सत्यजीत रे की 'द एलियन' की कहानी किसने चुराई?
स्टीवन स्पीलबर्ग की फिल्म 'ई टी द एक्स्ट्रा टेरेस्ट्रियल' सत्यजीत रे की स्क्रिप्ट 'द एलियन' की नकल कही जाती है। सत्यजीत ने अपनी लिखी बंगाली शॉर्ट स्टोरी 'बांकू बाबूर बंधू' पर 'द एलियन' नाम से स्क्रिप्ट लिखी और हॉलीवुड के कोलंबिया पिक्चर्स को भेजी। इसके बाद सत्यजीत रे के साथ एक धोखा हुआ और फिर पलट कर उन्होंने इस स्क्रिप्ट पर बात करना बंद कर दिया।
स्क्रीनराइटर, फिल्ममेकर, ग्राफिक आर्टिस्ट, म्यूज़िक कंपोज़र, लेखक और कुल मिलाकर बीसवीं सदी के सबसे बड़े फिल्मकारों में से एक सत्यजीत रे का जन्म 2 मई 1921 में हुआ था। यह साल उनकी जन्मशती वर्ष के रूप में मनाया जा रहा है।
इस ख़ास मौक़े पर उनके साथ हुए एक धोखे की बात करते हैं। यह धोखा ऐसा धोखा था, जो अब जगजाहिर है। सत्यजीत के रहते ही इस धोखे का पर्दाफाश हुआ, लेकिन सत्यजीत रे उन लोगों में से हैं, जो बीते हुए को नहीं सोचते थे। लिहाजा, इस बात को भी उन्होंने छोड़ कर आगे बढ़ जाना ही बेहतर समझा।
यह अनकही कहानी उस पहली भारतीय साई-फाई फिल्म 'द एलियन' की है, जो सिर्फ स्क्रिप्ट के रूप में रही, कभी भी पर्दे पर नहीं आ पाई और जब पर्दे पर यह फिल्म की शक्ल में उतरी, तो उसके निर्देशक बने स्टीवन स्पीलबर्ग।
अरसे तक 'एलियन' को एक ऐसे जीव के रूप में देखा गया, जो मानव जाति का नाश करने वाला होता है। दूसरे ग्रह से आया यह प्राणी पृथ्वीवासियों विनाश करने के मकसद से ही आता था। वह स्टीवन स्पीलबर्ग थे, जिन्होंने साल 1982 में 'ई टी द एक्स्ट्रा टेरेस्ट्रिलयल' नाम की फिल्म के जरिये बताया कि 'एलियन' सिर्फ दुश्मन नहीं, बल्कि दोस्त भी सकते हैं।
स्टीवन स्पीलबर्ग की यह फिल्म रिलीज़ होते ही छा गई। सबसे ज्यादा कमाई करने वाली अमेरिकन फिल्म बनी और ग्यारह साल तक यह रिकॉर्ड इस फिल्म के नाम रहा, जब तक स्पीलबर्ग की अगली फिल्म 'जुरासिक पार्क', जो साल 1993 में रिलीज़ नहीं हुई।
वहीं फिल्म 'ई टी' एलियट नाम के लड़के की कहानी है, जिसकी दोस्ती दूसरे ग्रह से आए जीव से हो जाती है। एलियट इस परग्रही को अपनी मां और सरकार से बचाने की कोशिश में लगा रहता है और आखिरकार उसे उस परग्रही के ग्रह पर भेजने में कामयाब हो जाता है।
अब आप 'ई टी' और राकेश रोशन की फिल्म 'कोई मिल गया' में समानता खोजने बैठ जाए, उससे पहले 'ई टी' से जुड़े बड़े विवाद को भी जान लीजिए।
स्पीलबर्ग की 'ई टी' पर आरोप है कि सत्यजीत रे की साल 1967 में लिखी स्क्रिप्ट 'द एलियन' को चुरा कर उन्होंने यह फिल्म बनाई। कहा जाता है कि जब स्क्रिप्ट फिल्म की शक्ल में नहीं उतर पाई, तो इसकी कई कॉपियां हॉलीवुड के कई फिल्ममेकर्स और प्रोडक्शन हाउसेस में बांटी गईं।
