ऋषि कपूर के 'खुल्लम खुल्ला' खुलासे, रिश्वत लेकर किया था कैमियो

ऋषि कपूर का 67 वर्ष की आयु में मुंबई में निधन हो गया। बुधवार को सांस लेने मे तकलीफ के चलते उन्हें अस्पताल में एडमिट करवाया गया। जहां गुरुवार की सुबह उन्होंने आखिरी सांस ली। बॉलीवुड के बड़े खानदानों में शुमार कपूर खानदान से आने वाले ऋषि ने छोटी-सी उम्र से ही कैमरे का सामना शुरू कर दिया था। अपनी जिंदगी से जुड़े कई दिलचस्प खुलासे उन्होंने अपनी बायोग्राफी 'खुल्लम खुल्ला : ऋषि कपूर अनसेंसर्ड' में किया है। आइए जानते हैं उनमें से कुछ किस्से। 

Rishi Kapoor's biography 'Khullam Khulla'
हिन्दी फिल्म इंडस्ट्री के खुशमिजाज, ज़िंदादिल और बेबाक अभिनेता ऋषि कपूर नहीं रहे। 67 वर्ष की आयु में उन्होंने अपनी आखिरी सांसे लीं। बीते दो साल से वो कैंसर से पीड़ित थे, जिसके इलाज़ के लिए काफी समय अमेरिका में रह रहे थे। बाद में स्वास्थ लाभ के बाद भारत लौट चुके थे। 

बुधवार देर रात सांस लेने में तकलीफ के चलते उनको मुंबई के एचएन रिलायंस फाउंडेशन अस्पताल में भर्ती करवाया गया था, जहां गुरुवार को उन्होंने अपनी अंतिम सांस ली। मृत्यु के समय बेटे रणबीर कपूर और पत्नी नीतू कपूर साथ में ही थे। 

परिवार ने शोक संदेश जारी करते हुए ऋषि कपूर के निधन की जानकारी दी और साथ में अंतिम दर्शन के लिए मजमा न लगाने की अपील भी की। 

ऋषि कपूर ज़िंदादिल और खुशमिज़ाज इंसान के रूप में जाने जाते हैं। साथ ही वो अपने बेबाकपन के लिए काफी मशहूर रहे हैं। हाल ही में जब उनकी बायोग्राफी 'खुल्लम खुल्ला : ऋषि कपूर अनसेंसर्ड' रिलीज़ हुई, तो इसमें कई दिलचस्प खुलासे पढ़ने को मिले। मीरा अय्यर द्वारा लिखी इस किताब में अपने बचपन से लेकर लव लाइफ के बारे में ऋषि ने बड़े बेबाकी से खुलासे किए। 

ऋषि कपूर अपने तीनों भाई-बहनों के साथ पर्दे दिखे 

ऋषि कपूर ने फिल्म 'श्री 420' की शूटिंग को लेकर एक वाकया साझा किया है। ऋषि कपूर अपनी बायोग्राफी में कहते हैं, 'मेरे पिता ने अपनी फिल्म के गाने की एक कड़ी में हम तीनों भाई-बहन, डब्बू (रणधीर), ऋतु और मेरी झलक दिखाने के बारे में विचार किया। वह गाना था 'प्यार हुआ इकरार हुआ'। इस गाने की, 'मैं न रहूंगी, तुम न रहोगे, फिर भी रहेंगी निशानियां' के बीच हम तीनों को बरसते हुए पानी में चलकर आना था, लेकिन पानी मेरी आंख में घुसकर मुझे परेशान कर रहा था।'

वो आगे कहते हैं, 'इसकी वजह से मैं काफी परेशान हो गया और फिर मैंने शूटिंग करने से मना कर दिया।'

ऋषि आगे कहते हैं कि इस मुश्किल को सुलझाने के लिए अभिनेत्री नर्गिस ने एक उपाय खोज निकाला। वो कहते हैं, 'हर रीटेक के समय वो कैडबरी मिल्क चॉकलेट को एक बार मेरी आंखों के सामने लहरातीं। यदि मैं अपने पिता के निर्देशानुसार शूट करूं, तो वह बार मुझे मिलना था। यह उपाय कारगर हुआ, क्योंकि इसके बाद मैंने सहयोग किया।'

