'शकुंतला देवी' के लिए विद्या बालन ने सीखा बांसुरी बजाना
विद्या बालन ने बायोग्राफिकल ड्रामा 'शकुंतला देवी' के किरदार में ढलने के लिए बांसुरी बजाना सीखा। दरअसल, मामला यह है कि जब विद्या को पता कि शकुंतला देवी बांसुरी बजा लेती थीं, तो इस हुनर में अपने हाथ साफ करने का मन विद्या ने बनाया और इसका प्रशिक्षण लिया।

विद्या बालन अपने किरदार में ढलने के लिए हर मुमकिन कोशिश करती है, ताकि उसे पर्दे पर साकार कर सकें। तभी तो उनके द्वारा पर्दे पर निभाए हर किरदार को दर्शकों का प्यार मिलता है।
'परिणीता' की 'लोलिता' हो या 'कहानी' की 'बिद्या बागची', 'डर्टी पिक्चर' की 'सिल्क स्मिता' या फिर 'तुम्हारी सुलु' की 'सुलु'...सभी किरदारों ने अलग छाप छोड़ी है।
अपने किरदार में ढलने के लिए विद्या काफी रिसर्च करती हैं और यहां तक कि हाव-भाव को भी पूरी तरह से ओढ़ लेती हैं। ऐसा ही कुछ उन्होंने अपनी अगली फिल्म 'शकुंतला देवी' के लिए भी किया।
गणित की अद्धभुत प्रतिभा की धनी 'ह्यूमन कम्प्यूटर' कही जाने वाली शकुंतला की लाइफ पर बेस्ड फिल्म के लिए विद्या ने बांसुरी बजाना तक सीख लिया।
दरअसल, विद्या को शकुंतला देवी के लिए रिसर्च करते समय यह जानकारी मिली कि वो बांसुरी भी अच्छी तरह से बजा लेती थीं, तो उन्होंने तुरंत इसका प्रशिक्षण भी लेना शुरू कर दिया, ताकि किरदार में उतर सकें।
विद्या ने वास्तविक शकुंतला देवी के सभी पहलुओं की खोज करने में गहरी दिलचस्पी ली और उनके सभी गुणों को इतना आत्मसात कर लिया कि उन्होंने बांसुरी बजाना सीख लिया, और हमारे पास उनके लिए बस एक ही शब्द है कि हर भूमिका को स्वीकार करने के लिए विद्या को प्रणाम करते. अपने कला के प्रति विद्या का समर्पण सराहनीय है।
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