ख़ैर, सत्यजीत रे को जब पहली भारतीय साई-फाई फिल्म बनाने का आइडिया आया, तो उन्होंने अपने दोस्त साई-फाई लेखक आर्थर सी क्लार्क से मश्विरा किया। इस फिल्म की स्क्रिप्ट रे की लिखी बंगाली शॉर्ट मूवी 'बांकू बाबूर बंधू' पर बेस्ड थी। रे की यह लघु कथा उनकी फैमिली मैगज़ीन 'संदेश' में साल 1962 में छपी थी।
'बांकू बाबूर बंधू' में बंगाल के एक छोटे से गांव में तालाब के पास एक परग्रही विमान उतरता है। चावल की फसल एकाएक पक जाती है। लोग इसे चमत्कार मानने लगते हैं और स्पेसशिप को मंदिर समझकर पूजने लगते हैं। स्पेसशिप के साथ एक एलियन भी आया होता है, जिसकी अपनी कुछ विशेषताएं रहती हैं। वह हंसी-मज़ाक करने वाला जीव है। बाद में वह और गांव के एक बच्चे 'हबा' से मिलता है। इसके बाद उस बच्चे के साथ मिलकर गांव वालों के साथ हंसी-मज़ाक भरे प्रैंक करता है।
अब जब क्लार्क से सत्यजीत ने इस शॉर्ट स्टोरी पर स्क्रिप्ट लिखने का बारे में बात की, तो क्लार्क ने इसे सराहा और कहा कि जल्दी से जल्दी इसे लिखो। सत्यजीत रे ने इसकी स्क्रिप्ट साल 1967 में लिखी और हॉलीवुड की कोलंबिया पिक्चर्स को भेजा।
'द एलियन' नाम से लिखी इस साइंस-फिक्शन प्रोजेक्ट को हॉलीवुड स्टूडियो कोलंबिया पिक्चर्स ने प्रोड्यूस करने का फैसला कर लिया। इस फिल्म के लिए मार्लन ब्रांडो और पीटर सेलर्स जैसे कलाकारों से बातचीत शुरू हो चुकी थी और दोनों कलाकारों ने इस फिल्म के लिए दिलचस्पी भी जता दी थी।
अब यहां सत्यजीत रे के साथ उनके ही एजेंट ने धोखा कर दिया। दरअसल, सत्यजीत रे ने अपनी इस स्क्रिप्ट को रजिस्टर नहीं करवाया था। ऐसे में उनके एजेंट माइक विल्सन ने अमेरिका में इस स्क्रिप्ट का कॉपीराइट करवा लिया और इसके राइटर्स में पहला नाम अपना और दूसरा नाम सत्यजीत रे का लिखवा दिया, जबकि स्क्रिप्ट पूरी तरह से रे ने ही लिखी थी।
मामला यहीं नहीं थमा बल्कि माइक विल्सन ने खुद को एसोसिएट प्रोड्यूसर बना दिया और रे से मंजूरी भी नहीं ली। कोलंबिया पिक्चर्स से पैसा ले लिए, जिसकी जानकारी भी सत्यजीत रे को नहीं दी। विल्सन के इस धोखे के बारे में जानकारी मिलते ही सत्यजीत रे काफी दुखी हो गए और भारत वापस लौट आए।
हालांकि, बाद में एक इंटरव्यू में सत्यजीत रे ने कहा था, 'यदि मुझे उस आदमी ने धोखा न दिया होता और ये वाकया न हुआ होता, तो मैंने अमेरिका में अपनी तरह की पहली साइंस फिक्शन फिल्म बनाई होती।'
अब कुछ सालों के बाद जब 'ई टी' रिलीज़ हुई, तो सत्यजीत रे की 'द एलियन' से काफी समानताएं थीं। अब जब सत्यजीत रे से इस बारे में पूछा गया, तो उन्होंने कहा, 'स्पीलबर्ग की यह फिल्म संभव नहीं होती, यदि मेरी स्क्रिप्ट 'द एलियन' की कॉपियां पूरे अमेरिका में मौजूद न होती।'
