'आनंद', 'रजनीगंधा', 'छोटी सी बात' सरीखी फिल्मों के गीतकार योगेश गौड़ का निधन
फिल्म 'आनंद', 'छोटी सी बात', 'रजनीगंधा', 'बातों बातों में' जैसी फिल्मों को अपनी गीतों से सजाने वाले गीतकार योगेश गौड़ का मुंबई में निधन हो गया। सत्तर-अस्सी के दशक में अपनी गीतों से अलग पहचान बनाने वाले योगेश का जन्म लखनऊ में साल 1943 में हुआ था।
बॉलीवुड के वरिष्ट गीतकार योगेश गौड़ का 77 वर्ष की आयु में निधन हो गया। मुंबई के अपने आवास पर उन्होंने अपनी आखिरी सांस लीं। योगेश काफी समय से बीमार चल रहे थे। डायबटीज़ के चलते कुछ साल पहले उनका किडनी संबंधित ऑपरेशन भी हुआ था।
ऋषिकेश मुखर्जी के निर्देशन में बनी फिल्म 'आनंद' के लिए योगेश द्वारा लिखे गए गीत 'दूर कहीं जब दिन ढल जाए' और 'जिंदगी कैसी है पहेली हाय' आज भी लोगों संगीत प्रेमियों में काफी लोकप्रिय है।
वहीं बासु चटर्जी के निर्देशन में फिल्म 'रजनीगंधा', 'छोटी सी बात' के लिए भी गाने योगेश ने ही लिखे थे और इन फिल्मों के गाने भी संगीत प्रेमियों के दिल के काफी करीब हैं।
रोचक बात यह है कि 'आनंद', 'रजनीगंधा', 'छोटी सी बात' तीनों फिल्मों में संगीत सलिल चौधरी ने दिया था।
गीतकार योगेश के निधन की ख़बर मिलते ही स्वरकोकिला लता मंगेशकर ने ट्वीट कर उन्हें श्रद्धांजलि देते हुए लिखा, 'मुझे अभी पता चला है कि दिल को छूने वाले गीत लिखने वाले योगेश जी का आज स्वर्गवास हुआ है। यह सुनकर मुझे बहुत दुख हुआ। योगेशजी के लिखे गीत मैंने गाये हैं। योगेश जी बेहद शांत और मधुर स्वभाव ने इंसान थे। मैं उनको विनम्र श्रद्धांजलि अर्पित करती हूं।'
एक्टर-प्रोड्यूसर निखिल द्विवेदी ने ट्वीट पर राजेश खन्ना और अमिताभ बच्चन स्टारर फिल्म आनंद का गीत कहीं दूर जब दिन ढल जाए शेयर किया। इसके साथ ही निखिल ने लिखा, 'आप अपनी ही तरह के व्यक्ति थे। आप जिस चीज के हकदार थे, हम वो आपको कभी नहीं दे पाए। आपका हर गीत हमेशा जिंदा रहेगा। आप मेरे फेवरेट रहेंगे।'
गीतकार योगेश की जीवनी
लखनऊ में 19 मार्च 1943 को जन्मे गीतकार योगेश ने 60-70 के दौर में कई बेहतरीन गीत हिंदी सिनेमा को दिए। इनमें 'आनंद' फिल्म के गीत 'कहीं दूर जब दिन ढल जाए' और 'जिंदगी कैसी है पहेली' जैसे गीत शामिल हैं। योगेश ने अपने करियर की शुरुआत साल 1962 में आई फिल्म 'सखी रॉबिन' की थी। इस फिल्म के लिए उन्होंने 6 गाने लिखे थे। इसके अलावा उन्होंन ने 'एक रात', 'मंजिलें और भी हैं', 'आजा मेरी जान', 'प्रियतमा', 'दिल्लगी', 'पंसद अपनी अपनी', 'हनीमून', 'अपने-पराये', 'लाखों की बात', 'किरायेदार' जैसी कई फिल्मों के लिए गीत लिखे थे। योगेश की आखिरी बड़ी रिलीज फिल्म 'बेवफा सनम' थी। योगेश गौर ने फिल्मों के अलावा कुछ धारावाहिकों के लिए भी लेखन किया था।
अपने लेखन के बारे में एक इंटरव्यू में उन्होंने कहा था, 'जो देखा था, जो जीता था, वही लिखा है। मैंने हमेशा अपने आस-पास के लोगों के बारे में लिखा।'