'टॉम एंड जेरी' और 'पॉपाय-द सेलर मैन' देने वाले जीन डायच नहीं रहे
'टॉम एंड जेरी', 'पोपाय-द सेलर मैन' सरीखे कार्टून शो के डायरेक्टर जीन डाइच का 95 साल की उम्र में निधन हो गया। जीन 16 अप्रैल को अपने अपार्टमेंट में मृत अवस्था में पाये गए। 18 अप्रैल को इस ख़बर की पुष्टि उनके करीबी पीटर हिमल ने की।
अस्सी-नब्बे के दशक में पैदा हुए बच्चों के फेवरेट कार्टून कैरक्टर्स 'टॉम ऐंड जेरी' और 'पॉपाय' हुआ करते थे। हालांकि, आज भी बच्चे इन्हें उतने ही चाव से देखते हैं। इन पॉपुलर कार्टून्स के निर्देशक रहे जीन डायच का 95 वर्ष की उम्र में निधन हो गया। जीन प्राग में अपनी पत्नी के साथ रहते थे और वहीं अपार्टमेंट में 16 अप्रैल को वो मृत अवस्था में पाये गये। उनके निधन के ख़बर की पुष्टि उनके करीबी पीटर हिमल ने की।
साल 1960 में अपनी ऐनिमेटेड शॉर्ट फिल्म 'मुनरो' के लिए ऑस्कर अवॉर्ड जीत चुके जीन डायच को ऐनिमेशन के क्षेत्र का दिग्गज माना जाता था। बता दें कि जीन को चार बार ऑस्कर के लिए नॉमिनेट किया गया था। वहीं साल 2004 में एनिमेशन की दुनिया में अमुल्य योगदान देने के लिए उन्हें ‘विनसर मैके अवार्ड’ से भी सम्मानित किया जा चुका है।
वहीं 'टॉम एंड जेरी' सीरीज़ को साल 1940 में विलियम हाना और जोसफ बारबरा ने रचा था। जीन इसके तीसरे निर्देशक थे, उन्होंने ही इसका लेखन किया था।
जीन डायच
अपने कार्टून कैरेक्टर्स से दुनिया को अपना मुरीद बनाने वाले जीन पहले उत्तरी अमेरिका में पायलटों के प्रशिक्षण और सेना के लिए ड्राफ्टमैन का काम करते थे, लेकिन सेहत संबंधी कारणों के चलते साल 1944 में उन्हें सेवामुक्त कर दिया गया।
इसके बाद उन्होंने कला के क्षेत्र में काम करना शुरू किया और एनिमेशन में अपना करियर शुरू किया। फिर वो 'टॉम एंड जेरी' से जुड़े और फिर विश्व में धीरे-धीरे उनकी पहचान स्थापित हुई। जीन को साल 1958 में फिल्म 'सिडनीज फैमिली ट्री' के लिए ऑस्कर में नॉमिनेशन मिला, लेकिन साल 1961 में 'मुनरो' के लिए इन्हें ऑस्कर हासिल हुआ। कुल मिलाकर चार बार ऑस्कर के लिए जीन नॉमिनेट हुए थे।
जीन का जन्म 8 अगस्त, 1924 को शिकागो में हुआ था। 1959 में वे कुछ दिन के लिए प्राग घूमने आए थे, लेकिन यहां उनकी मुलाकात ज़ीडेनका के साथ हुई और उन्होंने वहीं बसने का फैसला कर लिया।
टॉम एंड जेरी
'टॉम एंड जेरी' सीरीज में चूहे-बिल्ली की कहानी है। 'टॉम' बिल्ला, 'जेरी' चूहा एक ही घर में रहते हैं, लेकिन एक-दूसरे को बर्दाश्त नहीं कर पाते। काफी लड़ते हैं, लेकिन दोनों एक दूजे के बिना रह भी नहीं पाते। बिना डायलॉग्स के सिर्फ एक्शन पर बेस्ड यह कॉर्टून सीरीज़ आज भी लोगों को उतना ही भाती है। इसे साल 1940 में विलियम हाना और जोसफ बारबरा ने रचा था और जीन इसके तीसरे निर्देशक थे।
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