इमोशनल अमिताभ बच्चन छूने लगे थे फैन के पैर
अपने फैन को देखकर अमिताभ बच्चन भाव-विभोर होकर पैर छूने लगे, जबकि उस फैन के स्वागत के लिए तेजी बच्चन और हरिवंश राय बच्चन दरवाजे पर खड़े थे। जया भादुड़ी बच्चन ने उस फैन की आरती उतारी और फिर राखी भी बांधा। आज भी अपने उस फैन से अमिताभ जुड़े हुए हैं।
फिल्म 'कुली' की शूटिंग के दौरान पुनीत इस्सर के एक मुक्के से अमिताभ बच्चन गंभीर रूप से घायल हो गए थे। चोट इतनी गंभीर थी कि उनकी आंतें फट गई थी। तब अमिताभ बच्चन का करियर बुलंदियों पर था।
अमिताभ बच्चन के घायल होने की खबर से अखबार पट गए थे। उनके परिवार और करीबियों के अलावा फैन्स ने जगह-जगह पूजा करवाई, मन्नतें मांगी। इन्हीं एक ने अनूठी मन्नत भी मांगी। उसने फैन ने मन्नत में कहा था कि यदि अमिताभ बच्चन ठीक हो जाते हैं, तो वो वड़ोदरा से सिद्धीविनायक तक उल्टे पैर चल कर जाएगा।
फिर जैसे ही अमिताभ की तबीयत में सुधार हुआ। उनका यह फैन उलटे पैरों पर चलकर यात्रा पर निकल पड़ा। 800 किमी की यात्रा को पूरा करने में उसे 13 दिन लगे। फैन मन्दिर से अमिताभ के बंगले ‘प्रतीक्षा’ पहुंचा।
अमिताभ अपने फैन के इस अगाध प्रेम से इतने भावुक हो गए कि उसके पैर छूने के लिए झुकने को हुए, लेकिन इस फैन ने पैर नहीं छूने दिए।
फैन के स्वागत के लिए अमिताभ बच्चन के साथ पिता हरिवंश राय बच्चन और मां तेजी बच्चन भी घर के बाहर निकले। फिर जया भादुड़ी बच्चन ने आरती उतारकर उसका स्वागत किया था। इतना ही नहीं उन्हें जया ने राखी भी बांधी थी। इस फैन का नाम अरविंद है। अमिताभ अब भी अपने इस फैन से जुड़े हुए हैं।
बता दें कि अमिताभ बच्चन 26 जुलाई, 1982 को बेंगलुरु में 'कुली' फिल्म की शूटिंग कर रहे थे, जिसमें एक फाइट सीन था। निर्देशक के 'एक्शन' कहते ही पुनीत इस्सर को अमिताभ के मुंह पर घूंसा मारना था और उन्हें टेबल के ऊपर गिरना था। सीन को अमिताभ के बॉडी डबल के साथ शूट करने का सजेशन दिया गया था, लेकिन अमिताभ सीन को रियल बनाना चाहते थे। इसलिए इस सीन को खुद करने का फैसला लिया।
अब सब कुछ सेट होने के बाद निर्देशक ने 'एक्शन' बोला। शॉट ओके हुआ और लोग तालियां बजाने लगे। अमिताभ भी मुस्कुरा रहे थे, लेकिन उन्हें पेट में दर्द हो रहा था। दरअसल, टेबल का एक कोना उनके पेट में चुभ गया था।
तब उनको यह चोट मामूली लगी, लेकिन दो दिन बाद यही चोट घातक साबित हुई। इस पूरे क़िस्से को अमिताभ ने अपने ब्लॉग पर लिखा है।
इस हादसे के बाद अमिताभ को दूसरी ज़िंदगी मिली थी। अमिताभ बच्चन ने खुद लिखा था, 'सांसें बंद होने को थीं। आप सबकी प्रार्थना ने मुझे जिंदा रखा। इस ऋण को मैं कभी नहीं उतार सकूंगा।'
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