अगस्त से गुलज़ार होंगे सिनेमाघर

बीते कई महीनों से बंद पड़े सिनेमाघरों में एक बार फिर से हलचल शुरू होने की उम्मीदें जगीं। 31 जुलाई को अनलॉक-2 खत्म हो रहा है। ऐसे में अनलॉक-3 की एसओपी बनाने की प्रकिया शुरू हो गई है, जिसमें सिनेमाघरों को फिर से शुरू करने का अनुरोध भी किया है। वहीं ट्रेंड एनालिस्ट कोमल नाहटा ने भरोसेमंद सूत्र के हवाले से 1 अगस्त से सिनेमाघरों के खुलने की जानकारी अपने ट्विटर पर दी है। 

cinema hall

कोरोना संकट के चलते बीते कई महीनों से सिनेमाघर बंद पड़े थे। इधर कई फिल्मों ने डिजिटल रिलीज़ करने के करार कर लिए और फिर एक के बाद एक थिएट्रिकल रिलीज़ के लिए बनी फिल्मों ने ओटीटी रिलीज़ को चुन लिया। 
इस बीच सिनेमाघर मालिकों ने काफी दुखड़ा रोया, आपत्ति जताई, लेकिन नतीजा शून्य ही रहा। अब इन सबके लिए राहत की ख़बर मिल रही है। 

दरअसल, ख़बरें हैं कि 31 जुलाई को अनलॉक-2 खत्म हो रहा है और ऐसे में सरकार ने अनलॉक-3 को लेकर एसओपी बनाने की प्रकिया शुरू कर दी है। 

इस बार एसओपी में कई अन्य चीजों के साथ सिनेमाघरों को खोलना भी शामिल किया गया है। सूचना और प्रसारण मंत्रालय की ओर से इस संदर्भ में एक प्रस्ताव गृह मंत्रालय को भेजा गया है।

इस प्रस्ताव में अगस्त में सिनेमाघरों को खोलने का अनुरोध किया गया है। वहीं सूचना और प्रसारण सेक्रेटरी अमित खरे ने शुक्रवार को सीआईआई मीडिया कमिटी के साथ हुई क्लोज डोर मीटिंग में ये संकेत दिए। हालांकि, इस पर अंतिम कॉल होम सेक्रेटरी का होगा।

अमित खरे ने कहा कि उन्होंने सिफारिश की है कि सिनेमाघरों को 1 अगस्त से या कम से कम 31 अगस्त के आसपास फिर से खोलने की अनुमति दी जा सकती है। इसके लिए एक फॉर्मूला भी बनाया गया है, जिसके तहत सलाह दी गई है कि पहली कतार में अल्टरनेट सीट और उसकी अगली कतार को खाली रखा जाए और इसी क्रम में आगे बढ़ा जाए।

अमित खरे के अनुसार, उनकी मिनिस्ट्री ने दो मीटर की दूरी के नॉर्म को मंजूरी देने की अपील की है। हालांकि, अभी होम मिनिस्ट्री से इस पर कोई प्रतिक्रिया नहीं आई है।

वहीं ट्रेंड एनालिस्ट कोमल नाहटा ने भी एक अगस्त से सिनेमाघरों के खुलने को लेकर संकेत दिए हैं। कोमल ने ट्वीट करके बताया है कि उन्हें एक भरोसेमंद सूत्र से पता चला है कि सिनेमाघर एक अगस्त से खुल सकते हैं। 


इस मामले में सिनेमागर मालिकों की सूचना और प्रसारण मंत्रालय के साथ मीटिंग पहले ही हो चुकी है। वे मंत्रालय के फॉर्मूला से संतुष्ट नहीं हैं। उनका कहना है कि यदि इस फॉर्मूले से चलते हैं तो सिर्फ 25 फीसदी ऑडियंस ही ऑडिटोरियम में बैठ पाएगी, जबकि वे चाहते हैं कि उन्हें 50 फीसदी ऑडियंस के साथ थिएटर्स खोलने की अनुमति मिले।

वहीं इन हालात में यदि सिनेमाघर खुलते हैं, तो काफी कुछ बदला हुआ नज़र आएगा। सोशल डिस्टेंसिंग के साथ-साथ सिनेमा हॉल्स का रेगुलर सैनेटाइजेशन, पेपरलेस टिकट, ऑडियंस की मास्क के साथ एंट्री जैसे नियम लागू किए जाएंगे।

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