अमरीश पुरी के दमदार डायलॉग

अमरीश पुरी जब रुपहले पर्दे पर 'विलेन' के रूप में आते थे, तो दर्शकों के दिल की धड़कने तेज़ रफ्तार हो जाती थीं। बड़ी-बड़ी आंखों में तैरता गुस्सा-नफरत और कड़क रौबदार आवाज़ में बोला गया डायलॉग, फिल्म की इंटेसिटी को एक अलग लेवल पर ही ले जाता था। उनके कई डायलॉग तो ऐसे हैं, जो दर्शकों को आज भी याद हैं। फिर आइए एक नज़र उनके बेहतरीन डायलॉग्स पर...

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'मिस्टर इंडिया', 'घातक', 'दामिनी', 'करण अर्जुन', 'दिल वाले दुल्हनिया ले जाएंगे', 'शहंशाह', 'ऐतराज' आदि फिल्मों में भले ही 'हीरो' की भूमिका में सुपरस्टार रहे हों, लेकिन इन फिल्मों में बतौर 'विलेन' नज़र आए अमरीश पुरी से सब कमतर ही लगे। 

उनकी रौबदार आवाज़ में बोले गए डॉयलॉग्स और बड़ी-बड़ी आंखों से बरसता क्रोध का अंगारा। कॉम्बिनेशन ऐसा कि ऑडियंस की हार्टबीट डबल स्पीड से दौड़ने लगे। 

आज अमरीश पुरी की सालगिरह है, तो फिर चलिए उनके कुछ चुनिंदा और यादगार डायलॉग्स पर डालते हैं एक नज़र...

शहंशाह

  • टिप बाद में देना तो एक रिवाज़ है, पहले देना अच्छी सर्विस की गारंटी होती है।
  •  जब भी मैं किसी गोरी हसीना को देखता हूं, मेरे दिल में सैकड़ों काले कुत्ते दौड़ने लगते हैं।

करण-अर्जुन

  • मैं तो समझता था कि दुनिया में मुझसे बड़ा कमीना और कोई नहीं है, लेकिन तुमने ऐन मौके पर ऐसा कमीनापन दिखाया कि हम तुम्हारे कमीनेपन के गुलाम हो गए हैं। 
  • पैसों के मामले में मैं पैदाइशी कमीना हूं, दोस्ती और दुश्मनी का क्या, अपनों का खून भी पानी की तरह बहा देता हूं।
  • अपने रास्ते से कांटों को हटा देना और दुश्मनों को मिटा देना, हमारे खानदान की परंपरा रही है।

 ऐतराज

  • आदमी के पास दिमाग़ हो, तो अपना दर्द भी बेच सकता है।

मिस्टर इंडिया

  • मोगैंबो खुश हुआ।

दामिनी

  • ये अदालत है, कोई मंदिर या दरगाह नहीं जहां मन्नतें और मुरादें पूरी होती हैं। यहां धूप बत्ती और नारियल नहीं,बल्कि ठोस सबूत और गवाह पेश किए जाते हैं।

 इरादा

  • ग़लती एक बार होती है, दो बार होती है, तीसरी बार इरादा होता है।

 फूल और कांटे

  • अपनी किसी प्यारी चीज पर जब चोट का अहसास लगता है, तो दिल में दर्द जाग उठता है।
  • जवानी में अक्सर ब्रेक फेल हो जाया करते हैं ।

 दीवाना

  • दुनिया की नजर में मरे हुए लोग कभी जिंदा नहीं हुए नहीं तो जिंदगी परेशान हो जाती।

 मुकद्दर का सिकंदर

  • नए जूतों की तरह शुरू में नए अफसर भी काटते हैं।

दिलवाले दुल्हनिया ले जाएंगे

  •  जा सिमरन जा जी ले अपनी जिंदगी। 

 नायक 

  • जिंदगी में भी वीसीआर की तरह रिवाइंड बटन होता तो, कितना अच्छा होता। 
  • अच्छा इंटरव्यू था वो। 

गदर 

अगर हम हिंदुस्तान की जमीन पर पांव रखते तो हजारों जख्म उभर आते। 

दिलजले

  •  प्रेमी है, पागल है, दीवानी है। 

विश्वात्मा

  • अजगर किसे, कब और कहां निगल जाता है, ये तो मरने वाले को भी पता नहीं चलता। 

 गर्व

  • तबादलों से इलाके बदलते हैं इरादे नहीं।

 घायल

  • जो जिंदगी मुझसे टकराती है, वो सिसक-सिसक के दम तोड़ती है।
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