Aarya Review: परफेक्ट की फिनिश लाइन से पहले ही थम गई 'आर्या'
सुष्मिता सेन लंबे अंतराल के बाद वापसी कर रही हैं। अपनी वापसी के लिए उन्होंने डिज़्नी प्लस हॉटस्टार की वेब सीरीज़ 'आर्या' को चुना है। कमबैक के साथ सुष्मिता का यह डिजिटल डेब्यू भी है। क्राइम और थ्रिलर से पैक्ड इस सीरीज़ में सुष्मिता सेन के अलावा और क्या-क्या आकर्षण है, जिसके लिए इस वेब सीरीज़ को देखा जाए। आइए जानते हैं...
वेब सीरीज़ : आर्या
क्रियेटर : राम माधवानी
प्रोड्यूसर्स : राम माधवानी, संदीप मोदी, विनोद रावत
कलाकार : सुष्मिता सेन, सिकंदर खेर, चंद्रचूड़ सिंह, नमित दास, मनीष चौधरी, अंकुर भाटिया, जयंत कृपलानी, फ्लोरा सैनी, विकास कुमार, मनीष चौधरी, एलेक्स ओनील
राइटर : संदीप श्रीवास्तव, अनु सिंह चौधरी
ओटीटी : डिज्नी प्लस हॉट स्टार
एपिसोड : दस
रेटिंग : 3/5
'नीरजा' बनाने वाले राम माधवानी ने सुष्मिता सेन को लेकर 'आर्या' बनाई है। डच वेब सीरीज़ 'पेनोज़ा' की ऑफिशियल रीमेक है। इस सीरीज़ में सुष्मिता के साथ चंद्रचूड़ सिंह भी वापसी कर रहे हैं। इस क्राइम-थ्रिलर वेब सीरीज़ में क्या कुछ ख़ास है, चलिए शुरू करते हैं समीक्षा।
अब जहां संग्राम और जवाहर अफीम से आगे बढ़कर हेरोइन के बिजनेस में उतरना चाहते हैं। हालांकि, तेज इसके लिए तैयार नहीं है, क्योंकि इस बिजनेस में पहले से शेखावत नाम का बड़ा क्रिमिनल शामिल है। वहीं, आर्या चाहती है कि उसके बच्चों पर इसका असर ना पड़े और वह तेज पर बिजनेस से बाहर आने का दवाब बनाती है। तेज इसके लिए तैयार हो जाता है, लेकिन इसी बीच उसका भाई संग्राम पकड़ा जाता है और तेज को गोली मार दी जाती है। आर्या को कई लोगों से धमकियां मिलने लगती हैं। लोग पैसे मांगने लगते हैं।
वहीं, आर्या इस बात को भी जानना चाहती है कि उसके पति का हत्यारा कौन है? साथ ही नॉरकॉटिक्स डिपॉर्टमेंट भी उसके पीछे पड़ी है। अपने बच्चों को बचाने के लिए आर्या आखिरकार इस दलदल में उतर जाती है। क्या वह अपने बच्चों को बचा पाती है? क्या वह अपने पति के कातिल को खोज पाएगी? इन सवालों के जवाब जानने के लिए आपको वेब सीरीज देखनी होगी।
चंद्रचूड़ सिंह, सुष्मिता के ऑन स्क्रीन पति तेज की भूमिका में हैं, स्क्रीन पर काफी कम समय के लिए वो रहे। हालांकि, सुष्मिता के सामने वो थोड़े कमतर लगे, लेकिन उनका कमतर लगना सुष्मिता के किरदार को प्रभावी बना देता है। इन दोनों के अलावा सिंकदर खेर भी भी खास किरदार में हैं, लेकिन उनके हिस्से ज्यादा डायलॉग्स नहीं हैं।
इसके अलावा आर्या के ऑन स्क्रीन बच्चों का किरादर निभाने वाले वृति, वीरेन और प्रत्यक्ष पंवार की परफॉर्मेंस भी इम्फैक्ट फुल है।
नमित दास के किरदार थोड़ा ढीला छोड़ दिया गया है। नमित बेहतरीन कलाकार हैं, उनके किरदार पर और काम होना चाहिए था, ताकि वो उभर कर आते। अंकुर भाटिया और मनीष चौधरी ने भी ठीक ठाक काम किया है।
