मधुबाला-दिलीप कुमार की 'लव स्टोरी' क्यों रही अधूरी?
मधुबाला और दिलीप कुमार के बीच चला नौ साल का अफेयर सगाई तक पहुंचा। हर रोज़ मधुबाला के घर दिलीप कुमार का आना-जाना था, पारिवारिक रिश्ते थे, लेकिन फिर सब कुछ खराब हो गया। दोनों की शादी होते-होते रह गई। आखिर ऐसा क्यों हुआ, इसकी पूरी कहानी मधुबाला की बहन मधुर भूषण ने सुनाई है।
हिन्दी फिल्म जगत में यदि सबसे खूबसूरत अदाकारा का नाम लेने को कहा जाए, तो बरबस ही सबके मुंह से मधुबाला निकलेगा। अपने छोटे से फिल्मी करियर में उन्होंने काफी कुछ हासिल किया। एक तरह तो पर्दे पर वो हंसी-खुशी के रंग भरती रहीं, लेकिन उनकी अपनी ज़िंदगी बेरंग ही रही।
मधुबाला की ज़िंदगी कई त्रासदियों से होकर गुजरी। इसलिए, तो उनको 'द ब्यूटी विद ट्रेजडी' भी कहा जाता है।
ख़ैर, मधुबाला का जिक्र इसलिए आज आया है, क्योंकि उनकी बहन मधुर भूषण ने उनकी पूरी कहानी सुनाई है, जिसे यासिर खान ने अपने ट्विटर पर बकायदा थ्रेड में शेयर किया है। मधुर ने मधुबाला की 'लव लाइफ' को डिस्क्राइब किया है।
मधुर ने शुरुआत प्रेमनाथ से की है। वो कहती हैं, 'मधुबाला सबसे पहले प्रेमनाथ के प्यार में पड़ीं। दोनों का रिश्ता छह महीने चला। बाद में धर्म के आधार पर दोनों अलग हो गए। दरअसल, प्रेमनाथ ने धर्म परिवर्तन के लिए कहा, लेकिन मधुबाला नहीं मानी। बाद में वो दिलीप कुमार के प्यार में पड़ गईं।'
मधुर बताती हैं, 'वो भाईजान (दिलीप कुमार) से 'तराना' के सेट पर मिली। बाद में दोनों ने 'संग्दिल', 'अमर' और 'मुगल-ए-आजम' में साथ में काम किया। दोनों का अफेयर नौ सालों तक चला। यहां तक कि दोनों की सगाई भी हो गई थी। उनकी आपा चुन्नी लेकर आई थीं। यह एक तरह की रस्म होती है। भाईजान भी पठान हैं।'
मधुर का कहना है कि उनके पिता ने कभी भी मधुबाला और दिलीप कुमार की शादी पर आपत्ति नहीं जताई। दिलीप कुमार के बारे में बताते हुए कहता हैं, 'वो बच्चों को लेकर भी काफी अच्छे रहे हैं। हमेशा 'आप' कहकर ही संबोधित करते थे। दोनों या तो कमरे में बैठ कर बातें करते थे या फिर ड्राइव पर निकल जाते थे। दोनों का ब्रेकअप फिल्म 'नया दौर' के दौरान हुए कोर्ट केस की वजह से हुआ। दरअसल, पचास के दशक में ही 'जबीन जलील' नाम की शूटिंग ग्वालियर के पास ही कहीं हो रही थी। इसी दौरान बदमाशों के एक समूह ने हमला कर दिया और यहां तक कि महिलाओं के कपड़े तक फाड़ डाले। मेरे पिता उस वाकये को लेकर काफी चिंतित थे। ऐसा नहीं था कि उनको आउटडोर शूटिंग से दिक्कत थी, बल्कि आपा तो महाबलेश्वर, हैदराबाद सरीखे अन्य जगहों पर पहले भी शूटिंग कर चुकी थीं, लेकिन ग्वालियर में हुए उस वाकये के बाद लोकेशन बदलने के लिए मेरे पिता कह रहे थे। इस पर कोर्टकेस हुआ। भाईजान, बीआर चोपड़ा की तरफ से थे। उन्होंने मेरे पिताजी को कोर्ट में 'तानाशाह' तक कह डाला। दरारें पड़ गईं, रिश्ते टूट गए।'