इसके जवाब में स्पीलबर्ग ने कहा, 'सत्यजीत रे को कोई जाकर बताये कि जब उनकी फिल्म की स्क्रिप्ट हॉलीवुड में वितरित की जा रही थी तब मैं हाई स्कूल में था।'
स्पीलबर्ग का यह दावा झूठा था, क्योंकि जब रे हॉलीवुड में जाकर अपनी फिल्म पर काम कर रहे थे, तब तक स्पीलबर्ग हाई स्कूल से निकल चुके थे और कई छोटी नौसिखिया फिल्में भी बना चुके थे। यहां तक कि उसी साल 1967 में वे अपनी शॉर्ट फिल्म 'एंबलिन' पर भी काम कर रहे थे, जो अगले साल रिलीज हुई।
दूसरा तथ्य यह है कि साल 1977 में आई स्पीलबर्ग की एलियन मूवी 'क्लोज़ एनकाउंटर्स ऑफ द थर्ड काइंड' उसी कोलंबिया पिक्चर्स ने डिस्ट्रिब्यूट की थी, जिसके पास सत्यजीत रे की 'द एलियन' की स्क्रिप्ट थी। बाद में जब उन्होंने 'ई टी' बनानी शुरू की, तो शुरुआत में कोलंबिया पिक्चर्स ने ही फिल्म में पैसा लगाया था। बाद में यूनिवर्सल पिक्चर्स इस फिल्म से जुड़ा।
सत्यजीत रे की 'द एलियन' से पहले हॉलीवुड में एलियन को आक्रामक ही दिखाया गया। वहीं सत्यजीत रे और स्टीवन स्पीलबर्ग की फिल्म में एलियन की दोस्ती बच्चे से ही होती है। एक तरह की सोच दो दिमाग़ में आ सकती है, लेकिन इतनी समानता, संभव नहीं है।
अब वो भले ही न माने, लेकिन उनके समकालीन निर्देशक मार्टिन स्कॉरसेजी ने भी पुष्ट किया कि स्पीलबर्ग की फिल्म राय की 'द एलियन' पर बेस्ड थी। उन्होंने कहा, 'मुझे यह कहने में कोई डर नहीं है कि स्पीलबर्ग की 'ई टी', रे की 'द एलियन' से ही बेस्ड थी।'
यही नहीं जिन आर्थर सी क्लार्क ने सत्यजीत रे से हॉलीवुड जाकर 'द एलियन' बनाने को कहा था, उन्होंने भी 'ई टी' देखने के बाद कहा कि दोनों कहानियों में काफी समानता है। यहां तक कि उन्होंने रे की स्क्रिप्ट से इसकी समनाताएं गिनाई थीं।
हालांकि, सिर्फ आरोप लगते रहे। स्पीलबर्ग के खिलाफ कोई एक्शन नहीं लिया गया। बल्कि आखिरकार उनकी तारीफ करके इस विवाद के अध्याय को हमेशा के लिए बंद कर दिया गया।
सत्यजीत रे ने अपने 'द एलियन' के बारे में कहा था, 'मेरे 'एलियन' का लुक ज्यादा रोचक था। उसकी आंखें नहीं थी, सिर्फ गोले थे। वो भारहीन होकर चलता था। उसमें एक सेंस ऑफ ह्यूमर था। वो खिलंदड़ था। उसमें ज्यादा फैंटेसी थी। ख़ैर, स्पीलबर्ग की फिल्म में बच्चे अनूठे हैं। स्पीलबर्ग में वाकई यह टैलेंट है। मुझे नहीं पता मैं इतने अच्छे से कर पाता या नहीं।'
राकेश रोशन ने अपने बेटे ऋतिक को लेकर 'कोई मिल गया' बनाई, जिसे 'ई टी' से प्रेरित बताया गया, लेकिन यह फिल्म 'द एलियन' से काफी मिलती है, क्योंकि दोनों में एलियन की दोस्ती भोले-भाले लड़कों से होती है।
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