शाहरुख खान का खार ऑफिस तब्दील हुआ आईसीयू में, कोविड-19 से ग्रसित मरीजों का होगा इलाज
शाहरुख खान ने अपने खार स्थित दफ्तर को अप्रैल के महीने में ही बीएमसी को सौंप दिया था, ताकि यहां पर कोरोना वायरस से संक्रमित मरीजों का इलाज हो सके। मई के अंत में इसे डॉक्टर्स और चिकित्साकर्मियों ने टेकओवर किया था, लेकिन अब जाकर शाहरुख के इस दफ्तर को आईसीयू सेंटर में तब्दील कर दिया गया है। इसे 15 बेड वाला आईसीयू सेंटर बनाया गया है, जो हिन्दुजा अस्पताल द्वारा संचालित किया जा रहा है।
कोरोना वायरस आउटब्रेक के चलते कई फिल्मी सितारों ने अपने खाली पड़े बंगलों और दफ्तरों को बीएमसी को सौंपा था, ताकि बीएमसी इसे क्वारंटाइन सेंटर के रूप में तब्दील कर के कोरोना संक्रमितों का इलाज कर सके।
इसी कड़ी में शाहरुख खान और उनकी पत्नी गौरी खान ने भी अप्रैल में खार स्थित अपने दफ्तर को बीएमसी के हवाले किया था। हालांकि, शाहरुख के मीर फाउंडेशन को समर्पित इस ऑफिस को डॉक्टरों और चिकित्सा कर्मचारियों की कमी के कारण मई के अंत में टेक ओवर किया गया।
इसके महीनों बाद बीएमसी ने अब इसे क्वारंटाइन सेंटर के रूप में बदल दिया है। इसे 15 बेड वाला आईसीयू बनाया गया है, जिसे हिन्दुजा अस्पताल द्वारा संचालित किया जा रहा है। इस पर काम 15 जुलाई को शुरू किया गया था और आइसोलेशन में रखे गए रोगियों को एक अलग सेंटर्स में भेज दिया गया था।
लीडिंग पोर्टल से इस बारे में बात करते हुए हिंदुजा अस्पताल के कार्यकारी निदेशक डॉ. अविनाश सुपे ने बताया कि महामारी के दौरान अधिक आईसीयू बेड की आवश्यकता होती है। इसलिए इस जगह को अच्छी तरह से वेंटिलेटर और ऑक्सीजन टैंक की व्यवस्था कर दी गई है।
डॉ. अविनाश सुपे ने आगे बताया कि सेंट्रल ऑक्सीजन फैसिलिटी के साथ छह बेड पहली मंजिल पर और पांच आईसीयू बेड और चार स्टैंडबाय बेड दूसरी मंजिल पर हैं। सभी सर्विस बीएमसी के मार्गदर्शन में हिंदुजा अस्पताल द्वारा संचालित की जाएगी।
वहीं, एच-वेस्ट वार्ड के सहायक नगर आयुक्त विनायक विस्पुते ने पोर्टल को बताया कि शाहरुख का ऑफिस 'वार्ड के नागरिकों के लिए वैकल्पिक अस्पताल' की तरह है। उन्होंने आगे बताया कि हिंदुजा अस्पताल सातों दिन और 24 घंटे रेजिडेंट डॉक्टर, पैरामेडिकल और नर्सिंग स्टाफ उपलब्ध कराएगा, जबकि शाहरुख की मीर फाउंडेशन सुरक्षा, हाउसकीपिंग, वाटरप्रूफिंग, बेड और खाने की व्यवस्था करेगी।
बताया गया कि इस क्वारंटाइन सेंटर में 66 रोगी थे, जिसमें से 54 को ठीक होने के बाद घर भेज दिए गए हैं, जबकि 12 मरीजों को जगह को अपग्रेड करने के लिए शिफ्ट करना पड़ा।
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