एक्टिंग के बाद एडिटिंग की बात करें, तो शुरुआत के कुछ एपिसोड स्लो हैं। हालांकि, बाद में यह स्पीड पकड़ लेते है और आपको अंत तक बांधकर रखती है। यह वेब सीरीज़ ही लगती है। किसी एक फिल्म को तोड़ कर पांच भागों में बांटी गई फिल्म नहीं लगती है। किसी विदेशी वेब सीरीज को भारतीय पृष्ठभूमि में उतारने में लेखक कामयाब हुए हैं। कई अलग-अलग स्तर पर घट रही कहानी आपको बोझिल नहीं लगती है।
राम माधवानी का निर्देशन इंप्रेसिव है। विदेशी सीरीज को भारतीय परिवेश में उतारना इतना आसान काम नहीं है। हालांकि, निर्देशक राम माधवानी, संदीप मोदी और विनोद रावत इसमें सफल रहे हैं। वहीं अन्य क्राइम सीरीज की तरह इसमें आपको बेज़ा गाली-गलौज़ नहीं मिलेगी। ऐसा कहीं नहीं लगता है कि जबरदस्ती गाली को ठूंसकर इसे उतकृष्ट बनाने की कोशिश की गई हो।
म्यूज़िक के मामले में यह वेब सीरीज़ गच्चा खा गई है। बीच में कुछ कविताएं कहने की कोशिश की गई हैं। हालांकि, वह आपको कनेक्ट नहीं कर पाती है। बैकग्राउंड स्कोर भी औसत है।
क्रियेटर : राम माधवानी
प्रोड्यूसर्स : राम माधवानी, संदीप मोदी, विनोद रावत
कलाकार : सुष्मिता सेन, सिकंदर खेर, चंद्रचूड़ सिंह, नमित दास, मनीष चौधरी, अंकुर भाटिया, जयंत कृपलानी, फ्लोरा सैनी, विकास कुमार, मनीष चौधरी, एलेक्स ओनील
राइटर : संदीप श्रीवास्तव, अनु सिंह चौधरी
ओटीटी : डिज्नी प्लस हॉट स्टार
एपिसोड : दस
रेटिंग : 3/5
'नीरजा' बनाने वाले राम माधवानी ने सुष्मिता सेन को लेकर 'आर्या' बनाई है। डच वेब सीरीज़ 'पेनोज़ा' की ऑफिशियल रीमेक है। इस सीरीज़ में सुष्मिता के साथ चंद्रचूड़ सिंह भी वापसी कर रहे हैं। इस क्राइम-थ्रिलर वेब सीरीज़ में क्या कुछ ख़ास है, चलिए शुरू करते हैं समीक्षा।
कहानी
राजस्थान के बैकड्रॉप पर बुनी इस वेब सीरीज़ की कहानी कहानी आर्या सरीन ( सुष्मिता सेन) के इर्द-गिर्द बुनी गई है। रॉयल परिवार है। आर्या अपने पति तेज सरीन (चंद्रचूड़ सिंह ) के साथ बेहद खुश हैं। उसकी दुनिया अपने तीन बच्चों के बीच है। तेज घर जमाई है और सरीन परिवार का बिजनेस चला रहा है। गैर कानूनी अफीम और दवाइयों के बिजनेस में उसके दो और पार्टनर्स हैं। तेज के अलावा आर्या का भाई संग्राम (अंकुर भाटिया) और दोस्त जवाहर (नमित दास)। जाहिर है कारोबार है, तो सब कुछ ब्लैक एंड वाइट नहीं होगा, कुछ तो ग्रे भी होगा ही।अब जहां संग्राम और जवाहर अफीम से आगे बढ़कर हेरोइन के बिजनेस में उतरना चाहते हैं। हालांकि, तेज इसके लिए तैयार नहीं है, क्योंकि इस बिजनेस में पहले से शेखावत नाम का बड़ा क्रिमिनल शामिल है। वहीं, आर्या चाहती है कि उसके बच्चों पर इसका असर ना पड़े और वह तेज पर बिजनेस से बाहर आने का दवाब बनाती है। तेज इसके लिए तैयार हो जाता है, लेकिन इसी बीच उसका भाई संग्राम पकड़ा जाता है और तेज को गोली मार दी जाती है। आर्या को कई लोगों से धमकियां मिलने लगती हैं। लोग पैसे मांगने लगते हैं।
