'मंथरा' बनी ललिता पवार ने पैर जल जाने के बाद भी की थी शूटिंग
रामानंद सागर की 'रामायण' में 'मंथरा' बनी ललिता पवार ने अपने पैर चल जाने के बाद भी शूटिंग को जारी रखा था। ललिता पवार से जुड़े इस क़िस्से का जिक्र 'लक्ष्मण' सुनील लहरी ने अपने सोशल मीडिया पर किया है। इस महान कलाकारा को सुनील ने सलाम भी किया।
रामानंद सागर की 'रामायण' के रीटेलिकास्ट के बाद से ही इस पौराणिक धारावाहिक से जुड़े कई रोचक तथ्य सामने आ रहे हैं। दरअसल, इस धारावाहिक में 'लक्ष्मण' बने सुनील लहरी ने अपने सोशल मीडिया पर 'रामायण' धारावाहिक के बिहाइंड द सीन किस्सों की एक सीरीज़ शुरू की है।
इसी सीरीज़ में उन्होंने 'मंथरा' बनी ललिता पवार का एक क़िस्सा सुनाया। इस क़िस्से में उन्होंने बताया कि किस तरह जख्मी होने के बाद भी उन्होंने शूटिंग जारी रखा।
सुनील इस वीडियो में कहते हैं, ''रामायण' के अंतिम दिनों की शूटिंग में, जब राम, सीता और लक्ष्मण वनवास के बाद अयोध्या लौटते हैं, तो पूरे अयोध्या में दीये जलाकर रौशनी की जाती है। इस सीन की शूटिंग में अयोध्या का सेट लगा था और हर तरफ अनगिनत दीये जलाकर लगाए गए थे। इस दौरान 'रामायण' में 'मंथरा' की भूमिका निभा रहीं ललित पवार एक सीन के दौरान कैरेक्टर में इतना डूब गई थीं कि उस दौरान उनका पैर भी जख्मी हो गया था।'
वो कहते हैं, 'दरअसल, इस सीन में राम के राजतिलक की तैयारी चल रही थी, जो मंथरा की इच्छा के विरुद्ध था। ऐसे में गुस्से में जलाये गए दीयों को पैर से मारते हुए अपना गुस्सा जाहिर करती हैं, लेकिन इसी दौरान दीयों में भरे तेल और आग से उनके पैर जल गए। यहां तक कि पैरों में बड़े-बड़े फफोले तक पड़ गए, लेकिन फिर भी उन्होंने प्रोड्यूसर का नुकसान नहीं होने दिया। शूटिंग जारी रखी।'
सुनील ने ललिता पवार के काम प्रति लगन के बारे में बात करते हुए कहा, 'स्पॉट दादा उन्हें कमरे से सेट तक ले जाते थे और वह शॉट देती थीं। वास्तव में, उन्हें आराम करने के लिए कहा गया था, लेकिन वे अपने काम को ज्यादा अहमियत देती थीं। किसी को यह पता नहीं चला कि वह दर्द में थीं, कैमरे पर उनके दर्द का बिल्कुल भी पता नहीं चला। वह अपने काम को लेकर इतनी प्रतिबद्ध थीं कि चोट के बावजूद भी वह शूटिंग करना चाहती थीं। उन्हें सलाम है। वो एक महान महिला थीं।'
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