मधुर बताती हैं कि दिलीप कुमार से ब्रेकअप के बाद मधुबाला काफी रोया करती थीं। दिलीप कुमार ने तो मधुबाला से यह भी कहा कि यदि वो अपने पिता को छोड़ दें, तो वो उनसे शादी कर लेंगे, लेकिन मधुबाला ने कहा, 'मैं तुमसे शादी कर लूंगी, बस घर आ जाओ और पिता जी से माफी मांग कर उनको गले लगा लो।'
मधुर कहती हैं कि मधुबाला और दिलीप कुमार का 'इगो' था, जिसने उनके प्यार को बर्बाद कर दिया। हालांकि, पिता जी ने कभी भी नहीं कहा कि दिलीप कुमार से अपनी सगाई तोड़ दो और ना ही उन्होंने दिलीप कुमार से माफी मांगने को कहा।
मधुर कहती हैं, 'इसके बाद आपा किशोर कुमार के साथ इन्वॉल्व हो गईं, क्योंकि तब किशोर भी अपनी पत्नी रूमा देवी गुहा से तलाक ले चुके थे। मधुबाला और किशोर कुमार एक जैसे ही दौर से गुजर रहे थे और फिर दोनों एक-दूसरे के करीब आ गए। दोनों का अफेयर तीन साल चला, जो 'चलती का नाम गाड़ी', 'हॉफ टिकट' सरीखी फिल्मों के समय फलाफूला। साल 1960 में जब मधुबाला सिर्फ 27 साल की थीं, तो दोनों ने शादी कर ली। शादी के बाद दोनों लंदन गए, जहां डॉक्टर ने बताया कि मधुबाला सिर्फ दो साल ही और ज़िंदा पाएंगी। इसके बाद किशोर, मधुबाला को हमारे घर छोड़ने आए और कहा, 'मैं आउट डोर रहता हूं, तो इनकी देखभाल नहीं कर पाऊंगा।' लेकिन वो उनके साथ रहना चाहती थी। हर दो महीने में किशोर मिलने आया करते थे। शायद वो खुद को डिअटैच कर रहे हों, ताकि आखिरी वक्त में उनको तकलीफ न हो।'
किशोर कुमार के बारे में मधुर कहती हैं कि रिपोर्ट्स में बकवास छपा करता था। उन्होंने कभी भी मधुबाला को गाली नहीं दी, भला-बुरा नहीं कहा, जबकि वो तो उनकी दवाइयों का सारा खर्चा खुद उठाया करते ते। मधुबाला नौ सालों तक बिस्तर पर रही। वो काफी कमजोर हो गई थीं। वो हमेशा कहती थीं, 'मुझे ज़िंदा रहना है। मुझे मरना नहीं है। डॉक्टर कब इलाज निकालेंगे।'
मधुर आगे बताती हैं, '23 फरवरी 1969 को 36 साल की उम्र में उनका निधन हो गया। जब तक वो बीमार रही, तब तक भाईजान (दिलीप कुमार) कभी उस से मिलने नहीं आए, लेकिन निधन के बाद वो आखिरी विदाई देने के लिए मद्रास से मुंबई आए और कब्रिस्तान गए। उनके घर से हमारे घर तीन दिनों तक खाना आता रहा (यह एक तरीके का रिवाज़ है)।'
बाकी की कहानी आप इस थ्रेड पर जाकर पढ़ सकते हैं।
Madhubala's tragic life as narrated by her sister (a thread):— Yaser Khan (@greeneyedabyss) May 1, 2020
Apa first fell in love with Premnath. The relationship lasted six months. It broke on grounds of religion. He asked her to convert and she refused. The next relationship was with Dilip Kumar. pic.twitter.com/QXSMezKCRI
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