गीतकार स्वानंद किरकिरे म्यूज़िक एप्स से 'क्रेडिट' न देने पर भड़के, मिला मनोज मुंतशिर का साथ

गीतकार स्वानंद किरकिरे ने ऑनलाइन म्यूजिक एप्स पर गीतकारों को क्रेडिट न दिए जाने का मामला उठाया है। वहीं अन्य गीतकार मनोज मुंतशिर ने उनका साथ देते हुए कहा, 'याचना नहीं अब रण होगा, चलिए मिल के लड़ते हैं।' वहीं स्वानंद किरकिरे की इस आपत्ति के बाद वरुण ग्रोवर समेत कई अन्य यूज़र्स भी उनके समर्थन में उतर आए। 

Swanand Kirkire
हिन्दी फिल्म इंडस्ट्री में नेपोटिज़्म, आउटसाइडर, गुटबाजी तमाम मुद्दे गर्म हैं। अब इसी बीच 'क्रेडिट' की जंग भी छिड़ गई है। दरअसल, गीतकार स्वानंद किरकिरे का गुस्सा ऑनलाइन म्यूज़िक एप्स पर फूटा है। 

'थ्री इडियट' और 'पीके' सरीखी फिल्मों के गाने लिख चुके गीतकार स्वानंद किरकिरे ने ऑनलाइन म्यूजिक एप्स पर गीतकारों को क्रेडिट नहीं दिए जाने का मामला उठाया है। 

इसे लेकर उन्होंने सोशल मीडिया पर कई ट्विट्स किए हैं, जिसके बाद गीतकार मनोज मुंतशिर और गीतकार वरुण ग्रोवर सरीखी अन्य लोग भी उनके समर्थन में उतरे। 

स्वानंद किरकिरे ने 18 जुलाई को एक म्यूजिक एप पर उपलब्ध फिल्म 'दिल बेचारा' एल्बम के कुछ स्क्रीनशॉट्स शेयर करते हुए लिखा था, 'इन म्यूज़िक एप्स पर तो लिरिक राइटर का नाम लिखने का रिवाज ही नहीं है, जो thumbnail निर्माता ने दिया उस पर महीन अक्षरों में लिखा है, लेकिन अंदर जैसे हर गाने पर संगीतकार का नाम है, गीतकार का नहीं। बोल प्रिंट तो किए हैं, नाम नहीं कर पाये।' 

दिलचस्प बात यह है कि इस फिल्म के गाने अमिताभ भट्टाचार्य ने लिखे हैं, स्वानंद किरकिरे ने नहीं। 

इसके बाद 21 जुलाई को किए अपने ट्वीट में स्वानंद ने एक म्यूजिक एप पर मौजूद कुछ अन्य फिल्मों के गानों की लिस्ट का स्क्रीनशॉट शेयर करते हुए लिखा, 'क्या 'कल हो न हो', 'रॉकस्टार', 'थ्री इडियट्स', 'गैंग्स ऑफ वासेपुर'... 'तेरी मिट्टी (सिंगल)' में गीत लेखक का नाम नहीं होना चाहिए? आप खुद देख लीजिए नामों निशान नहीं है। बाकी एप्स के शॉट्स कल लगाऊंगा।'

वहीं जब एक यूजर ने गीतकार मजरूह सुल्तानपुरी और शैलेंद्र का नाम लेकर कहा कि उन्हें कोई बड़ा अवॉर्ड नहीं मिला था, तो जवाब देते हुए स्वानंद किरकिरे ने लिखा, 'हम लोग क्रेडिट की बात कर रहे हैं, अवॉर्ड्स की नहीं। यहां तक कि मजरूह साहब और शैलेंद्र साहब भी इन म्यूजिक कंपनियों के एप के एल्गोरिदम का हिस्सा नहीं हैं।'

इसके बाद बुधवार को किए अपने ट्वीट में किरकिरे ने लिखा, 'यहां अलग-अलग समय की 3 कल्ट फिल्मों 'तीसरी कसम' (शैलेंद्र), 'लगान' (जावेद अख्तर) और 'ओमकारा' (गुलजार) के एल्बम के स्क्रीनशॉट्स लगाए हैं। यदि इन्हीं का नाम नहीं दे रहे, तो हम किस खेत की मूली हैं?'

स्वानंद किरकिरे के इस ट्वीट पर प्रतिक्रिया देते हुए गीतकार मनोज मुंतशिर ने लिखा, 'ये सिर्फ @spotify के साथ नहीं है भाई, अमेजन म्यूजिक, एपल म्यूजिक, हंगामा, गाना, जियो सावन किसी ने भी हमें पहचान देना जरूरी नहीं समझा। खैर, अब आपने आवाज़ उठा ही दी है, तो मुझे दिनकर के शब्द याद आ रहे हैं, 'याचना नहीं अब रण होगा'। चलिए मिल के लड़ते हैं स्वाभिमान के लिए।'

स्वानंद किरकिरे ने इसके अलावा गीतकार और लेखक वरुण ग्रोवर के ट्वीट को भी री-ट्वीट किया, जिसमें वरुण ने बताया था कि उन्हें साल 2014 में आई फिल्म 'आंखो देखी' के गानों के लिरिक्स में टाइम्स म्यूजिक हब ने क्रेडिट नहीं दिया था।

स्वानंद ने अपने ट्वीट में लिखा था, 'संगीत कंपनी आसानी से रचनाकारों के नामों का उल्लेख करना भूल गई। धुन और शब्द हवा से आए क्या? वरुण ग्रोवर और सागर देसाई दोनों के नाम गायब हैं। इसी गैर जिम्मेदाराना बर्ताव की बात कर रहे थे हम।'

वरुण ने भी इस पर प्रतिक्रिया देते हुए लिखा, 'सभी म्यूजिक एप्स ये मानती हैं कि लिरिक्स के राइटर्स कोई मायने नहीं रखते। फैन्स जो इन गानों का कवर बनाते हैं, वे इन्हें लेखकों के प्रति कहीं ज्यादा सम्मान देते हैं और सुनिश्चित करते हैं कि हमेशा पूरी टीम (गीतकार, गायक, संगीतकार) को क्रेडिट मिले।'

स्वानंद किरकिरे हिंदी फिल्म इंडस्ट्री के जाने-माने गीतकार हैं। इन्होंने 'परिणीता', 'लगे रहो मुन्नाभाई' 'थ्री इडियट्स', 'सिंघम', 'बर्फी', 'पा', 'राजनीति', 'इंग्लिश-विंग्लिश', 'विकी डोनर', 'काई-पो-चे', 'शमिताभ', 'पीके' और 'तानाजी' समेत 50 से ज्यादा फिल्मों के लिए गाने लिखे हैं।

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