रामानंद सागर को ऐसे मिले अपने 'रामायण' के 'जामवंत'
रामानंद सागर को 'रामाणय' के 'जामवंत' राजशेखर उपाध्याय कैसे और कहां मिले। इसकी दिलचस्प कहानी है। इन दिनों राजशेखर कहां और क्या कर रहे हैं, जानने के लिए उत्सुक हैं, तो फिर पढ़िए ये रिपोर्ट।
रामानंद सागर की 'रामायण' का एक बार फिर से प्रसारित किया जा रहा है। ऐसे में इस धारावाहिक में मुख्य कलाकारों जैसे, अरुण गोविल, दीपिका चिखलिया, सुनील लहरी, अरविंद त्रिवेदी, दारा सिंह के अलावा और भी कई कलाकार हैं, जिनकी चर्चाएं तेज़ हैं।
कुछ ऐसे भी कलाकार हैं, जो धारावाहिक में कुछेक एपिसोड में ही दिखाई दिए हैं, लेकिन उस किरदार की पहचान उनसे हमेशा के लिए जुड़ गई। भारतीय जनमानस पर उनकी छाप अमिट हो। ऐसे ही किरदारों में 'रामायण' के 'जामवंत' हैं।
बता दें 'रामायण' में 'जामवंत' की भूमिका राजशेखर उपाध्याय ने निभाई थी। 'जामवंत' के अलावा राजशेखर 'श्रीधर' के किरदार में भी दिखे थे। हालांकि, उनकी पहचान 'जामवंत' के रूप में ही होती है। अपनी दमदार अवाज़ और बेजोड़ अभिनय से उन्होंने 'जामवंत' के किरदार में जान फूंक दी थी।
कम लोगों को पता होगा कि राजशेखर को 'रामायण' से पहले रामानंद सागर के बेटे आनंद सागर ने 'विक्रम बेताल' के लिए साइन किया था। दरअसल, आनंद सागर ने राजशेखर को एक थिएटर प्ले में देखा, जहां उनके अदाकारी से काफी प्रभावित हुए और फिर अपने धारावाहिक 'विक्रम बेताल' के लिए साइन कर लिया। 'विक्रम बेताल' में राजशेखर, राजकुमार से लेकर पंडित तक की भूमिका में दिखाई दिये।
एक इंटरव्यू में राजशेखर ने कहा था कि 'विक्रम बेताल' के दौरान ही रामानंद सागर ने उनको 'विभीषण' की भूमिका का प्रस्ताव दिया, लेकिन यह बता दिया गया था कि ज्यादा फेम नहीं मिलेगा। फिर बुलंद आवाज़ के चलते मुझे 'जामवंत' का किरदार दिया गया।
उत्तरप्रदेश के भदौही जिले के सुरियावां के हरिहरपुर गांव के रहने वाले राजशेखर अपने किरदार 'जामवंत' की वजह से खासे लोकप्रिय हुए। भले ही उनका चेहरा मुखौटे की भीतर छुपा था, लेकिन आवाज़ ने उनको पहचान दिलवाई।
बताया जाता है कि एक समय में लोग 'राम' का किरदार निभाने वाले अरुण गोविल से ज्यादा 'जामवंत' बने राजशेखर उपाध्याय को देखने के लिए बेताब रहते थे। वह जहां भी जाते थे, लोग यह कह कर भीड़ लगा लेते थे कि जब तक 'जामवंत' के दर्शन नहीं होंगे नहीं जाएंगे।
एक्टिंग को लेकर राजशेखर में बचपन से ही काफी ललक रही। स्कूल में होने वाले नाटकों में भाग लेते थे। इसके बाद जब वो बनारस आगे की पढ़ाई के लिए आए, तो यहां के मशहूर 'रामलीला' में भाग लिया। कहा जाता है कि इसी दौरान आनंद सागर ने राजशेखर को स्पॉट किया और 'विक्रम बेताल' का ऑफर दिया।
अब इस धारावाहिक के दोबारा प्रसारण से 'जामवंत' बने राजशेखर काफी प्रसन्न हैं। फिलहाल वो लॉकडाउन के चलते अपने गृहनगर भदौही में हैं। मुंबई में वो नालासोपारा में रहते हैं। राजशेखर ने 'जामवंत' के अलावा 'श्रीधर' की भी भूमिका निभाई थी। 'श्रीधर' वही हैं, जो मुनि वशिष्ठ को राज्याभिषेक के लिए निमंत्रण देते हैं और राम के राज्याभिषेक के समय सारी औपचारिकता की पूर्ति करते हैं। अब राजशेखर को अपनी इस भूमिका के प्रसारण का इंतज़ार है।
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