'लापतागंज' में दस साल पहले ही हो गई थी कोरोना वायरस की भविष्यवाणी

टीवी शो 'लापतागंज' का एक एपिसोड इन दिनों तेजी से वायरल हो रहा है। दस साल पहले यानी साल 2010 में टेलीकास्ट हुए इस 'वहम का इलाज' नाम के एपिसोड में कोरोना वायरस जैसी घातक बीमारी का जिक्र है। इसमें ठीक वही लक्षण बताए जा रहे हैं, जैसे कोविड-19 में पाए जा रहे हैं। इस धारावाहिक के अलावा कुछ और भी धारावाहिक हैं, जिनमें कोरोना जैसे घातक वायरस का जिक्र किया गया है। 

tv show laptaganj episode 'waham ka ilaj'
कोरोना वायरस का संक्रमण दिनों दिन बढ़ता जा रहा है। इसके प्रसार से बचने के लिए लॉकडाउन तक किया गया, लेकिन कुछ दिनों की राहत के बाद पूरी तरह से इस घातक वायरस को फैलने से रोकने में असफल हो रहे हैं। 

यहीं इन दिनों सोशल मीडिया पर टीवी शो 'लापतागंज' का एक एपिसोड तेजी से वायरल हो रहा है, जो तकरीबन दस साल पहले यानी साल 2010 में टेलीकास्ट हुआ था। 'वहम का इलाज' नाम के इस एपिसोड में कोरोना वायरस जैसे एक घातक वायरस का जिक्र किया जा रहा है। चौंकाने वाली बात यह है कि एपिसोड में उस घातक वायरस को लेकर जिस तरह के लक्षण बताए जा रहे हैं, वो बिलकुल 'कोविड-19' के लक्षण की तरह ही हैं। 

'लापतागंज' का एपिसोड नंबर 86 का वीडियो तेजी से वायरल हो रहा है। वीडियो में घोषणा हो रही है कि सभी अपनी सेहत का रखें ध्‍यान, क्‍योंकि प्रदेश में एक नई बीमारी पधार चुकी है। यह जानलेवा भी है। यदि किसी को लगातार खांसी और जुकाम की शिकायत हो, धुंआधार छींकें आ रही हों, तो उससे दूरी बनाए और डॉक्‍टर को दिखाए।

इस वीडियो में अभिनेता रोहिताश गौड़ कहते हैं, 'मौसी यह विदेशी बीमारी है, जिससे देशभर में 50 से ज्यादा लोग मर चुके हैं। अब यह बीमारी अपने गांव में भी पैर पसार रही है। अब इसका इलाज तो डॉक्टर तिवारी ही बता सकते हैं।'

इसके बाद सभी गांववाले डॉक्टर तिवारी के पास इस बीमारी के बारे में जानने के लिए पहुंचते हैं। इस बीमारी के बारे में बात करते हुए डॉक्टर तिवारी कहते हैं, 'जिस भी व्‍यक्ति को खांसी या जुकाम हो उससे हाथ न मिलाएं। कम से कम 10 फीट की दूरी बनाएं रखें, उसे खुद से दूर भगाएं।'

इस सब के बाद वहां मौजूद लोग उनसे बीमारी के लक्षणों के बारे में पूछते हैं, तो डॉक्टर तिवारी बताते हैं, 'जिसको यह बीमारी होगी वह बार-बार छींकेगा, बात बात पर हांफेगा, सूखे पत्‍ते की तरह कांपेगा। खांसने-छींकने वाले व्‍यक्ति से दूरी बनाए रखें, और खुद को सुरक्षित रखने के लिए मास्‍क पहनें।'

वहीं इस एपिसोड के अचनाक वायरल होने के बाद रोहिताश्व गौड़ भी काफी अचंभित हैं और इस मामले पर प्रतिक्रिया देते हुए कहते हैं कि कभी-कभी जाने-अनजाने में इस तरह की चीजों की भविष्यवाणी हो जाती है।



बता दें कि सीरियल 'लापतागंज' का पहला सीजन 26 अक्टूबर 2009 में सब टीवी पर प्रसारित हुआ था और 11 जनवरी 2013 ने इसका आखिरी एपिसोड दिखाया गया। फिर कुछ महीनों के बाद इस सीरियल का दूसरा सीजन 'लापतागंज-एक बार फिर' 10 जून 2013 से प्रसारित हुआ और 15 अगस्त 2014 को आखिरी एपिसोड दिखाया गया।

धारावाहिक 'लापतागंज' एक गांव की कहानी है, जिसमें मुकुन्दी लाल का किरदार रोहिताश गौड़, इंदुमती का किरदार सुचेता खन्ना, कछुआ प्रसाद का किरदार विनीत कुमार, सुरीली का किरदार प्रीति अमीन, मिश्री मौसी का किरदार सुभंगी गोखले ने निभाया था। 

इन धारावाहिकों में भी दिखा कोरोना का कहर 

'कहां हम कहां तुम' में कोरोना

स्टार प्लस पर के धारावाहिक 'कहां हम कहां तुम' में भी एक जानलेवा वायरस के बारे में दिखाया गया। इस शो में दीपिका कक्कड़ इब्राहिम और करण ग्रोवर मुख्य भूमिका में थे। शो में एक ऐसा ट्रैक था, जिसमें एक किरदार एक घातक वायरस का शिकार हो जाता है। उसका नाम 'सुपरवायरस' रहता है। इस वायरस के कारण सोनाक्षी की जान खतरे में पड़ जाती है। यह वायरस कुछ कोरोना जैसा ही था, जिसमें एक व्यक्ति को पीड़ित व्यक्ति से दूर रहना पड़ता है और उसे भी बचाव के लिए चेहरे पर मास्क और हाथ में ग्लव्स पहनने पड़ते हैं। शो में लीड एक्ट्रेस की रेयर ब्लड ग्रुप से एंटीडोट बना कर बाकी लोगों की जान बचा ली जाती है। 

'सीआईडी' में भी घातक वायरस

क्राइम टीवी शो 'सीआईडी' के एपिसोड में कोरोना जैसे ही घातक वायरस और उसके प्रकोप दिखाया गया था। इस एपिसोड का नाम था 'खतरनाक वायरस का रहस्य', जिसे साल 1998 में ऑन एयर किया गया था। एक अंग्रेज़ी डेली से बात करते हुए 'सीआईडी' में एसीपी प्रद्युमन का किरदार निभाने वाले एक्टर शिवाजी साटम ने उस एपिसोड की तुलना आज की कोरोना महामारी से की। शिवाजी साटम ने बताया कि जिस तरह आज कोरोनावायरस से बचने और उसका सामना करने के लिए हमें मास्क और बॉडी सूट की जरूरत है, उसी तरह उस एपिसोड में भी हमें रहस्यमय वायरस से बचने के लिए मास्क और बॉडी सूट पहनने की जरूरत थी। 

'सीआईडी' के उस एपिसोड की कहानी में एक फार्मा कंपनी के कर्मचारी को जब नौकरी से निकाल दिया जाता है तो वह कंपनी से रहस्यमय और जानलेवा वायरस वाली बोतल चुरा लेता है। इसी वायरस से पूरे देश पर खतरा मंडराने लगता है।

संबंधित ख़बरें

टिप्पणियाँ