धर्मेंद्र को जगदीप देते थे 'अठन्नी-चवन्नी'
हिन्दी फिल्म इंडस्ट्री के मशहूर चरित्र अभिनेता जगदीप के साथ धर्मेंद्र ने 'शोले', 'प्रतिज्ञा', 'शराफत', 'रखवाला', 'सूरमा भोपाली' सरीखी कई फिल्मों में काम किया है। जगदीप के निधन की ख़बर से धर्मेंद्र आहत हैं और मुंबई आने के बाद वो जगदीप के परिवार से मिलने भी जाएंगे। वहीं हाल ही में दिए अपने इंटरव्यू में उन्होंने जगदीप और अपने कई दिलचस्प किस्से साझा किए।
बॉलीवुड के दिग्गज चरित्र अभिनेता जगदीप का निधन 8 जुलाई को हुआ। 81 साल की उम्र में उन्होंने मुंबई में अपनी आखिरी सांस ली। उनके गुजर जाने से पूरे बॉलीवुड में शोक की लहर है।
इसी बीच जगदीप के साथ कई फिल्मों में स्क्रीन शेयर कर चुके अभिनेता धर्मेंद्र ने एक इंटरव्यू दिया, जिसमें उन्होंने दोनों के रिश्ते और किस्से साझा किए।
एक लीडिंग अंग्रेजी डेली से बातचीत में धर्मेंद्र ने बताया कि जब वो इंडस्ट्री में आए, तब तक जगदीप एक बड़ा नाम बन चुके थे। हालांकि, बाद के सालों में दोनों ने कई फिल्मों में साथ में काम किया, जिनमें 'प्रतिज्ञा', 'शोले', 'सूरमा भोपाली' आदि। उनके साथ कई खूबसूरत यादें हैं।
जगदीप के व्यक्तित्व के बारे में बात करते हुए उन्होंने कहा, 'वे बहुत जॉली किस्म के इंसान थे। बहुत बड़े कलाकार थे। कहां से कहां तक उन्होंने तरक्की की, यह तो सारा जमाना ही जानता है। बिमल रॉय की फिल्मों से शुरू हुए थे। बतौर हीरो भी उन्होंने कई फिल्में की। कॉमेडियन, तो वो लाजवाब रहे। उनकी एक फिल्म 'सूरमा भोपाली' में मैंने भी काम किया था। इस फिल्म का निर्देशन जगदीप ने ही किया था। फिल्म में मेरा डबल रोल था। वह फिल्म करके काफी मजा आया था। मेरा क्या है? मुझे कोई प्यार मोहब्बत से मिले, तो मैं उसका हो लेता हूं। जगदीप जी वैसे ही थे।'
वो आगे कहते हैं, 'एक्टिंग में कॉमेडी सबसे मुश्किल काम है, जिसे जगदीप बहुत एफर्टलेस तरीके से किया करते थे। आप किसी को उदास तो एक सेकंड में कर सकते हैं। किसी के जज्बात से पल भर में खेल सकते हैं, लेकिन दुखी को हंसा देना बहुत बड़ी बात होती है। रोते हुए को हंसा देना बहुत बड़ी बात होती है।'
जगदीप ने दी थी चवन्नी-अठन्नी
धर्मेंद्र ने बताया कि उन्हें पुराने सिक्कों को जमा करने का शौक है। इस बारे में वो कहते हैं, 'अठन्नी, चवन्नी जो कभी गुजरे दौर में हम लोग इस्तेमाल किया करते थे। हम लोगों के बचपन में तो चवन्नी की बढ़ी कीमत होती थी, तो जगदीप ने खासतौर पर अठन्नियां लाकर मुझे दीं। कहा कि पाजी मुझे मालूम है, आपको पुराने सिक्कों का बहुत शौक है। मेरे पास कुछ पड़े हैं, प्लीज आप उन्हें ले लीजिए। इस किस्म की फीलिंग एक दूसरे के लिए हम दोनों में थी।'
अमर है 'सूरमा भोपाली' का किरदार
जगदीप द्वारा फिल्म 'शोले' में निभाया गया किरदार 'सूरमा भोपाली' को धर्मेंद्र अमर बताते हैं। वो आगे कहते हैं, 'फिल्म 'इश्क पर जोर नहीं' में वो एक बंगाली शख्स की भूमिका में थे। बिलकुल बांग्ला टोन में उन्होंने हिंदी बोली थी। वहीं 'शोले' के 'सूरमा भोपाली' किरदार से तो वह अमर हो गए। जब तक फिल्म इंडस्ट्री रहेगी, लोग फिल्में देखते रहेंगे और 'सूरमा भोपाली' को भी याद रखेंगे।'
जगदीप के जाने का दर्द
धर्मेंद्र ने कहा कि उन्होंने अपना नाम बदलकर जगदीप क्यों रखा, इसकी मुझे जानकारी नहीं है और ना मैंने कभी वह सब चीजें उनसे पूछीं। हमारे जमाने में तो नाम जो है, वो महीने या हफ्ते के दिन पर भी रख दिए जाते थे। जैसे किसी की पैदाइश मंगल को हुई, इसलिए उसका नाम मंगल रख दिया जाता था। उसमें साल और तारीख नहीं रखी जाती थी। ताकि हमेशा उसकी उम्र पता ना चल सके। वह जवान रहे, जिंदा रहे। बहरहाल इतने साल हम दोनों साथ रहे। अब ऐसा लग रहा है कि कुछ टूट गया है मेरे भीतर से।
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