नीतू सिंह नहीं थी ऋषि कपूर का पहला प्यार

ऋषि कपूर जिस अभिनेत्री से 'खुल्लम खुल्ला' इश्क का दम भरते थे, वो उनका पहला प्यार नहीं थी। जी हां, इस किताब में लिखा है कि नीतू सिंह पहला प्यार नहीं थीं। नीतू सिंह से पहले ऋषि एक पारसी लड़की यास्मीन मेहता को प्यार करते थे। यास्मीन के बारे में ऋषि ने ज्यादा कुछ नहीं लिखा है, लेकिन यह ज़रूर लिखा है कि जब नीतू से उनकी पहली मुलाकात हुई थी, तब वे यास्मीन को डेट कर रहे थे, लेकिन फिल्म 'बॉबी' के बाद यास्मीन को लगने लगा ऋषि अपनी को-स्टार डिंपल कपाडिया के प्यार में हैं। इस गलतफहमी की वजह से यास्मीन ने ऋषि कपूर से ब्रेकअप कर लिया। ऋषि ने उसे मनाने की काफी कोशिश किया, लेकिन सफलता नहीं मिली। यहां तक कि नीतू सिंह से उन्होंने यास्मीन के लिए चिट्ठियां लिखवाईं, लेकिन यास्मीन वापस ऋषि के पास नहीं लौटीं। 

ऋषि कपूर की 'रिंग', डिंपल कपाड़िया की उंगली में

अपनी बायोग्राफी में 'बॉबी' की को-स्टार डिंपल कपाड़िया को लेकर भी एक खुलासा किया। उन्होंने किताब में लिखा, 'जब मैं यास्मीन के साथ रिलेशनशिप में था, तब यास्मीन ने मुझे एक रिंग गिफ्ट की थी, लेकिन फिल्म 'बॉबी' के दौरान डिंपल ने वो रिंग मुझसे लेकर पहन ली। जब राजेश खन्ना ने डिंपल को प्रपोज किया, तो उन्होंने डिंपल से वो रिंग समुद् में फेंकने को कहा। जब डिंपल ने ऐसा किया, तब ही राजेश और उनके बीच कमिटमेंट की शुरुआत हुई, लेकिन सच्चाई यह थी कि मैं कभी डिंपल से प्यार नहीं करता था।'

अमिताभ को हराने के लिए खरीदा था ऋषि ने अवॉर्ड

अपनी ब्रायोग्राफी 'खुल्लम खुल्ला' में ऋषि कपूर ने बताया था, 'मैंने 30 हजार रुपये देकर फिल्मफेयर अवॉर्ड खरीदा था। दरअसल, यह बात साल 1973 की है। इस साल ऋषि कपूर की फिल्म 'बॉबी' आई थी और इसी फिल्म के लिए बेस्ट एक्टर का अवॉर्ड अपने नाम किया था। उसी साल अमिताभ बच्चन की फिल्म 'जंजीर' भी रिलीज़ हुई थी। ऐसे में साल का बेस्ट एक्टर बनने के लिए ऋषि कपूर ने अवॉर्ड ही खरीद लिया।'

इसका असर अमिताभ और ऋषि के रिश्ते पर भी पड़ा। ऋषि कहते हैं, 'शायद इसी वजह से अभिताभ और मेरे रिश्ते ठंडे पड़ गए, क्योंकि अमिताभ को लगता था कि अवॉर्ड वो डिजर्व करते थे, लेकिन मिला मुझे।' तब कई फिल्मी पत्रिकाओं में ऋषि और अमिताभ के बीच खटास की खबरों ने सुर्खियां बटोरी। हालांकि, समय के साथ इनका रिश्ता सामान्य होता गया। बाद में दोनों के बीच अच्छी दोस्ती हो गई।

ऋषि ने लगभग ठुकरा दी थी 'कभी-कभी'

ऋषि कपूर के करियर में फिल्म 'कभी-कभी' बड़ी हिट फिल्मों में से है। हालांकि, ऋषि कपूर पहले इस फिल्म को करना नहीं चाहते थे। जब उन्हें इस फिल्म का प्रस्ताव मिला, तो उन्होंने इसे लगभग ठुकरा दिया था। इस बारे में अपनी बायोग्राफी में कहते हैं, 'इस फिल्म को लगभग ठुकरा दिया था, क्योंकि फिल्म में नीतू का रोल मेरे रोल से ज्यादा दमदार था। इस वजह से फिल्म 'कभी-कभी' का ऑफर शुरुआत में मैंने ठुकरा दिया था।' फिल्म को ठुकराने की दूसरी वजह अमिताभ बच्चन थे, क्योंकि वो अमिताभ बच्चन को चुनौती देना चाहते थे। हालांकि, बाद में ऋषि कपूर ने फिल्म की और फिर हिट भी रही। 

संजय दत्त से पिटते-पिटते बचे ऋषि कपूर

अपनी बयोग्राफी में ऋषि कपूर ने संजय दत्त को लेकर भी एक वाकया साझा किया है। ऋषि कपूर कहते हैं, 'संजय दत्त को गलतफहमी हो गई थी कि टीना मुनीम से मेरा अफेयर चल रहा है। इसलिए वो मेरे अपार्टमेंट में मुझे पीटने के लिए पहुंच गए। हालांकि, नीतू सिंह के समझाने पर संजय वापस लौट गए थे।'

अपनी इस बायोग्राफी में ऋषि कपूर ने दादा पृथ्वीराज कपूर से लेकर पिता राज कपूर के बारे में भी कई खुलासे किए हैं।

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