नर्गिस को सुनील दत्त ने शादी के लिए यूं किया था प्रपोज़
नर्गिस दत्त बॉलीवुड का पहली अभिनेत्री रहीं, जिन्हें राज्यसभा के लिए चुनी गई और पद्मश्री पुरस्कार से सम्मानित किया गया। 3 मई 1981 में पैन्क्रीऐटिक कैंसर से उनका निधन हो गया। नर्गिस अपने बेटे संजय दत्त की डेब्यू फिल्म देखना चाहती थीं, लेकिन फिल्म के प्रीमियर के चार दिन पहले ही नर्गिस की सांसे थम गईं। हालांकि, प्रीमियर में नर्गिस के नाम की कुर्सी को खाली छोड़ दिया गया था।
नर्गिस को बॉलीवुड की टॉमबॉय अभिनेत्री कहा जाता है। उन्होंने राज कपूर के साथ साल 1948 से लेकर साल 1959 तक में कुल 15 फिल्में की थी। राज कपूर के साथ नर्गिस की ऑनस्क्रीन और ऑफस्क्रीन जोड़ी को खूब पसंद किया जाता था।
नर्गिस ने राज कपूर के साथ अपने अफेयर को स्वीकारा भी, लेकिन राज कपूर इस रिश्ते को आगे नहीं बढ़ाना चाहते थे। दरअसल, राज कपूर अपनी पत्नी को नहीं छोड़ सकते थे। ऐसे में नर्गिस को राज कपूर के साथ अपना भविष्य नज़र नहीं आया और उन्होंने राज कपूर से अपना रिश्ता हमेशा के लिए खत्म कर दिया।
इस रिश्ते के टूटने के बाद नर्गिस डिप्रेशन में जा रही थीं कि उनकी ज़िंदगी में सुनील दत्त आए। सुनील दत्त, नर्गिस की अच्छाईयों पर मर मिटे। उनका केयरिंग नेचर सुनील को काफी पसंद आया। इसका भी एक किस्सा है।
सुनील दत्त की बहन को गले में गांठ थी, जिसके लिए वो मुंबई आई हुई थी। ऐसे ही एक दिन वो सेट पर भी आईं। तभी वहां से नर्गिस भी गुजरी और सुनील से हाय-हैलो करते हुए उनकी बहन के बारे में पूछा। उस दौरान सुनील दत्त अपने स्ट्रगलिंग फेज में ही थे, तो उन्होंने सब कुछ नर्गिस से कह दिया।
सुनील के लिए यह बेहद आम सी बात रही और बात आई गई हो गई। अब एक-दो दिन शूट से वापस घर पहुंचे, तो उनकी बहन ने बताया कि कल गले का ऑपरेशन है। सुनील सोचने लगे कि ऐसे कैसे हो सकता है।
फिर अपनी बहन से पूरा मामला पूछा, तो पता चला कि नर्गिस एक डॉक्टर को अपने साथ लेकर आई थी और उन्हीं की वजह से यह हुआ। ऑपरेशन हुआ और सफल रहा। अब सुनील दत्त की बहन अच्छी हो गई।
नर्गिस का बिना कुछ कहे इस तरह से फिक्र दिखा देना और केयर करने की अदा सुनील को काफी पसंद आ गई। अब वो नर्गिस के दीवाने तो यूं भी थे, लेकिन इसके बाद उनके साथ घर बसाने के सपने देखने लगे। अपने सपने को पूरा करने के लिए उनको नर्गिस को प्रपोज़ तो करना होगा। इसके लिए उन्होंने हिम्मत जुटाई।
सुनील दत्त ने एक इंटरव्यू में अपने प्रपोजल के बारे में खुलकर बताया था। उन्होंने कहा था, 'एक दिन वो मेरे यहां आईं और जब जाने लगीं तो मैंने कहा, 'चलिए मैं आपको घर छोड़ देता हूं।' इसके बाद हम फिएट कार से नेपियन सी रोड होते हुए बालकेश्वर रोड पहुंचे। फिर मैंने काफी हिम्मत जुटाते हुए उनसे कहा, 'मैं आपसे कुछ कहना चाहता हूं।' वो बोलीं, 'हां बिरजू बताओ।' मैंने उनसे सीधे कहा, 'क्या आप मुझसे शादी करेंगी?' इसके बाद कार में सुई पटक सन्नाटा हो गया। थोड़ी देर बाद उनका घर आ गया और वो बिना जवाब दिए चली गईं। इसके बाद मैं सोचने लगा कि यदि नरगिस जी ने न कहा तो मैं फिल्म इंडस्ट्री छोड़कर अपने गांव चला जाऊंगा और खेती करूंगा।'
सुनील दत्त आगे कहते हैं, 'कुछ समय बाद एक रोज मैं घर पहुंचा, तो मेरी बहन मुस्करा रही थी। मैंने उससे पूछा क्या हुआ, तो पंजाबी में बोली, 'पाजी, आपने मुझसे क्यों छुपाया।' मैंने कहा, 'क्यों, क्या छुपाया मैंने तुमसे?' इस पर वो बोली, 'नरगिस जी मान गई हैं।' मैंने कहा, 'क्या मान गई हैं।' वो बोली, अब आप चुप ही रहो, जो आपने कहा था वो मान गई हैं।'
इसके बाद 11 मार्च 1958 को नर्गिस और सुनील दत्त ने शादी कर ली। दोनों के तीन बच्चे (संजय, नम्रता और प्रिया दत्त) हुए। 3 मई 1981 को बेटे संजय दत्त की पहली फिल्म 'रॉकी' की रिलीज से 4 दिन पहले नरगिस का कैंसर से निधन हो गया था।
वहीं बता दें कि नर्गिस, सुनील दत्त को 'बिरजू' कहती थीं, जबकि सुनील दत्त उनको 'पिया' कहते थे। इसके अलावा चिट्ठियों में एक-दूसरे को यह मर्लिन मुनरो और एल्विस प्रिसले भी कहते थे। साथ में 'डार्लिंग जी' का संबोधन भी एक-दूसरे के लिए इस्तेमाल करते थे।
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