'रामायण' के दशरथ और कौशल्या वास्तव में थे पति-पत्नी
रामानंद सागर के 'रामायण' में 'कौशल्या' बनी जयश्री गेडकर और 'दशरथ' बने बाल धुरी वास्तव में पति-पत्नी थे। बाल धुरी को अपने ऑफिस में देखकर रामानंद सागर ने उनको 'मेघनाद' और 'दशरथ' का रोल ऑफर किया, लेकिन बाल धुरी ने 'दशरथ' की भूमिका को स्वीकार किया और इस तरह से रियल लाइफ हज्बैंड-वाइफ की जोड़ी रील लाइफ में देखने को मिली।
छोटे परदे पर एक बार फिर से नब्बे का दौर लौटा है। 'रामायण', 'महाभारत' समेत की सारे धारावाहिक एक बार फिर से दर्शकों को देखने को मिल रहे हैं। ऐसा इसलिए, क्योंकि कोरोना वायरस के बढ़ते खतरे को देखते हुए इन दिनों देश में लॉकडाउन है।
अब जब 'रामायण' दर्शक देख रहे हैं, तो फिर ऐसे में उनके लिए इस धारावाहिक से जुड़ी ख़ास जानकारी हम जुटा कर ला रहे हैं। पहली जानकारी 'रामायण' के 'कौशल्या' और 'दशरथ' को लेकर।
काफी कम लोगों को पता होगा कि पर्दे पर कौशल्या और दशरथ का किरदार निभाने वाले कलाकार वास्तव में पति-पत्नी थे। कौशल्या का किरदार अपने समय की मशहूर मराठी अदाकारी जयश्री गेडकर ने निभाया था, जबकि दशरथ की भूमिका में उनके पति बाल धुरी थे।
अब हुआ यह कि रामानंद सागर ने अपने सबसे बड़े प्रोजेक्ट 'रामायण' की कास्टिंग शुरू की, तो कौशल्या के किरदार के लिए उन्होंने मराठी की मशहूर अदाकारा जयश्री को चुना। जयश्री, रामानंद सागर से मिलने उनके दफ़्तर अपने पति के साथ आईं।
जयश्री और रामानंद की आपस में बातचीत चल रही थी कि अचानक रामानंद सागर ने बाल धुरी को अपने इस धारावाहिक में दो रोल के ऑफर दे दिए। दरअसल, तब तक बाल धुरी भी धीरे-धीरे मराठी रंगमंच में अपनी दखल बना चुके थे।
ख़ैर, रामानंद सागर ने बाल धुरी से कहा कि तुम 'रामायण' में 'मेघनाद' या 'दशरथ' का किरदार कर लो। बाल धुरी ने तुरंत 'दशरथ' के किरदार के लिए 'हामी' भर दी।
हालांकि, रामानंद सागर ने यह भी कहा कि 'दशरथ' का किरदार कुछ एपिसोड तक का ही, तुम 'मेघनाद' कर लो। फिर भी बाल धुरी ने 'दशरथ' के किरदार को नहीं छोड़ा। इस तरह से बाल धुरी से 'दशरथ' का किरदार जुड़ गया और वो अभी तक उनकी पहचान है।
इस तरह से जयश्री गेडकर 'कौशल्या' बन गईं और 'दशरथ' का किरदार उनके पति बाल धुरी ने निभाया।
चिता देख भड़क गईं कौशल्या
कौशल्या और दशरथ को लेकर एक क़िस्सा और है। हुआ यह कि 'रामायण' के एक एपिसोड में जब दशरथ की मृत्यु हो जाती है, तो उनकी अंतिमक्रिया के लिए चिता पर लिटाया जाता है। यह सीन देखते ही कौशल्या भड़क गईं। उन्होंने दशरथ बने अपने पति बाल धुरी को चिता पर लेटने से सख्त मना कर दिया था। मामला बिगड़ता देख बाल धुरी ने मौर्चा संभाला। जयश्री को समझा-बुझा कर इस सीन के लिए तैयार किया। जब यह सीन हो गया, तब जाकर सबकी सांस में सांस आई।
बात करें जयश्री गेडकर की तो उनका जन्म 21 फरवरी 1942 में हुआ था और मराठी के साथ हिन्दी सिनेमा में भी उन्होंने काफी काम किया है। जयश्री की ऑटोबायोग्राफी 'अशी मी जयश्री' साल 1986 में पब्लिश हुई थी। साल 2008 में 66 साल की उम्र में उनका निधन हो गया।
वहीं बाल धुरी की बात करें, तो इनका जन्म साल 1944 में महाराष्ट्र में हुआ। इनका असली नाम भैयूजी है, लेकिन सब इन्हें बाल कह कर पुकारते थे, लिहाजा इन्होंने अपना बाल धुरी ही रख लिया। बाल धुरी को बचपन से ही एक्टिंग का शौक रहा है। इसलिए रंगमंच प्रतियोगिताओं में ये बढ़-चढ़कर हिस्सा लेते रहे। हालांकि, बाल धुरी के घरवाले नहीं चाहते थे कि उनका बेटा एक्टिंग फील्ड में जाए।
एक्टिंग के प्रति अपने लगाव के साथ पढ़ाई पर भी पूरा धायन दिया और फिर इंजीनियरिंग करने के बाद एक अच्छी-खासी नौकरी भी मिल गई। हालांकि, एक्टिंग के चलते उस नौकरी को छोड़ दिया और परिवार से खिलाफत कर पूरी तरह से एक्टिंग में करियर बनाने का फैसला कर लिया। बाल धुरी ने अपने अभिनय करियर की शुरुआत 70 के दशक में आई मराठी फिल्म 'देवाचिए द्वारी' से की थी।
मराठी के अलावा हिन्दी फिल्मों में भी बाल धुरी ने काम किया है। साल 1989 में आई अनिल कपूर की मुख्य भूमिका वाली फिल्म 'ईश्वर' में बाल धुरी नज़र आए थे। इसके अलावा साल 1996 में आई फिल्म 'तेरे मेरे सपने' में ये 'राम सिंह' के किरदार में दिखे थे। अब हिन्दी फिल्मों में तो उतने नहीं, लेकिन मराठी फिल्मों में बाल धुरी लगातार सक्रिय हैं।