'रामायण' की शूटिंग में 'दाढ़ी-मूंछ' के कारण हो रही थी देरी
धारावाहिक 'रामायण' के 'लक्ष्मण' सुनील लहरी ने बताया कि जब एक एपिसोड में भीड़ कम पड़ गई, तब कलाकारों से मिलने आए प्रशंसकों से भीड़ का काम करवा लिया गया। वहीं इसी एपिसोड में एक कलाकार के 'दाढ़ा-मूंछ' की वजह से काफी दिक्कतें हुईं।
रामानंद सागर की 'रामायण' दूरदर्शन के बाद अब स्टार प्लस पर प्रसारित हो रहा है। इस दौरान धारावाहिक 'रामायण' में 'लक्ष्मण' की भूमिका निभाने वाले सुनील लहरी ने 'बिहाइंड द सीन' नाम से एक सीरीज़ शुरू की है, जो हर एपिसोड के बाद उस एपिसोड से जुड़े दिलचस्प क़िस्से अपने सोशल मीडिया पर शेयर करते हैं।
इसी कड़ी में उन्होंने एपिसोड दस और ग्यारह के दौरान हुए कुछ दिलचस्प क़िस्से सुनाए।
'वनवास' सीन का पेंच
सुनील लहरी कहते हैं, 'जब हम लोग यानी राम-लक्ष्मण-सीता वन जाने वाले थे, तब रथ आता है। अब जब रथ खाली था, तो उसमें लगा घोड़ा रूक ही नहीं रहा था। जब हम लोग रथ में बैठे, तब रथ का घोड़ा चलने को ही तैयार नहीं थे। फिर रथ का मालिक घोड़े को खींच कर लेकर गया था। शॉट में भी यह दिखता है, यदि आप नोटिस करेंगे कि किस तरह रथ का मालिक रथ को खींच कर ले जा रहा है।'
'दाढ़ी-मूंछ' की दिक्कत
सुनील दूसरा किस्सा शेयर करते हुए कहते हैं, 'उसी से जुड़ा दूसरा सीन है, जहां पर एक कैरेक्टर, जिसे दाढ़ी-मूंछ लगी है। वह बोलता है, 'हम राम जी को नहीं जाने देंगे। राम जी हमारे राजा हैं। रामजी जाएंगे तो हम भी जाएंगे। जहां भी रामजी रहेंगे हम वहां पर अपना राज बनाएंगे।' आपको भरोसा नहीं होगा कि उस कैरेक्टर की दाढ़ी-मूंछ बार-बार निकल जा रही थी। दाढ़ी-मूंछ निकलने की वजह से शॉट पूरा नहीं हो पा रहा था और लोगों को हंसी भी आ रही थी, तब रामानंद सागर जी के असिस्टेंट ने मेकअप दादा को बोला कि इसकी दाढ़ी ऐसे चिपकाओ कि ये नहाए तो भी न निकले। फिर दादा ने उसकी दाढ़ी को ठीक किया और शॉट कंप्लीट किया। दरअसल, गर्मी की वजह से उसकी दाढ़ी बार-बार निकल रही थी।'
प्रसंशकों का बनाया 'एक्सट्रा'
इस एपिसोड का तीसरा क़िस्सा शेयर करते हुए सुनील ने बताया, 'जब हम लोग नदी के पास पहुंचते हैं और राम कहते हैं कि आज हम लोग यहीं रुकेंगे। कल सबेरे फिर आगे की यात्रा करेंगे। उस सीन के लिए काफी भीड़ चाहिए थी, लेकिन लोग मिल नहीं रहे थे। तब तक 'रामायण' काफी लोकप्रिय हो गई थी और तब कलाकारों से मिलने लोग बसों में भर कर सेट पर आने लगे थे। उस दिन भी ऐसा ही था कि लोग कलाकारों से मिलने आए हुए थे। भीड़ न मिलने की वजह से मेकर्स ने प्रशंसकों से इस सीन में सहयोग करने को कहा और उन सबको जमीन पर लेट जाने को कहा। इस तरह से वह सीन शूट किया गया।'
'कुलटा' नहीं बोल पा रहे थे सुनील लहरी
वहीं दसवें एपिसोड से जुड़े किस्से को सुनाते हुए उन्होंने कहा, 'मेरे और अरुणजी बीच यानी राम-लक्ष्मण के बीच बहुत तनावपूर्ण सीन था। जब माता कैकेई हमको वनवास जाने के लिए कह देती हैं। तब मैं कहता हूं कि मैं उस 'कुलटा' नारी को माता नहीं कहूंगा, लेकिन मेरे मुंह से 'कुलटा' की जगह 'कुलता-कुलता' निकल रहा था। इस चक्कर में सब लोगों को खूब हंसी आ गई और तनावपूर्ण माहौल एकदम हल्का-फुल्का हो गया।'
सुनील की माने, तो सेट पर अक्सर बिजली चली जाती थी, जिसकी वजह से भी तनाव का महौल हो जाता था। उस दिन भी कुछ ऐसी ही स्थिति बनी थी। एपिसोड की शूटिंग को पहले से ही देर हो चुकी थी। वहीं दूरदर्शन को एपिसोड भेजना था, जिसमें बिलकुल भी देरी नहीं की जा सकती थी।
खाने से गंदा हो गया कॉस्ट्यूम
'रामायण' की शूटिंग लगातार चल रही थी और लंच ब्रेक में देरी हो रही थी। ऐसे में सुनील लहरी को ज़ोर से भूख लग रही थी, तो उन्होंने रामानंद सागर से खाना खाने जाने की इजाजत मांगी। इस पर सागर ने उन्हें सेट पर ही खाना मंगाने की सलाह दी।
खाने आने पर सुनील ने खाना खाना शुरू ही किया था कि एक स्पॉटबॉय ने अनजाने में वहां रखे बड़े-बड़े पंखों की दिशा उनकी ओर कर दी और पूरा खाना उड़कर उनके ऊपर पहुंच गया। इससे सुनील का कॉस्टयूम खराब हो गया। फिर जब तक कॉस्टयूम साफ होकर नहीं आया, तब तक शो की शूटिंग रुकी रही।
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