'दिल बेचारा' के वो डायलॉग्स जो आपके दिल को पिघला देंगे!
सुशांत सिंह राजपूत की आखिरी फिल्म 'दिल बेचारा' को लेकर लोग पहले से काफी भावुक थे, लेकिन फिल्म ऐसे डायलॉग्स से सजी है, जिसे सुनकर आपकी आंखें भर आएंगी और दिल पसीज जाएगा। ऐसे ही कुछ डायलॉग्स हम आपके लिए लेकर आए हैं।
मुकेश छाबड़ा के निर्देशन में बनी सुशांत सिंह राजपूत की आखिरी फिल्म 'दिल बेचारा' को काफी अच्छे रिस्पॉन्स मिल रहा है। आईएमडीबी पर बेहतरीन रेटिंग्स मिली है, जो एक रिकॉर्ड है।
फैन्स और क्रिटिक्स के साथ फिल्म और टीवी सेलेब्स ने भी फिल्म को देखने के बाद अच्छे रिव्यूज़ दिए हैं। वहीं फिल्म 'दिल बेचारा' की कहानी की तुलना सुशांत के फैन्स उनकी रियल लाइफ से कर रहे हैं।
इस वजह से फिल्म में बोले गए सुशांत के हर डायलॉग को सुनकर फैंस इमोशनल हो रहे हैं। उनके फैन्स का मानना है कि भले ही सुशांत दुनिया से चले गए हों, लेकिन अपनी फिल्म में ज़िंदगी जीने की सीख दे गए हैं। हम आपके लिए लाए हैं, 'दिल बेचारा' के कुछ चुनिंदा डायलॉग्स।
मैं एक फाइटर हूं
फिल्म में मैंनी कहता है, 'मैं एक फाइटर हूं और मैंने अपनी लड़ाई बहुत अच्छे से लड़ी है।' लगता है जैसे सुशांत अपनी ही बात कर रहे हैं।
मैं रियल लाइफ हीरो बनना चाहता हूं
'मैं रियल लाइफ हीरो बनना चाहता हूं... मैं रजनीकांत की तरह विलेन और गुंड़ो को मारना चाहता हूं। मैं हिरोइन की जान बचाना चाहता हूं। अपनी हिरोइन को अपनी जान देना चाहता हूं।' रजनीकांत का डायहार्ट फैन मैनी जब यह बात कहता है, तो लगता है कि सुशांत अपने सपने को फिल्म में बयां कर रहे हैं।
मैं बड़े सपने देखता हूं
फिल्म के इस सीन में जब मैनी, किज़ी के पिता से कहता है, 'मैं बहुत बड़े-बड़े सपने देखता हूं...लेकिन उनको पूरा करने का मन नहीं करता... किज़ी का तो बस एक छोटा सा सपना है और वो पूरा करने का बहुत मन करता है।' ऐसा लगता है, मानो मैनी नहीं सुशांत अपने सपनों को बता रहे हैं। चांद पर प्लॉट खरीदने से लेकर आसमान की सैर करने तक के सपने। वाकई सपने हमेशा बड़े देखते रहे।
जिंदगी बहुत छोटी है...
फिल्म में मैनी ने ज़िंदगी के कई फलसफे दिए हैं। एक सीन में वो कहता है, 'जिंदगी बहुत छोटी है जो भी कहना है कह दो...।'
जब कोई मर जाता है...
'जब कोई मर जाता है, उसके साथ जीने की उम्मीद भी मर जाती है, पर मौत नहीं आती।' सुशांत के दिल में छुपे दर्द को इस एक डायलॉग से फैंस महसूस कर रहे हैं।
मुझे याद करोगे?
अस्पताल में जिंदगी और मौत से जूझ रहा मैनी अपने दोस्त से कहता है, 'तुम मुझे याद करोगे?' फिल्म के इस डालयॉग उनके फैन्स के लिए इमोशनल कर देने वाला था।
अपना फ्यूर्नल अटेंड करना चाहता हूं
फिल्म के आखिरी हिस्से में मैनी जब अपने दोस्त जेपी और किज़ी से कहता है, 'मैं अपना फ्यूर्नल अटेंड करना चाहता हूं'...यह सुनने के बाद फिल्म देखने वाले हर शख्स की आंख भीग जाती है।
राजा मर गया
फिल्म के आखिर में जब मैनी की मृत्यु हो जाती है, तो वो किज़ी के लिए एक चिट्ठी छोड़ जाता है, जिसमें उसमें लिखा है, 'राजा मर गया, लेकिन रानी ज़िंदा है....वो जब तक ज़िंद है..हमारी कहानी चलती रहेगी...' सुशांत सिंह राजपूत का यह डायलॉग भी आंखों को भिगो देता। लगता है कि जैसे सुशांत को अपनी मृत्यु का पहले से ही अंदेशा हो...।
...और आखिर में 'सेरी'...किज़ी और मैनी का यह वर्ड अब सुशांत के फैन्स का वर्ड बन गया है। 'सेरी' मतलब 'ओके'...।
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