चलते ज़ोरदार थप्पड़ लगा दिया था। इस क़िस्से का खुलासा खुद राजशेखर ने एक इंटरव्यू के दौरान किया। 

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लॉकडाउन ने एक बार से गुज़रे ज़माने के लोकप्रिय धारावाहिकों को नया जीवनदान दिया है। यह धारावाहिक टीवी पर दोबारा प्रसारित हो रहे हैं, तो फिर से टीआरपी का कीर्तिमान रच रहे हैं। 

इन धारावाहिकों में 'रामायण' और 'महाभारत' शीर्ष पर बने हुए हैं। एक तरफ तो इन धारावाहिकों को टीवी पर दर्शक देख रहे हैं, तो वहीं इन धारावाहिकों से जुड़े दिलचस्प क़िस्से सोशल मीडिया पर पढ़ने को मिल रहे हैं। 

हाल ही में 'रामायण' के 'जामवंत' का एक क़िस्सा पढ़ने को मिला। 'जामवंत' की भूमिक निभाने वाले राजशेखर उपाध्याय ने रामानंद सागर से जुड़ा एक वाकया अपने इंटरव्यू में बताया।

बता दें कि रामानंद सागर और राजशेखर दोनों एक-दूसरे को 'रामायण' शुरू होने से पहले से ही जानते थे। राजशेखर सागर आर्ट्स के 'विक्रम बेताल' में भी नज़र आ चुके हैं। 

दरअसल, राजशेखर को ज्योतिष का ज्ञान है और उन्होंने रामानंद सागर को बताया था कि शनि की साढ़ेसाती चल रही है। फिर क्या राजशेखर के इस ज्ञान से रामानंद काफी प्रभावित थे और उनको सम्मान भी देते थे। 

ऐसे ही एक दिन रामानंद सागर, राजशेखर से मिलने उनके घर जा पहुंचे। घर पहुंचने पर रामानंद ने पाया कि राजशेखर ताश खेल रहे हैं। दरअसल, राजशेखर को ताश खेलने का शौक था। 

यह देखते ही रामानंद सागर ने आपा खो दिया और राजशेखर को ज़ोरदार तमाचा रसीद कर दिया। इसके बाद राजशेखर से बोले, 'आप इतने अच्छे इंसान हैं और आप यहां ये ताश खेल रहे हैं।'

राजशेखर ने उसके बाद तुरंत ताश के पत्ते फाड़ कर फेंक दिये और फिर कभी भी ताश नहीं खेला। 

अपने इस इंटरव्यू में उन्होंने आगे बताया कि जब रामानंद सागर की नाराजगी कम हुई, तो उन्होंने कहा कि कोई कहानी बताइये जिस पर काम किया जा सके।

रामानंद सागर के इस प्रश्न के उत्तर में राजशेखर ने 'रामचरित मानस' की तरफ इशारा करते हुए कहा कि इससे अच्छी कहानी क्या हो सकती है। इसमें एक्शन, थ्रिलर, सस्पेंस, ड्रामा, रोमांस सब कुछ तो है। इसके बाद ही रामानंद सागर ने 'रामायण' बनाने का खयाल आया। 

उल्लेखनीय है कि 'जामवंत' के किरदार के लिए राजशेखर को हर वक्त भालू का मास्क पहने रहना होता था। ऐसे में उनका चेहरा बालों, आर्टिफिशियल लंबी नाक और मुकुट से तकरीबन पूरा छिपा रहता था। बाकी शरीर पर नकली बाल होते थे। राजशेखर ऐसा किरदार कर रहे होते थे, जिसके लिए उन्हें कोई नहीं पहचानता। 

हालांकि, अपनी बुलंद आवाज़ और अभिनय से उन्होंने इस भूमिका को जीवंत कर दिया और फिर उनको पहचान भी मिली।

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