वहीं, आर्या इस बात को भी जानना चाहती है कि उसके पति का हत्यारा कौन है? साथ ही नॉरकॉटिक्स डिपॉर्टमेंट भी उसके पीछे पड़ी है। अपने बच्चों को बचाने के लिए आर्या आखिरकार इस दलदल में उतर जाती है। क्या वह अपने बच्चों को बचा पाती है? क्या वह अपने पति के कातिल को खोज पाएगी? इन सवालों के जवाब जानने के लिए आपको वेब सीरीज देखनी होगी।
समीक्षा
इस सीरीज़ सबसे पहला जिक्र सुष्मिता सेन का बनता है। उनकी फिटनेस और एक्टिंग ने कमाल कर दिया है। अपने किरदार में बखूबी जंचती हैं। लीड कैरेक्टर में है, तो जाहिर तौर पर स्क्रीन टाइम ज्यादा मिलना ही था और मिला भी। एक मां के इमोशंस और कारोबार की पेचीदगियों से समझने और सुलझाती वो प्रॉमिसिंग लगती हैं।चंद्रचूड़ सिंह, सुष्मिता के ऑन स्क्रीन पति तेज की भूमिका में हैं, स्क्रीन पर काफी कम समय के लिए वो रहे। हालांकि, सुष्मिता के सामने वो थोड़े कमतर लगे, लेकिन उनका कमतर लगना सुष्मिता के किरदार को प्रभावी बना देता है। इन दोनों के अलावा सिंकदर खेर भी भी खास किरदार में हैं, लेकिन उनके हिस्से ज्यादा डायलॉग्स नहीं हैं।
इसके अलावा आर्या के ऑन स्क्रीन बच्चों का किरादर निभाने वाले वृति, वीरेन और प्रत्यक्ष पंवार की परफॉर्मेंस भी इम्फैक्ट फुल है।
नमित दास के किरदार थोड़ा ढीला छोड़ दिया गया है। नमित बेहतरीन कलाकार हैं, उनके किरदार पर और काम होना चाहिए था, ताकि वो उभर कर आते। अंकुर भाटिया और मनीष चौधरी ने भी ठीक ठाक काम किया है।
एक्टिंग के बाद एडिटिंग की बात करें, तो शुरुआत के कुछ एपिसोड स्लो हैं। हालांकि, बाद में यह स्पीड पकड़ लेते है और आपको अंत तक बांधकर रखती है। यह वेब सीरीज़ ही लगती है। किसी एक फिल्म को तोड़ कर पांच भागों में बांटी गई फिल्म नहीं लगती है। किसी विदेशी वेब सीरीज को भारतीय पृष्ठभूमि में उतारने में लेखक कामयाब हुए हैं। कई अलग-अलग स्तर पर घट रही कहानी आपको बोझिल नहीं लगती है।
राम माधवानी का निर्देशन इंप्रेसिव है। विदेशी सीरीज को भारतीय परिवेश में उतारना इतना आसान काम नहीं है। हालांकि, निर्देशक राम माधवानी, संदीप मोदी और विनोद रावत इसमें सफल रहे हैं। वहीं अन्य क्राइम सीरीज की तरह इसमें आपको बेज़ा गाली-गलौज़ नहीं मिलेगी। ऐसा कहीं नहीं लगता है कि जबरदस्ती गाली को ठूंसकर इसे उतकृष्ट बनाने की कोशिश की गई हो।
म्यूज़िक के मामले में यह वेब सीरीज़ गच्चा खा गई है। बीच में कुछ कविताएं कहने की कोशिश की गई हैं। हालांकि, वह आपको कनेक्ट नहीं कर पाती है। बैकग्राउंड स्कोर भी औसत है।
ख़ास बात
सुष्मिता सेन का कमबैक जबरदस्त है। 'स्पेशल ऑप्स' के बाद हॉटस्टार एक और अच्छी सीरीज के साथ हाजिर हुआ है। हालांकि, यह वेब सीरीज़ परफेक्ट की फिनिश लाइन से थोड़ी पीछे छूट जाती है। हालांकि, यह आपका समय बर्बाद नहीं करने वाली है।
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